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UP News : एनसीआरबी के आंकड़े और जमीनी हकीकत में कोई तालमेल नहीं

Lucknow : लखनऊ। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े और जमीनी हकीकत (ground reality) के बीच कोई तालमेल नहीं है। यूपी में मौजूदा साल में जनवरी से अगस्त (January to August) तक साइबर क्राइम (cyber crime) की 85 हजार से अधिक शिकायतें (More than 85 thousand complaints) दर्ज की गई हैं। यानी हर दिन औसतन साढ़े तीन सौ शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। जबकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक यूपी में हर दिन साइबर क्राइम के 25 से भी कम मामले आ रहे हैं।

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि यूपी में साइबर अपराध के मामले कम हुए हैं। वर्ष-2020 में 11,097 और वर्ष 2021 में 8,829 मामले दर्ज किए गए। जबकि एनसीआरपी पर जो ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, वह बहुत ज्यादा हैं। वहां वर्ष 2021 में 56,869 शिकायतें इस पोर्टल पर यूपी से दर्ज कराई गई थीं। इनमें से सिर्फ 484 शिकायतें ही एफआईआर में तब्दील हुईं। इसके अलावा साइबर थानों, सामान्य थानों और ई-थानों पर जो शिकायतें आईं, वह अलग हैं। वैसे साइबर अपराध के लिए एक पूरी विंग बनाई गई है, लेकिन यहां भी साइबर अपराध के सभी मामलों की जानकारी नहीं हो पाती है। प्रदेश के 18 साइबर थानों में पांच लाख रुपये से अधिक के साइबर फ्राड के मामलों को दर्ज किया जाता है। बाकी मामले स्थानीय थाने पर दर्ज कराए जाते हैं।

साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि जबसे ऑनलाइन लेनदेन शुरू हुआ है, तब से साइबर अपराध साल दर साल बढ़ रहा है। खासकर कोविड काल में यह फ्रॉड और भी अधिक बढ़ा है। ऐसे में एनसीआरबी के आंकड़ों में यह आंकड़ा कम होना समझ से परे है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध होने पर ऑनलाइन शिकायत राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य स्तर पर दोनों जगह दर्ज करा सकते हैं। फोन कॉल के जरिए भी शिकायत दर्ज की जा रही है। यूपी में अलग से साइबर थाने भी खुल गए हैं। इसके अलावा हर थाने पर साइबर डेस्क भी बनाई गई है। ऐसे में साइबर अपराध का कम होना कहीं से भी तार्किक नहीं है। हालांकि यह जरूर संभव है कि शिकायतों का एक बड़ा प्रतिशत एफआईआर में तब्दील न हो पाता हो। एनसीआरबी केवल एफआईआर को ही आधार मानती है और उसी के अनुसार रिपोर्ट तैयार करती है।

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