New Delhi News : वीजा प्रतीक्षा समय में कटौती के लिए अमेरिका ने नयी पहल शुरू की

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New Delhi News : US launches new initiative to cut visa waiting time
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:21 AM
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New Delhi News :  भारत में वीजा प्रक्रिया में देरी को कम करने के उद्देश्य से अमेरिका ने पहली बार आवेदन करने वालों के लिए विशेष साक्षात्कार का समय निर्धारित करने और कांसुलर स्टाफ की संख्या बढ़ाने सहित नयी पहल की हैं। वीजा प्रतीक्षा को कम करने के बहु-आयामी दृष्टिकोण के तहत दिल्ली में अमेरिकी दूतावास और मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में वाणिज्य दूतावासों ने 21 जनवरी को ‘‘विशेष शनिवार साक्षात्कार दिवस’’ ​​आयोजित किया।

New Delhi News :

  अमेरिकी दूतावास (American embassy) ने कहा, ‘‘21 जनवरी को भारत में अमेरिकी मिशन ने पहली बार वीजा आवेदकों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने के एक बड़े प्रयास के तहत विशेष शनिवार साक्षात्कार दिवस की श्रृंखला में पहला विशेष साक्षात्कार किया।’’ इसने एक बयान में कहा, ‘‘नयी दिल्ली में अमेरिकी दूतावास और मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में वाणिज्य दूतावासों ने शनिवार को उन आवेदकों को समायोजित करने के लिए वाणिज्य दूतावास संचालन शुरू किया, जिन्हें वीजा साक्षात्कार की आवश्यकता है।’’ आने वाले महीनों में कुछ निश्चित शनिवार को होने वाले साक्षात्कार के लिए मिशन ‘‘अतिरिक्त स्लॉट’’ उपलब्ध कराना जारी रखेगा।
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Global Investors Summit : यूपी में उद्योग के लिए माहौल बेहतर, निवेश हासिल करने के मजबूत अवसर : एसोचैम

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Better environment for industry in UP, strong opportunities to get investment: Assocham
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:28 PM
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले महीने वैश्विक निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) के आयोजन को लेकर जोरदार तैयारियां की जा रही हैं। इस बीच, उद्योग मंडल एसोचैम का कहना है कि इस राज्य में उद्योग लगाने के लिए माहौल पहले के मुकाबले कहीं बेहतर है और प्रदेश के पास निवेश हासिल करने के सबसे मजबूत अवसर हैं। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि सरकार अब खुद ही उद्योगों की तरफ कदम बढ़ाते हुए उन्हें निवेश के अवसर दिखाने की कोशिश कर रही है। इससे न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

Global Investors Summit in Lucknow

एसोचैम द्वारा 20-21 जनवरी को 'पर्यावरण सुरक्षा और हरित ऊर्जा अनुकूल अभियान' (जैम) के तहत आयोजित दो दिन के सम्मेलन के मौके पर लखनऊ पहुंचे सूद ने बातचीत में 10-12 फरवरी को लखनऊ में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन की सफलता की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो उसके पास निवेश हासिल करने के बहुत मजबूत अवसर हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अन्य राज्यों से इसका संपर्क बहुत अच्छा है। अब प्रदेश को लेकर कारोबारियों का अनुभव भी बेहद उत्साहजनक हैं। अगर कोई व्यक्ति कहीं निवेश करना चाहता है, तो वह एक मजबूत तथा स्थायी नीति और बेहतर कानून-व्यवस्था को ही कसौटी मानता है। अब उत्तर प्रदेश में ये दोनों चीजें बेहद सकारात्मक हैं, जो पहले नहीं हुआ करती थीं। सूद ने कहा कि हाल ही में एसोचैम के कई सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है और उनके अनुभव बहुत अच्छा संदेश देते हैं।

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उन्होंने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थापित डाटा सेंटर का जिक्र करते हुए कहा कि देश के सबसे बड़े केंद्रों में गिना जाने वाला यह केंद्र आश्चर्यजनक रूप से बहुत जल्द बनकर तैयार हो गया। सरकार प्रदेश में उद्योगों को जिस तरह बढ़ावा दे रही है, उसके लिए वह बधाई की पात्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में औद्योगिक विकास की दिशा में जो काम हो रहा है, वह बेहद उत्साहजनक है।

Global Investors Summit

उत्तर प्रदेश को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर सूद ने कहा कि यह बहुत बड़ा लक्ष्य है, लेकिन अगर वाहन, हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों में क्षमता का निर्माण कर लिया जाए, तो प्रदेश में अनंत संभावनाएं इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करने पड़ेंगे। पहले 500 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करना होगा। उसके बाद 700 अरब और फिर 1,000 अरब डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य हासिल किया जाए। मगर 1,000 अरब डॉलर अंतिम लक्ष्य अंतिम नहीं होना चाहिए, बल्कि उत्तर प्रदेश को उसके आगे भी सोचना होगा।

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सूद ने कहा कि दरअसल, एक सतत पाइपलाइन की जरूरत है। इसके लिए जमीन की उपलब्धता, मूलभूत अवसंरचना, पानी तथा पर्यावरणीय स्वीकृतियां, श्रम शक्ति का उन्नयन और बाजार का विकास करना होगा। कुल मिलाकर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ानी होगी। यह सब चीजें होती हैं, जिन पर सरकार रूपरेखा बनाकर काम करेगी। मुझे उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश 1,000 अरब डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में है। निवेश समझौतों को जमीन पर उतारे जाने में विलंब के सवाल पर एसोचैम महासचिव ने कहा कि किसी निवेश समझौते को लेकर बहुत सारी बातें होती हैं। कोई जरूरी नहीं है कि कोई एक समझौता एक ही साल के अंदर जमीन पर उतार दिया जाए। कई निवेश होते हैं, जिन पर अमलीजामा पहनाने में वक्त लगता है। वैश्विक निवेशक सम्मेलन में एसोचैम की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर संगठन के महासचिव ने कहा कि हमारे सभी सदस्य इस समिट में भाग लेंगे। यह जाहिर है कि सरकार को निवेश चाहिए, मगर एक कारोबारी को अवसरों की तलाश रहती है। हम उद्यमियों तक पहुंच बनाने में सरकार की मदद करते हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य के साथ अगले महीने 10 से 12 फरवरी तक राजधानी लखनऊ में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन कर रही है। इसके लिए तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। मुख्यमंत्री खुद इन तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। इस निवेशक सम्मेलन को प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिहाज से मील का पत्थर बनाने की कोशिश की जा रही है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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International News : भारत में रक्षा उद्योगों के लिए आधार बनाने की प्रक्रिया में भागीदार बनना चाहता है फ्रांस : राजदूत

France
France wants to be a partner in the process of setting up bases for defense industries in India: Ambassador
locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Jan 2023 05:44 PM
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International News : पणजी। फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनेन ने कहा है कि उनका देश भारत में रक्षा उद्योगों के लिए एक राष्ट्रीय औद्योगिक आधार बनाने की प्रक्रिया में भागीदार बनना चाहता है।

International Relation for Defense Industries

गोवा अपतटीय क्षेत्र में भारत-फ्रांस नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण’ में हिस्सा लेने वाले फ्रांसीसी विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल पर संवाददाताओं से मुखातिब लेनेन ने कहा कि दोनों देश रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बहुत से उपकरणों का मिलकर उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस वास्तव में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को समझ गया है। वह बिना किसी प्रतिबंध के भारतीय बलों को सर्वश्रेष्ठ तकनीक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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लेनेन ने कहा कि हम इसे (आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को) इसलिए भी समझते हैं, क्योंकि हम अत्यधिक स्वतंत्र देश हैं और हम उस प्रक्रिया से भी गुजरे हैं। हम भारत में रक्षा उद्योगों के लिए एक राष्ट्रीय औद्योगिक आधार बनाने की प्रक्रिया में भागीदार बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत जब और आपूर्तिकर्ताओं को मौका देने के बारे में सोच रहा है, तो फ्रांस उसके लिए एक बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है।

International Relation with France

फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि उनका देश बिना किसी प्रतिबंध के भारतीय बलों को सर्वोत्तम तकनीक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि फ्रांस न केवल ‘मेक इन इंडिया’ के लिए समर्थन करेगा, बल्कि उपकरणों के सह-निर्माण और सह-उत्पादन के लिए भी आगे आएगा।

Land Donate for the School : गांव के बच्चों को अफसर बनाने की चाहत में स्कूल के लिए दान की जमीन, खुद जुटाया धन

दोनों देशों के बीच संबंधों के बारे में पूछे जाने पर लेनेन ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच असाधारण रूप से अच्छे और विश्वसनीय द्विपक्षीय संबंध हैं। हम समान मूल्यों में यकीन करते हैं। हमारी रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत बनाने का सबसे अच्छा तरीका एक-दूसरे का सहयोग करना है। दोनों देश रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बहुत सारे उपकरणों का सह-उत्पादन कर सकते हैं। पणजी में 16 जनवरी को शुरू हुआ भारत-फ्रांस नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण’ शुक्रवार को समाप्त हो गया। फ्रांसीसी नौसेना के एक अधिकारी ने कहा था कि यह संयुक्त अभ्यास हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच उत्कृष्ट नौसैन्य सहयोग का उदाहरण है, जिसमें जहाजों, युद्ध पोतों और हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ एक फ्रांसीसी कमान ने दोनों नौसेनाओं की युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने संबंधी कई प्रशिक्षण सत्रों में हिस्सा लिया। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida