Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी पर पर हर मनोकामना पूर्ण करने के लिए 300 वर्ष बाद ब्रह्मा और शुक्ल का अद्भुत शुभ योग

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Ganesh Chaturthi 2023
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 12:39 AM
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Ganesh Chaturthi 2023:  मीना कौशिक।19 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर देश भर में घर-घर गणेश जी की प्रतिमा की  स्थापना करके उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। गणेश जी की पूजा अर्चन और विशेष पूजा के साथ खासतौर से दुर्वा पूजा और लड्डू के साथ पीतांबर वस्त्र पहनकर आपने पूजा की और गणेश जी को भी पीतांबर वस्त्र पहनाएं तो आपके सारे काम बन जाएंगे। गणेश जी बुद्धि और समृद्धि के दाता है अपने श्रद्धा से उन्हें मात्र दुर्वा चढ़ा कर भी अक्षत और जल के साथ उनका स्मरण किया और पूजा अर्चना की तो आपके काम में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाएगी ,सभी संकट दूर हो जाएंगे। क्योंकि कल संकट चतुर्थी पर 300 वर्षों बाद पंडितों के अनुसार ब्रह्मा और शुक्ल योग एक साथ मिलकर शुभ योग बना रहे हैं देवों में प्रथम देव है गणेश... गणेश चतुर्थी पर दुर्वा पूजा से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी आपका पूरा घर परिवार सुखी और संपन्न रहेगा। प्रख्यात पंडित सुरेश पांडे क्या कहना है गणेश जी सभी देवों में प्रथम देव है और उनकी पूजा अर्चना से समृद्धि और विवेक प्राप्त होता है जिससे सभी संकट दूर होकर परिवार के सदस्यों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। और कल से 11 दिनों के लिए गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ देश भर में यह पर्व 19 सितंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा और अगले 10 दिनों तक यह पर्व पूजा पाठ के साथ 11 दिन बाद गणेश जी को विदाई करके उनका विसर्जन किया जाएगा। Ganesh Chaturthi 2023 गणेश चतुर्थी की परंपरा... ये पर्व  हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करके स्नान ध्यान के बाद दुर्वा लड्डू फल फूल अक्षत के साथ भगवान गणेश जी की पूजा करके उनका विशेष आशीर्वाद मांगा जाता है। और मान्यता है कि भगवान गणेश बुद्धि विवेक और समृद्धि के दाता है और उनकी पूजा अर्चन करने से सभी संकट दूर रहते हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक चलता है.. पंडित सुरेश पांडे के मुताबिक पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है. ये पर्व गणेश चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर अगले 10 दिनों तक चलता है. वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदा किया जाता है.। इस बार उदया तिथि के आधार पर 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाने वाला है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए. बुद्धि समृद्धि और विवेक के दाता है गणेश... आपको अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उसकी पढ़ाई के लिए या फिर अपने पति, परिवार के सदस्यों के लिए संकट मुक्त अच्छा भविष्य की कामना करनी है तो आपको सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा अवश्य करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए.। हिंदू धर्म में भगवान गणेश पूज्य देवता और बुद्धि, सुख-समृद्धि और विवेक का दाता है. और पूजा अर्चन में इनका सर्वप्रथम स्थान है सभी देवताओं की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करके ही अन्य देवों को आमंत्रित किया जाता है। Ganesh Chaturthi 2023 कल दोपहर में पूजा का शुभ मुहूर्त.. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में दोपहर के प्रहर में हुआ था. ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन पर अगर आप घर पर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करने जा रहे हैं तो दोपहर के शुभ मुहूर्त मैं पूजा का विधान होना चाहिए। गणेश जी की पूजा में दुर्वा का महत्वपूर्ण स्थान... कैसे करें पूजा... गणेश चतुर्थी तिथि पर शुभ मुहूर्त को ध्यान मे रखकर सबसे पहले अपने घर के उत्तर भाग, पूर्व भाग अथवा पूर्वोत्तर भाग में गणेश जी की प्रतिमा को पूरे विधि विधान से स्थापित करें। फिर पूजन सामग्री लेकर शुद्ध आसन पर बैठें. पूजा सामग्री में दूर्वा, शमी पत्र, लड्डू, हल्दी, पुष्प और अक्षत से ही पूजन करके गणेश जी को प्रसन्न किया जाता है। गणेश जी की आराधना में दूर्वा जरूर रखें। गणेश जी की पूजा में कुछ भी ना हो लेकिन दूर्वा से वह प्रसन्न हो जाते हैं। Ganesh Chaturthi 2023 पूजा का विधान... सर्वप्रथम गणेश जी को चौकी पर विराजमान करें और नवग्रह, षोडश मातृका आदि बनाएं. चौकी के पूर्व भाग में कलश स्थापित करें। इसके बाद दिया जलाने के साथ ही अपने ऊपर जल छिड़कते हुए ॐ पुंडरीकाक्षाय नमः कहते हुए भगवान विष्णु को प्रणाम करें और तीन बार आचमन करें। माथे पर तिलक लगाएं.। तो ‘ॐ गं गणपतये नमः इसी मंत्र से सारी पूजा करें। हाथ में गंध अक्षत और पुष्प लें और दिए गए मंत्र को पढ़कर गणेश जी का ध्यान करके गणेश जी का आसान ग्रहण करने के लिए उन्हें आमंत्रित करें। गणेश मंत्र से करें जाप... ॐ श्रीगणेशाय नमः. ॐ गं गणपतये नमः. मंत्र का जाप करते हुए आसन के बाद गणेश जी को स्नान कराएं. पूजा में पंचामृत का भी महत्व होता है।और नहीं हो तो शुद्ध जल से स्नान कराएं. उसके बाद वस्त्र, जनेऊ, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, फल के साथ पूजा अर्चन करें। सबसे अंत में गणेश जी की की आरती धूप दीप कपूर के साथ करें पुनः पुष्पांजलि हेतु गंध अक्षत पुष्प से इन मंत्रों ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात्। से पुष्पांजलि करें. इसके बाद गणेश जी की तीन बार प्रदक्षिणा करें.। क्यों की जाती है दुर्वा और लड्डू से गणेश जी की पूजा... गणेश जी को दूर्वा सबसे अधिक प्रिय है या फिर लड्डू। ऐसी मान्यता है कि दूर्वा और लड्डू से गणेश जी को प्रसन्न करके आप हर प्रकार का सुख अपने परिवार में पा सकते हैं। रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश दुर्गा पूजा से और लड्डू के प्रसाद को प्राप्त करके घर में अन्य और लक्ष्मी का भंडार पूर्ण रखते हैं और किसी भी प्रकार का संकट उसे घर में नहीं आता। गणेश जी दुर्गा और लड्डू से प्राप्त हो जाते हैं। एक मान्यता है की गणेश जी ने अनलासुर रक्षा का अंत करने के लिए उन्हें साबुत निगल लिया था क्योंकि अनलासुर के अत्याचार बढ़ रहे थे और देवताओं ने महादेव शिव से प्रार्थना की अनलासुर का अंत कैसे हो आप बताइए ,ऋषि मुनि और सज्जन आदमियों को अपने अत्याचार से तंग कर रखा है। भगवान शिव ने कहा कि गणेश जी ही अनलासुर के अत्याचार से मुक्ति दिला सकते हैं। तब देवता गण और ऋषि मुनियों ने गणेश जी की पूजा करके उनसे प्रार्थना की कि वह अनलासुर के अत्याचार से मुक्ति दिलाए। गणेश जी ने उनकी प्रार्थना सुनी और गणेश और अनलासुर में भयंकर युद्ध हुआ लेकिन अनलासुर अपना भीषण रूप लिए हुए था ऐसे में गणेश जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने अनलासुर को सबूत निगल लिया था। इसके बाद गणेश जी को पेट में अत्यंत जलन और पीड़ा हुई जिसे शांत करने के लिए ऋषियों ने तमाम जल दवा दूध आदि गणेश जी को प्रदान किया लेकिन उनके पेट की अग्निशमन नहीं हो रही थी तब गणेश जी को ऋषि मुनियों ने कोमल हरी भरी दुर्वा दूब खिलाई। इससे गणेश जी के पेट की अग्नि शांत हुई और उन्हें बहुत तृप्ति हुई और गणेश जी बहुत प्रसन्न हुए तब से गणेश जी ने कहा की जो भी मुझे पूजा अर्चन में हरी भरी दूब यानी दुर्गा अर्पित करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी और वहां रिद्धि सिद्धि का वास रहेगा। लड्डू का प्रसाद ग्रहण कर परिवार को देते हैं एकता का आशीर्वाद... सनातन धर्म के अनुसार गणेश जी को लड्डू सर्वप्रिय है और लड्डू उनके लिए एकता का प्रतीक है ,लड्डू एक होता है जो एक-एक बूंदी को बांधकर रखना है यह परिवार और समाज के लिए  एकता का मंत्र है और जो भगवान गणेश को लड्डू अर्पित करके उनकी पूजा करता है उनके घर में एकता परिवार में समृद्धि और प्यार का माहौल और मिठास बनती है। Ganesh Chaturthi 2023 10 दिन तक ही क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी की पूजा... हम सभी को पता है कि गणेश जी का जन्म महादेव शिव और पार्वती के घर में पुत्र के रूप में हुआ था। और वह विघ्न विनाशक बुद्धि विवेक और लक्ष्मी के दाता है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक महर्षि वेदव्यास ने गणेश जी को महाभारत लिपिबद्ध करने के लिए कहा था और महा ऋषि देव व्यास बोलते गए और गणेश जी लगातार लिखते गए और इस क्रम में 10 दिन तक उन्होंने लगातार महाभारत लिपिबद्ध किया और लगातार 10 दिन कार्य करते हुए वह धूल मिट्टी में सन गए थे। तब उन्होंने सरस्वती नदी में स्नान किया। और तभी से गणेश चतुर्थी के पर्व को उनकी स्थापना करके पूरे 10 दिन तक उनका  पूजा अर्चन किया जाता है और फिर नदी में उनका विसर्जन करके उनकी प्रतिमा को अंतिम विदाई दी जाती है। अनेक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा करके हम सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और खास तौर से दूर्वा और लड्डू का प्रसाद चढ़कर अपने घर में सुख समृद्धि की कामना करते हैं। और गणेश जी कोमल दुर्वा का प्रसाद पाकर लड्डू का प्रसाद ग्रहण करके हमें सुख समृद्धि और हर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद शांति और एकता के लिए देते हैं।

Kalank Chaturthi 2023: आज के दिन भूल कर भी न करें चंद्रमा के दर्शन झेलना पड़ सकता है मिथ्या दोष और कलंक 

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Kalank Chaturthi 2023: आज के दिन भूल कर भी न करें चंद्रमा के दर्शन झेलना पड़ सकता है मिथ्या दोष और कलंक 

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Kalank Chaturthi 2023
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calendar18 Sep 2023 05:48 PM
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Kalank Chaturthi 2023 : Chandra Dosha Kalanka Chaturthi 2023 आज के दिन का चंद्रमा कुछ खास रहने वाला है. जिसके पीछे धार्मिक और ज्योतिष कारण दोनों ही बनते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भादो माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का चंद्रमा दोष प्रदान करता है. आज जहां हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाएगा वहीं आज के दिन ही कलंक चतुर्थी का समय भी होगा अत: ऎसे में रात्रि चंद्र दर्शन करना अनुकूल नहीं माना गया है. धार्मिक कथाओं के आधार पर चंद्र दोष के कारण ही भगवान श्री कृष्ण को भी झेलना पड़ा था मिथ्या दोष एवं उन पर लगा था हत्या का आरोप. आइये जानते हैं कि आज के चंद्रमा को लेकर क्यों है इतना भय और कैसे दूर होता है यह चंद्र दोष.

कलंक चतुर्थी पर होता है चंद्र दर्शन निषेध Moon darshan is prohibited on Kalank Chaturthi

Kalank Chaturthi 2023 हिंदू पंचांग और ज्योतिष के अनुसार  भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को चंद्र दोष चतुर्थी एवं कलंक चतुर्थी के रुप में मनाया जाता है. इस दिन चंद्र दर्शन का निषेध होता है. मान्यताओं के आधार पर इस दिन के चंद्रमा को देखने से व्यक्ति को झूठा दोष सहना पड़ सकता है. उस पर चोरी या किसी भी तरह का आरोप लग सकता है. चंद्रमा को देखने भर से लगने वाला यह दोष कुछ विशेष कारणों से उत्पन्न हुआ जिसके पीछे पौराणिक कथा मौजूद है.

कलंक चतुर्थी पर आखिर क्यों लगता है चंद्रमा को देखने भर से दोष  kalank chaturthi katha

Kalank Chaturthi 2023 गणेश चतुर्थी पूजा का महत्व बहुत विशेष माना गया है. इसे भगवान श्री गणेश की जन्म तिथि रुप में पूजनीय जाना गया है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्यक्ति को चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऎसा करने से मान-सम्मान की हानि हो सकती है. इसके पीछे का कारण एक कथा में छुपा है, जिसके अनुसार चंद्रमा जिन्हें अपनी सुंदरता पर बेहद गर्व था वह अपने अभिमान में चूर होकर एक बार भगवान गणेश के चेहरे को देख कर हंस पड़ते हैं और उनके गजानन मुख का उपहास कर बैठते हैं. उस समय भगवान गणेश बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दिया कि जो कोई भी उन्हें देखेगा उसका अनादर होगा उस पर दोष लगेगा. इस श्राप को सुनकर चंद्रमा ने अपनी गलती पर क्षमा मांगी तब  भगवान गणेश ने उनसे कहा की वह श्राप तो दूर नहीं कर सकते हैं किंतु उसका असर कम कर सकते हैं अत: ऐसा माना जाता है कि यह श्राप आज भी हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी को एक दिन के लिए फलित होता है और इस कारण इस दिन चंद्रमा को देखने का निषेध बताया जाता है.

कलंक चतुर्थी मंत्र से दूर होगा दोष Chandra Dosha remedies

कलंक चतुर्थी के दिन यदि किसी कारन से चंद्रमा के दर्शन हो जाते हैं तो उस समय इस मंत्र का जाप कर लेने से दोष की शांति होती है तथा व्यक्ति को चंद्र दर्शन से होने वाली परेशानी से मुक्ति प्राप्त होती है़ " सिंहःप्रसेनमवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।। " Kalank Chaturthi 2023 एस्ट्रोलॉजर राजरानी

Hartalika Teej 2023:राशि अनुसार इस दिन जरुर करें यह कार्य जीवन साथी के साथ बढ़ेगा प्रेम, दूर होंगे सभी मतभेद 

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Rashifal 18 September 2023- प्रेम संबंधों के मामले में आज इन राशि के जातकों का दिन रहेगा भाग्यशाली

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दैनिक राशिफल 18 सितम्बर 2023
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calendar29 Nov 2025 01:19 PM
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18 September 2023-(सोमवार) (Rashifal 18 September 2023) जानते हैं आपके दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) के मुताबिक कैसा बीतने वाला है आज आपका दिन।

मेष राशि (Aries) –

आज का दिन सामान्य रहेगा। आज आपको अपने नौकरी और व्यवसाय पर ही ध्यान देने की आवश्यकता है। परिवार के साथ आज का दिन अच्छा व्यतीत होगा। परिवार की मदद से आज आप अपने आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाएंगे।

वृषक राशि (Taurus)–

आज का दिन खुशनुमा रहेगा। आज का दिन खास तौर से प्रेम सम्बन्धों के लिए बेहद लाभदायक होगा। जीवन साथी के साथ संबंध मधुर होंगे।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। विद्यार्थियों के लिए आज का दिन लाभदायक साबित होगा। व्यापार में निवेश करने से बचें। नकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर रखें।

मिथुन राशि (Gemini) –

आज का दिन मिलाजुला परिणाम लेकर आने वाला है। व्यवसाय में वृद्धि के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। आर्थिक लाभ हो सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। पिता का आशीर्वाद मिलेगा। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। प्रेम संबंधों में खटास आ सकती है। बेवजह की बहस करने से बचें।

कर्क राशि (Cancer)-

दिन सामान्य रहेगा। नौकरी पेशा ले को लोगों को नई जिम्मेदारियों का वहन करना पड़ सकता है। नौकरी में तरक्की की योग बनते दिखाई दे रहे हैं। शादी के इंतजार में बैठे युवाओं के लिए आज शुभ समाचार आ सकता है। सगे संबंधियों और मित्रों का पूरा साथ मिलेगा। प्रेम संबंधों से जुड़ा कोई खास निर्णय ले सकते हैं।

सिंह राशि (Leo)–

दिन सामान्य रहेगा नौकरी से जुड़े लोगों को आज साथ काम करने वालों का पूरा सहयोग मिलेगा। नई जिम्मेदारियां आने से वर्क लोड थोड़ा बढ़ सकता है। आज खर्च बढ़ने के आसार बनते दिखाई दे रहे हैं। जीवनसाथी के मनोभावों को समझने की कोशिश करें। इससे प्रेम रिश्तो में सुधार आएगी। विद्यार्थियों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण साबित होगा।

कन्या राशि (Virgo) –

दिन सामान्य रहेगा। किसी भी महत्वपूर्ण फैसले पर पहुंचने से पहले बुद्धिमानी से विचार करने की आवश्यकता है। पारिवारिक रिश्ते में थोड़ी मुश्किलें आ सकती है। जीवन साथी के साथ मनमुटाव हो सकता है। पैतृक संपत्ति संबंधित विवाद हो सकते हैं। वाणी एवं क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है।

Rashifal 18 September 2023

तुला राशि(Libra) –

दिन खुशनुमा रहेगा। आज आपकी हर क्षेत्र में सफलता के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। आज आपकी सफलता में आपके सहकर्मियों का पूरा योगदान रहेगा। आर्थिक स्थिति में आज आपको सुरक्षित महसूस करेंगे। नए क्षेत्र में आर्थिक निवेश कर सकते हैं। परिवार के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा।

वृश्चिक राशि (Scorpio)–

दिन खुशनुमा रहेगा। रिश्तेदारों एवं मित्रों के साथ लंबे समय से चले आ रहे हैं मनमुटाव का अंत होगा। व्यवसाय में लाभ के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। कैरियर के क्षेत्र में बदलाव के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। शादी की तलाश में बैठे युवाओं का सपना आज पूरा होगा। विद्यार्थियों के लिए भी आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।

धनु राशि ( Sagittarius) –

दिन सामान्य रहेगा। किसी खास मित्र से मुलाकात हो सकती है। मित्रों का पूरा सहयोग मिलेगा। आज के दिन का ज्यादातर समय दोस्तों के साथ व्यतीत होगा। भविष्य से जुड़ा कुछ महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं। जीवनसाथी के साथ है रिश्ते मधुर होंगे।

मकर राशि (Copricorn)–

आज के दिन आपको बुद्धिमानी से कोई भी फैसला लेने की आवश्यकता है। किसी मित्र या करीबी रिश्तेदार के आगमन से मन प्रसन्न होगा। विद्यार्थियों के लिए आज का दिन थोड़ा कठिन साबित होगा। व्यापार से जुड़े लोगों के लिए आज का दिन शुभ फलदायक है। प्रेमी युगल आज किसी धार्मिक स्थल पर जाने का प्लान बना सकते हैं।

कुंभ राशि (Aquarius) –

कुंभ राशि के जातकों के लिए आज का दिन थोड़ा कठिन साबित हो सकता है। वैवाहिक जीवन में थोड़ी समस्या पैदा हो सकती है। क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। प्रेम संबंधों में थोड़ी खटास आ सकती है। रिश्तो में झूठ बोलने से बचें।

मीन राशि(Pisces)–

दिन सामान्य रहेगा। आर्थिक मामलों में थोड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग बनते दिखाई दे रहे है पारिवारिक जीवन में थोड़ी कठिनता आ सकती है। नौकरी से जुड़े लोगों को नया अवसर मिल सकता है। समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ेगी।