Rashifal 1 January 2023 – मेष से मीन राशि के जातक जाने क्या कहते हैं आज आपके सितारे

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दैनिक राशिफल 1 जनवरी 2023
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calendar28 Nov 2025 05:18 PM
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1 January 2023-(रविवार) (Rashifal 1 January 2023) जानते हैं आपके दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) के मुताबिक कैसा बीतने वाला है आज आपका दिन-

मेष राशि (Aries)-

कानूनी मामले में छोटी मोटी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अधिक खर्चीले स्वभाव की वजह से आर्थिक मुश्किलें आ सकती हैं। जीवनसाथी की तरफ से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। अपनों के साथ किसी यात्रा पर जा सकते हैं।

वृषभ राशि (Taurus)-

आज का दिन अनुकूल रहेगा। सोचे हुए कार्य पूरे होंगे। छात्रों के जीवन में आज का दिन नए बदलाव लेकर आएगा, जिसका भविष्य में सकारात्मक परिणाम मिलेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से आज का दिन बेहतरीन है। दोस्तो के साथ खुशनुमा समय व्यतीत होगा।

मिथुन राशि (Gemini)-

आज का दिन मिलजुला परिणाम लेकर आने वाला है। विरोधी आपको नीचा दिखाने का हरसंभव प्रयास करेंगे। लंबे समय से रुके हुए कार्य पूरे होंगे। कारोबार में वृद्धि के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। सामाजिक संबंधों में मजबूती आएगी। क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है, अन्यथा बने हुए काम बिगड़ सकते हैं।

कर्क राशि (Cancer)-

जीवनसाथी के साथ थोड़ा मनमुटाव हो सकता है। अपने काम से काम रखे, किसी के काम में हस्तक्षेप करने से बचे। व्यवसायियों के पास कोई बड़ा ऑफर आ सकता है। लेकिन किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले भलीभांति सोच विचार कर लें।

सिंह राशि (Leo)-

आज का दिन मिला जुला परिणाम लेकर आने वाला है। किसी अनुभवी व्यक्ति की मदद से व्यवसाय में लाभ मिलेगा। परिवार के साथ खुशनुमा समय व्यतीत होगा। समय का सही इस्तेमाल करे। किसी पुरानी बात की याद आपको दुखी कर सकती है। जिम्मेदारियां बढ़ सकती है। जिम्मेदारियों के प्रति सतर्क और गंभीर रहने की आवश्यकता है।

कन्या राशि (Virgo)-

आज का दिन सामान्य रहेगा। किसी के निजी मामले में हस्तक्षेप करने से बचे। किसी लंबी दूरी या विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। संतान का पूरा सहयोग मिलेगा। आर्थिक मामले में कोई भी फैसला सोच समझ कर लें। खर्चों में अचानक से हुई वृद्धि आपको थोड़ा परेशान कर सकती है। स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

तुला राशि (Libra)-

स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। दूसरो के लिए धन खर्च होगा। किसी खास मित्र के निजी समस्या को सुलझाने में मदद करेंगे। आज मन थोड़ा परेशान रहेगा। किसी यात्रा पर जा सकते हैं। यात्रा के दौरान अत्यंत सावधानी रखने की आवश्यकता है।

वृश्चिक राशि (Scorpio)-

आज का दिन बेहतरीन साबित होगा। पारिवारिक संबंधों में मधुरता आएगी। आज थोड़े से परिश्रम पर ही लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। व्यवसायियों के लिए आज का दिन बेहतर परिणाम लेकर आने वाला है। धैर्य और समझदारी से बेहतर फैसला लेने में सफल होंगे।

धनु राशि (Sagittarius)-

किसी खास मित्र और रिश्तेदार की मदद से रुके हुए कार्ए पूरे होंगे। आज का दिन धर्म कर्म में व्यतीत होगा। किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। आज के दिन आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। अजनबियो से सावधान रहने की आवश्यकता है।

मकर राशि (Capricorn) –

आज आपका मन काफी प्रसन्नचित रहेगा। किसी पुराने मित्र से मुलाकात आपके दिन को और भी अधिक खास बना देगी। जीवनसाथी के साथ संबंधों में और भी अधिक मधुरता आएगी।

कुंभ राशि (Aquarius) –

आज का दिन चुनौती भरा रहेगा। आपके काम से जुड़ी नई नई चुनौतियां आज आपके दिन को कठिन बनाएगी। घर का माहौल खुशनुमा रहेगा। अचानक धन लाभ के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। तरक्की के मार्ग खुलेंगे। शाम के समय किसी खास व्यक्ति से मुलाकात आपके मन को शांति देगी।

मीन राशि (Pisces)-

नौकरी और व्यवसाय में आज लाभ के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। प्रतियोगी छात्रों को आज सफलता हासिल हो सकती है। किसी महत्वपूर्ण कार्य के पूरा होने से आज आपका मन प्रसन्नचित रहेगा। माता पिता के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा चिंतित हो सकते हैं। चल अथवा अचल संपत्ति के प्राप्ति के योग बनते दिखाई दे रहे हैं।
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Fakkad Baba : किसानों के सच्चे और पक्के रक्षक फक्कड़ बाबा

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Fakkad Baba
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:31 AM
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अमरेंद्र कुमार राय

Fakkad Baba : अयोध्या को मंदिरों का शहर कहा जाता है। यह भी कहते हैं कि यहां हर घर में मंदिर है। इसी तरह से बनारस को कहते हैं कि यहां कंकर-कंकर शंकर। यानी हर कंकड़ में शंकर का वास है। उसी तरह से गाजीपुर जिला भी है। यहां पग-पग पर संतों की कर्म भूमि है। गाजीपुर का तो नाम ही गाधि ऋषि के नाम पर पड़ा है। गाजीपुर के जमनिया क्षेत्र में भगवान परशुराम के पिता महर्षि यमदग्नि रहा करते थे। इसके करंडा क्षेत्र में कण्व ऋषि का आश्रम था। प्रसिद्ध ऋषि गौतम और च्यवन ने यहां धर्मोपदेश दिए। गौतम बुद्ध जिन्होंने वाराणसी के सारनाथ में अपना पहला धर्मोपदेश दिया था, वह स्थान भी यहां से ज्यादा दूर नहीं है। गाजीपुर जिले का अहरौरा इलाका भगवान बुद्ध की शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया था। इस इलाके के कई स्तूप और खंभे इसके प्रमाण हैं। आधुनिक संतों में पवहारी बाबा और गंगा दास ने भी गाजीपुर के समीप गंगा किनारे अपना आश्रम बनाकर तपस्या की। उसी कड़ी में फक्कड़ बाबा भी हुए। ये अपने जीवन के आखिरी दिनों में इसी जिले के कासमाबाद तहसील के सुरवत गांव में आकर रहे और क्षेत्र के लोगों का कल्याण करते रहे। आज भी इनके बारे मे मान्यता है कि अगर किसी किसान का पशु बीमार हो जाए और उसका पगहा (जिसमें पशु खूंटे से बांधा जाता है) और एक भेली गुड़ बाबा के दरबार मे पहुंचा दिया जाए तो वह ठीक हो जाता है। इस तरह फक्कड़ बाबा किसानों के रक्षक बनकर क्षेत्र के लोगों का कल्याण करते हैं।

Fakkad Baba

[caption id="attachment_54808" align="alignnone" width="242"]Fakkad Baba Fakkad Baba[/caption]

फक्कड़ बाबा को क्षेत्र के लोग सिद्ध संत मानते हैं। उनके इस गांव में आने के पीछे भी एक कहानी है। बताते हैं कि 1960 में गांव (सुरवत) में बहुत तेज प्लेग फैला। प्लेग एक-एक करके गांव के लोगों को मौत के मुंह में डालने लगा। प्लेग से गांव के 60 लोगों की मौत हो गई। इससे गांव के लोग बहुत चिंतित हुए। बचाव का कोई उपाय सूझ नहीं रहा था। तब किसी ने बताया कि आजमगढ़ जिले (अब मऊ) में छोटी सरयू के पार एक सिद्ध संत रहते हैं। वही लोगों को इस बीमारी से बचा सकते हैं। अगर वे गांव आने को तैयार हो जाएं तो। यह पता चलने पर गांव के कुछ रईस लोग जिनमें कलिका राय, रमा शंकर राय, गिरिजा शंकर राय आदि शामिल थे, पालकी लेकर बाबा को बुलाने के लिए गए। तब रमाशंकर राय गांव के प्रधान थे। इन लोगों को देखते ही बाबा समझ गए कि ये लोग किस लिए आए हैं। उन्होंने इन्हें देखते ही कलिका राय का नाम लेकर कहा कि आप आ गए। चलो अच्छा हुआ। मैं तुम लोगों के साथ चलूंगा। उन्होंने ये भी कहा कि अभी गांव में एक और व्यक्ति की मौत होगी। वह नहीं बच पाएगा। लेकिन इसके बाद ये बीमारी चली जाएगी। अभी लोग छोटी सरयू पर ही पहुंचे थे कि नदी पार कराने वाले मल्लाह ने बताया कि गांव में एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। बाबा की बात सच निकली।

[caption id="attachment_54807" align="alignnone" width="194"]Fakkad Baba Fakkad Baba[/caption]

बाबा पर लोगों का भरोसा और बढ़ गया। बाबा गांव आ गए और उसके बाद प्लेग से किसी की मौत नहीं हुई। बाबा सुरवत गांव में ही दो साल रहे। जब मौत की घड़ी नजदीक आई तो उन्होंने कलिका राय को बुलाया और कहा कि कल हम एक बजे शरीर छोड़ेंगे। मैंने तुम्हें इसलिए बुलवाया कि तुम मेरा काम करने में अकेले ही सक्षम हो। कलिका राय इलाके के बड़े जमीदार थे। उनके पास 800 पक्के बीघे की जमीदारी थी। बाबा ने कहा कि उनके लिए 13 हाथ लंबा और सात हाथ का चौड़ा गड्ढा खोदवा देना। उसके ऊपर मंडप छवा देना। मंडप को कैद मत करना। यानी उसकी बाउंड्री मत कराना। उसी में हम समाधि लेंगे। अगले दिन डुग्गी बजवाकर पूरे गांव के लोगों को इसकी सूचना दे दी गई। गांव के लोग तय समय पर वहां पहुंच गए। बाबा को एक कुर्सी पर बैठाकर उसी गड्ढे में बैठा दिया गया। वे लोगों से बात करते रहे, आशीर्वाद देते रहे और ठीक एक बजे आंख बंद कर ली। बाबा वहीं समाधिस्थ हो गए। जिस दिन बाबा ने देह त्याग किया उस दिन कार्तिक बदी अष्टमी थी। समाधिस्थ होने से पहले बाबा ने ये भी कहा कि उनकी मौत के बाद कुत्तों को खिचड़ी खिलाया जाए।

अगले वर्ष जब बाबा की समाधि का दिन कार्तिक बदी अष्टमी आया तो उनके कहे अनुसार कड़ाहा में खिचड़ी बनाई गई और कुत्तों को खिलाया गया। इसके बाद से पिछले 60 साल से हर साल यही होता है। आप कह सकते हैं कि बाबा को श्रद्धांजलि कुत्तों को खाना खिलाकर मनाई जाती है। अब तो स्थिति यह है कि उस दिन हजारों की संख्या में पता नहीं कहां से कुत्ते आ जाते हैं। लोग उन्हें प्रेम और आदर भाव से खिचड़ी बनाकर खिलाते हैं। समाधि पर उस दिन बड़ा मेला लगता है।

[caption id="attachment_54805" align="alignnone" width="284"]Fakkad Baba Fakkad Baba[/caption]

1962 में बाबा ने जब देह छोड़ा तो मंडप साधारण ही था। बाद में उनकी समाधि लाहौरी ईंटों की बना दी गई। लेकिन 2019 में कलिका राय के ही पोते पवन राय ने उसे भव्य रूप देने की योजना बनाई। पवन राय बताते हैं कि मंदिर की नई डिजाइन और उस के पुनर्निर्माण पर 27 लाख का खर्च आ रहा था। मंदिर सबके सहयोग से बनता है। पैसे की बात नहीं। पैसा तो मैं अकेले ही खर्च कर देता। पर तब वह मंदिर नहीं माना जाता। हमारी मिल्कियत हो जाती। इसलिए हमने गांव के हर व्यक्ति से उसमें सहयोग लिया। गांव में कई जातियों के लोग रहते हैं। मुसलमान भी हैं। सभी ने सहयोग दिया और अपनी सामर्थ्य से ज्यादा दिया।

मंदिर के लिए हम गांव के हर व्यक्ति के दरवाजे पर गए उनके दरवाजे पर भी जिनके यहां हम कभी नहीं जाते या जाने की जरूरत नहीं पड़ती। यहां तक कि जिनसे हमारा झगड़ा है, जिनसे हमारी बातचीत नहीं होती, उनके यहां हमारा खाना-पीना नहीं है फिर भी हम उनके यहां गए और उन्होंने भी फक्कड़ बाबा के कारण हमारा मान रखा। वे कहते हैं कि हमारा ईंट का भट्टा था। मंदिर के लिए हमने ईंट फ्री कर दी। भूपेश गुप्ता ने एक लाख रुपये दिए। जिनसे हमारी लड़ाई थी उन्होंने भी 5001 और 10001 रूपये दिये। और तो और मुसलमानों ने भी 501 रुपये की पर्ची कटाई। सहयोग सिर्फ गांव के लोगों से लिया गया बाकी किसी और से नहीं। जो मिला सो मिला बाकी पैसा मैंने लगाकर निर्माण पूरा कराया।

2019 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ और 2020 में कोरोना फैलने से पहले ही पूरा हो गया। अब मंदिर भव्य बन गया है। यहां तीन साधु रहते हैं और वही मंदिर में पूजा-पाठ करते हैं। मंदिर की पूरे इलाके में बड़ी प्रतिष्ठा है। साल के 365 दिन में 350 दिन यहां राम चरित मानस और कीर्तन होता रहता है। लोग फक्कड़ बाबा के नाम पर मनौती मानते हैं और पूरी होने पर कीर्तन या राम चरित मानस कहलवाते हैं।

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Astrology 2023 : नए साल में कोरोना से न घबराएं, उद्योग क्षेत्र की होगी बल्ले बल्ले

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Astrology 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:13 AM
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Astrology 2023 : कल यानि रविवार से नया साल प्रारंभ हो रहा है। नए साल को लेकर हर कोई उत्सुक रहता है कि नूतन वर्ष कैसा रहेगा। आज 31 दिसंबर से विश्वभर के लोग नए साल के स्वागत के जश्न की तैयारियों में भी जुट गए हैं। आज हम इस ​आर्टिकल में बात करेंगे कि नूतन वर्ष 2023 भारतीयों के लिए कैसा रहने वाला है। इस वक्त फिर से कोरोना वायरस का प्रकोप विश्वभर के लोगों को सता रहा है, तो हम बताते हैं कि ग्रहों की चाल कुछ ऐसी बन रही है कि इस विश्वस्तरीय प्रकोप से ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है।

Astrology 2023

यदि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो कोरोना का हल्का फुल्का प्रकोप 16 जनवरी 2023 तक ही दिखाई दे सकता है। लेकिन 17 जनवरी 2023 के बाद कोरोना का प्रकोप कम होगा, क्योंकि 17 जनवरी 2023 को नवग्रहों में प्रमुख ग्रह शनि राशि परिवर्तन कर रहे हैं। शनिदेव राशि बदल कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और ज्योतिष के अनुसार जब शनि राशि परिवर्तन करते हैं तो बीमारियों को कम करते हैं।

शनि का यह राशि परिवर्तन उद्योग क्षेत्र के लिए काफी लाभदायक साबित होने की उम्मीद जताई जा सकती है। यदि भारतवर्ष की कुंडली पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि भाग्य व कर्म के स्थान का स्वामी शनि बनते हैं। जब शनि कर्म स्थान में आ जाएंगे तो उत्पादन और निर्माण के कारक भी शनिदेव माने जाते हैं। 2023 में रेलवे में भी बहुत बड़ी क्रांति आना अनुमान है। क्योंकि ट्रेन को लोहपथ गामिनी भी कहा जाता है और शनिदेव की धाुत लोहा ही है। जिस कारण लोहे से जुड़े कार्यों में कई गुना ज्यादा तेजी आएगी।

वर्ष 203 में आया और निर्यात की बात करें तो आपको बता दें कि हाल ही में भारत में रशिया से ऑयल खरीदने का निर्णय लिया है। वह निर्णय 2023 में मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि ऑयल व गैस भी शनि ग्रह के अंतर्गत ही आते हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि लोहा और तेल को लेकर बहुत बड़ा उछाल 2023 में आएगा और यह सभी राशि के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

2023 राजनीति 2023 में देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, लेकिन सभी की निगाहें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ इन तीन राज्य पर रहेगी। राजस्थान की कुंडली के अनुसार भारत में भाजपा की केंद्र में सरकार इस वक्त चल रही है। राजस्थान में भी भाजपा विजयी हो सकती है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।

राहुल गांधी होंगे मजूबत कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा देशभर में भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है। राहुल विपक्ष के नेता हैं भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में होंगे और वह सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर देते नजर आएंगे।

प्राकृतिक आपदाएं सताएंगी 17 जून से 4 नवंबर तक शनि ग्रह मार्गी होंगे। इस दौरान बहुत अधिक प्राकृतिक आपदाएं, आगजनी, दुर्घटनाएं और अनिश्चितता का माहौल से निश्चित रूप से कहीं ना कहीं त्राहि त्राहि की स्थिति बनने की पूरी संभावनाएं हैं।

रोजगार के अवसर 21 अप्रैल 203 से देवताओं के गुरु बृहस्पति अपनी मेष राशि में आएंगे। इस दौरान युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

बड़े नेताओं की मृत्यु राजनीति से जुड़े लोगों में बड़ी उथल-पुथल की स्थिति देखने को मिलेगी, वहीं दो बड़े राजनेताओं की मृत्यु के शोक समाचार आने की भी संभावना बनी हुई है। जब बृहस्पति 12वें हाउस में बैठकर पांचवे हाउस को देखेगा तो जनता को महंगाई से काफी राहत मिलेगी।

पड़ोसी देशों से रहेगा कैसा नाता 30 अक्टूबर 2023 में राहु ग्रह मीन राशि में व केतु ग्रह कन्या राशि में 18 महीने के लिए प्रवेश करेंगे। जिससे भारत के पड़ोसी देशों से रिश्तों में तनाव पैदा होगा। पाकिस्तान व पीओके को लेकर ऐसा कुछ आश्चर्यजनक हो सकता है।

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