Margashirsha Purnima : मार्गशीर्ष पूर्णिमा किए गए कार्यों का मिलता है 32 गुणा फल

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Margashirsha Purnima
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:05 PM
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शास्त्रों में हर माह की पूर्णिमा (Purnima) और अमावस्या (Amavsya)  का अपना महत्व है, लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) को और भी विशेष माना जाता है। मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) व्यक्ति को मुक्ति दिला सकती है। कहा जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किए गए पूजा, जप तप और अन्य शुभ कार्यों का 32 गुणा फल प्राप्त होता है, इसलिए इस पूर्णिमा को मोक्षदायिनी पूर्णिमा भी कहा गया है।

शुभ मुहूर्त भारतीय हिंदी पंचाग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर 2021, दिन शनिवार को सुबह 7 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 19 दिसंबर 2021 को सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। 18 दिसंबर को साध्य योग सुबह 9 बजकर 13 मिनट तक है, उसके बाद शुभ योग प्रारंभ हो जाएगा। शुभ योग पूर्णिमा के अंत तक रहेगा।

पूजा विधि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर भगवान श्री हरि विष्णु का म​न ही मन में ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। स्नान के समय जल में थोड़ा गंगाजल और तुलसी के पत्ते डालें। इसके बाद जल को मस्तक पर लगाकर श्री हरि को याद कर प्रणाम करें। इसके बाद स्नान करें। पूजा स्थान पर चौक वगैरह बनाकर श्रीहरि की माता लक्ष्मी के साथ वाली तस्वीर स्थापित करें। उन्हें याद करें फिर रोली, चंदन, फूल, फल, प्रसाद, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद पूजा स्थान पर वेदी बनाएं और हवन के लिए अग्नि प्रज्जवलित करें। इसके बाद ‘ॐ नमो भगवते वासु देवाय नम: स्वाहा इदं वासु देवाय इदं नमम’ बोलकर हवन सामग्री से 11, 21, 51, या 108 आहुति दें। हवन खत्म होने के बाद भगवान का ध्यान करें. उनसे अपनी गलती की क्षमा याचना करें।

करें दान पूजन के बाद सामर्थ्य के अनुसार दान करें। यदि कुंडली में चंद्रमा की​ स्थिति कमजोर है तो इस दिन सफेद चीजों जैसे दूध, खीर, चावल आदि का दान करें। अगर व्रत रखा है तो पूर्णिमा की रात को नारायण भगवान के मूर्ति के पास ही सोएं। दूसरे दिन स्नान करें और पूजा कर जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मण को भोजन कराएं, दान-दक्षिणा दें। इसके बाद व्रत का पारण करें।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व पौराणिक कथाओं के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किए गए शुभ कार्यों का 32 गुना फल मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ये तिथि माता लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है। इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए। घर में सत्यनारायण की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए। माना जाता है कि इससे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है, परिवार के संकट दूर होते हैं और परिवार में सुख समृद्धि आती है।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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Margashirsha Purnima : मार्गशीर्ष पूर्णिमा किए गए कार्यों का मिलता है 32 गुणा फल

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शास्त्रों में हर माह की पूर्णिमा (Purnima) और अमावस्या (Amavsya)  का अपना महत्व है, लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) को और भी विशेष माना जाता है। मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) व्यक्ति को मुक्ति दिला सकती है। कहा जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किए गए पूजा, जप तप और अन्य शुभ कार्यों का 32 गुणा फल प्राप्त होता है, इसलिए इस पूर्णिमा को मोक्षदायिनी पूर्णिमा भी कहा गया है।

शुभ मुहूर्त भारतीय हिंदी पंचाग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर 2021, दिन शनिवार को सुबह 7 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 19 दिसंबर 2021 को सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। 18 दिसंबर को साध्य योग सुबह 9 बजकर 13 मिनट तक है, उसके बाद शुभ योग प्रारंभ हो जाएगा। शुभ योग पूर्णिमा के अंत तक रहेगा।

पूजा विधि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर भगवान श्री हरि विष्णु का म​न ही मन में ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। स्नान के समय जल में थोड़ा गंगाजल और तुलसी के पत्ते डालें। इसके बाद जल को मस्तक पर लगाकर श्री हरि को याद कर प्रणाम करें। इसके बाद स्नान करें। पूजा स्थान पर चौक वगैरह बनाकर श्रीहरि की माता लक्ष्मी के साथ वाली तस्वीर स्थापित करें। उन्हें याद करें फिर रोली, चंदन, फूल, फल, प्रसाद, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद पूजा स्थान पर वेदी बनाएं और हवन के लिए अग्नि प्रज्जवलित करें। इसके बाद ‘ॐ नमो भगवते वासु देवाय नम: स्वाहा इदं वासु देवाय इदं नमम’ बोलकर हवन सामग्री से 11, 21, 51, या 108 आहुति दें। हवन खत्म होने के बाद भगवान का ध्यान करें. उनसे अपनी गलती की क्षमा याचना करें।

करें दान पूजन के बाद सामर्थ्य के अनुसार दान करें। यदि कुंडली में चंद्रमा की​ स्थिति कमजोर है तो इस दिन सफेद चीजों जैसे दूध, खीर, चावल आदि का दान करें। अगर व्रत रखा है तो पूर्णिमा की रात को नारायण भगवान के मूर्ति के पास ही सोएं। दूसरे दिन स्नान करें और पूजा कर जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मण को भोजन कराएं, दान-दक्षिणा दें। इसके बाद व्रत का पारण करें।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व पौराणिक कथाओं के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किए गए शुभ कार्यों का 32 गुना फल मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ये तिथि माता लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है। इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए। घर में सत्यनारायण की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए। माना जाता है कि इससे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है, परिवार के संकट दूर होते हैं और परिवार में सुख समृद्धि आती है।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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Horoscope : मिथुन राशिफल 2022, जानिए आपके लिए कैसा रहने वाला है नया साल

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Gemini Horoscope 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Dec 2021 06:09 PM
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Gemini Horoscope 2022 : वर्ष 2021 अब समाप्ति की ओर है। डेढ़ माह बाद हम सभी नए साल में प्रवेश कर जाएंगे। 2020 की भांति 2021 में भी कोरोना का प्रकोप रहा। बहुत से लोग वर्ष 2021 को भी अपने लिए अनलकी मानते हैं। अब 2022 को लेकर ही आशाएं व्यक्त की जा रही हैं। ऐसे में हमारे ज्योतिषाचार्यों की टीम ने वर्ष 2022 को लेकर सभी राशि के जातकों का भविष्यफल तैयार किया है। आइए जानते हैं कि वर्ष 2022 में आपके लिए क्या खास रहने वाला है।

वर्ष 2022 में मिथुन (Gemini) राशि के लोगों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा। जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक शनि मकर राशि में हैं। यह स्थिति आर्थिक नुकसान होने के योग बनाती है। शनि महाराज सेहत पर असर डाल सकते हैं। खर्चों पर नियंत्रण व सेहत के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। अप्रैल के बाद राहु का गोचर राशि के एकादश भाव में होगा, जिसे हम लाभ भाव कहते हैं। राहु की उपस्थिति राहत देगी। जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। अप्रैल से जुलाई के बीच गुरु की स्थिति विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। मिथुन राशि के छात्र अपना बेहतर प्रदर्शन देते हुए सबका दिल जीत लेंगे।

2022 के ग्रह संकेत दे रहे हैं कि यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको इच्छानुसार परिणाम प्राप्ति के लिए अभी कुछ और प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। शनि की स्थिति आर्थिक जीवन को चमकदार बना देगी। धन संचय करने में सफल रहेंगे।

नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो मई से अगस्त तक मंगल ग्रह आपको शुभ परिणाम देंगे। कार्यस्थल पर शत्रु सक्रिय होंगे, सावधान रहें। प्रेमी जातकों को इस वर्ष बृहस्पति की कृपा से प्रेम विवाह का अवसर मिलेगा। सितंबर तक की अवधि लव लाइफ के लिए अनुकूल रहेगी। साल 2022 के अंतिम 3 महीनों (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में आपको प्रेमी से बातचीत करते समय, अपने शब्दों का चयन सोच-समझ कर करने की सलाह दी जाती है। मंगल आक्रामक बना सकता है। वर्ष 2022 मिथुन राशि के जातकों के लिए दांपत्य जीवन में अनुकूलता लाएगा। 17 अप्रैल से लेकर जून तक 3 मुख्य ग्रहों (मंगल, शुक्र और बृहस्पति) का साथ होना वैवाहिक जीवन में समस्या का कारण बनेगा।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी