महाराष्ट्र के सांगली ज़िले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक पिता ने अपनी 17 वर्षीय बेटी को केवल इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसने NEET के मॉक टेस्ट में कम नंबर हासिल किए थे। बेटी, सधना भोसले, पढ़ाई में बेहद होशियार थी और डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी।
होनहार बेटी पर था परिवार का सपना
सधना भोसले ने 10वीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए थे और वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रही थी। उसका सपना था कि वह डॉक्टर बने और अपने माता-पिता का नाम रोशन करे। लेकिन हाल ही में हुए मॉक टेस्ट में अपेक्षाकृत कम अंक आने पर उसके पिता का व्यवहार अचानक बदल गया।
गुस्से में पिता बना जल्लाद
घटना शुक्रवार रात की है। पुलिस के मुताबिक, सधना के पिता धोंदीराम भगवंत भोसले, जो कि एक निजी शिक्षण संस्था के प्राचार्य हैं, ने बेटी की मॉक टेस्ट की कॉपी देखने के बाद आपा खो दिया। उन्होंने पहले उससे बहस की और फिर एक लकड़ी की छड़ी और पत्थर पीसने वाले ग्राइंडर के डंडे से उस पर बर्बर हमला कर दिया। यह सब घर में ही हुआ, जहां अन्य परिजन भी मौजूद थे।
अस्पताल में तोड़ा दम
हमले में सधना को गंभीर सिर की चोटें आईं। अगले दिन उसकी मां प्रीति भोसले ने उसे स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मां ने दर्ज कराई शिकायत, पिता गिरफ्तार
अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने के बाद, मां प्रीति ने हिम्मत जुटाकर पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पिता को भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
क्या कहता है समाज?
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज की शिक्षा प्रणाली और अभिभावकों की उम्मीदें बच्चों के लिए ज़िंदगी से बड़ी हो गई हैं? एक होनहार लड़की, जिसने कभी 95% अंक लाए थे, केवल एक मॉक टेस्ट में खराब प्रदर्शन के कारण अपने ही पिता की क्रूरता का शिकार हो गई।