दिवाली से पहले बढ़ रही है ग्रीन पटाखे की डिमांड, क्या है वजह?




आज का दौर आधुनिक तकनीक का दौर है। इस आधुनिक तकनीक के दौर को डिजिटल दौर कहा जाता है। इस डिजिटल के दौर में जहाँ सुविधाएँ तो बढ़ी हैं, लेकिन ठगी के तरीके भी उसी रफ्तार से विकसित हुए हैं। अब साइबर अपराधियों ने लोगों को फँसाने के लिए “डिजिटल अरेस्ट” और “फर्जी ईडी समन” जैसे नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। ये ठग खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं, गिरफ्तारी की धमकी देते हैं और फिर पैसों की वसूली करते हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि कई निर्दोष लोग इन जालसाजों का शिकार बन चुके हैं। Digital Arrest
प्रवर्तन निदेशालय ने साफ चेतावनी दी है कि हाल के दिनों में कई लोग फर्जी समन और नोटिस के ज़रिए ठगी का शिकार हुए हैं। ये दस्तावेज़ देखने में इतने असली लगते हैं कि आम नागरिकों के लिए पहचान पाना कठिन हो जाता है। लेकिन अब ईडी ने इसे रोकने के लिए एक सुरक्षित डिजिटल सिस्टम तैयार किया है। असली समन केवल सिस्टम से जारी होते हैं, जिन पर QR कोड और यूनिक पासकोड (Unique Passcode) दिया जाता है। Digital Arrest
इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति कुछ ही सेकंड में पता कर सकता है कि उसे मिला समन सत्य है या छलावा। हर असली समन पर जारी अधिकारी का नाम, हस्ताक्षर, विभागीय मुहर, आधिकारिक ईमेल और संपर्क नंबर भी दर्ज होता है — ताकि किसी भी फर्जीवाड़े की गुंजाइश न बचे। Digital Arrest
डिजिटल ठगी के बढ़ते जाल के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम जनता को राहत देते हुए असली समन की पहचान करने के दो बेहद आसान और भरोसेमंद डिजिटल तरीके बताए हैं। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि फर्जी समन और नोटिस के जरिए लोगों को डराकर ठगी करने के मामलों में लगातार इज़ाफा हो रहा है। ईडी ने जनता की सुविधा के लिए असली समन की पहचान करने के दो बेहद सरल डिजिटल तरीके बताए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति ठगों के झांसे में न आए।
अगर आपको कोई समन मिला है, तो सबसे पहले उस पर दिए गए QR कोड को अपने मोबाइल कैमरे से स्कैन करें।स्कैन करते ही ईडी की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक खुलेगा, जहां आपको समन पर लिखा Unique Passcode डालना होगा। पासकोड दर्ज करते ही, स्क्रीन पर समन से जुड़ी सारी जानकारी जैसे — आपका नाम, समन जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद और तारीख साफ-साफ दिखाई देगी। अगर यह जानकारी मेल नहीं खाती, तो समझ लीजिए समन फर्जी है।
आप चाहें तो सीधे ईडी की आधिकारिक वेबसाइट https://enforcementdirectorate.gov.in पर जाकर भी समन की सत्यता जांच सकते हैं। वहां मौजूद ‘Verify Your Summons’ सेक्शन पर क्लिक करें, समन नंबर और पासकोड डालें। अगर डेटा सही है, तो वेबसाइट अपने आप असली समन की पूरी डिटेल दिखा देगी। ईडी ने स्पष्ट किया है कि यह सत्यापन प्रक्रिया समन जारी होने के 24 घंटे बाद (सप्ताहांत और छुट्टियों को छोड़कर) सक्रिय होती है।
अगर जांच के दौरान यह साबित हो जाए कि समन ईडी के सिस्टम से जारी नहीं हुआ है, तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को दें —
नाम: राहुल वर्मा
पद: सहायक निदेशक (Assistant Director)
पता: प्रवर्तन निदेशालय, ए-ब्लॉक, प्रवर्तन भवन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड, नई दिल्ली - 110011
ईमेल: adinv2-ed@gov.in
फोन: 011-23339172
ईडी ने एक बार फिर जनता को चेताया है कि हाल के दिनों में कुछ साइबर ठग “डिजिटल अरेस्ट” या “ऑनलाइन अरेस्ट” के नाम पर लोगों को डरा-धमकाकर पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। एजेंसी ने साफ शब्दों में कहा है — “ऐसा कोई कानून देश में अस्तित्व में ही नहीं है।” प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया कि उसकी ओर से की जाने वाली हर कार्रवाई सामने आकर, विधिक प्रक्रिया के तहत ही होती है, न कि किसी कॉल, ईमेल या ऑनलाइन लिंक के ज़रिए। Digital Arrest
ईडी ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को ईडी अधिकारी बताकर धन उगाही या गिरफ्तारी की धमकी देता है, तो तुरंत उसकी शिकायत करें। किसी भी अज्ञात कॉल, ईमेल या मैसेज पर भरोसा न करें, क्योंकि यही धोखाधड़ी की शुरुआत होती है। एजेंसी का संदेश स्पष्ट है - सतर्क रहिए, जागरूक रहिए, क्योंकि आपकी एक सावधानी आपको ठगी के जाल से बचा सकती है। Digital Arrest
आज का दौर आधुनिक तकनीक का दौर है। इस आधुनिक तकनीक के दौर को डिजिटल दौर कहा जाता है। इस डिजिटल के दौर में जहाँ सुविधाएँ तो बढ़ी हैं, लेकिन ठगी के तरीके भी उसी रफ्तार से विकसित हुए हैं। अब साइबर अपराधियों ने लोगों को फँसाने के लिए “डिजिटल अरेस्ट” और “फर्जी ईडी समन” जैसे नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। ये ठग खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं, गिरफ्तारी की धमकी देते हैं और फिर पैसों की वसूली करते हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि कई निर्दोष लोग इन जालसाजों का शिकार बन चुके हैं। Digital Arrest
प्रवर्तन निदेशालय ने साफ चेतावनी दी है कि हाल के दिनों में कई लोग फर्जी समन और नोटिस के ज़रिए ठगी का शिकार हुए हैं। ये दस्तावेज़ देखने में इतने असली लगते हैं कि आम नागरिकों के लिए पहचान पाना कठिन हो जाता है। लेकिन अब ईडी ने इसे रोकने के लिए एक सुरक्षित डिजिटल सिस्टम तैयार किया है। असली समन केवल सिस्टम से जारी होते हैं, जिन पर QR कोड और यूनिक पासकोड (Unique Passcode) दिया जाता है। Digital Arrest
इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति कुछ ही सेकंड में पता कर सकता है कि उसे मिला समन सत्य है या छलावा। हर असली समन पर जारी अधिकारी का नाम, हस्ताक्षर, विभागीय मुहर, आधिकारिक ईमेल और संपर्क नंबर भी दर्ज होता है — ताकि किसी भी फर्जीवाड़े की गुंजाइश न बचे। Digital Arrest
डिजिटल ठगी के बढ़ते जाल के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम जनता को राहत देते हुए असली समन की पहचान करने के दो बेहद आसान और भरोसेमंद डिजिटल तरीके बताए हैं। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि फर्जी समन और नोटिस के जरिए लोगों को डराकर ठगी करने के मामलों में लगातार इज़ाफा हो रहा है। ईडी ने जनता की सुविधा के लिए असली समन की पहचान करने के दो बेहद सरल डिजिटल तरीके बताए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति ठगों के झांसे में न आए।
अगर आपको कोई समन मिला है, तो सबसे पहले उस पर दिए गए QR कोड को अपने मोबाइल कैमरे से स्कैन करें।स्कैन करते ही ईडी की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक खुलेगा, जहां आपको समन पर लिखा Unique Passcode डालना होगा। पासकोड दर्ज करते ही, स्क्रीन पर समन से जुड़ी सारी जानकारी जैसे — आपका नाम, समन जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद और तारीख साफ-साफ दिखाई देगी। अगर यह जानकारी मेल नहीं खाती, तो समझ लीजिए समन फर्जी है।
आप चाहें तो सीधे ईडी की आधिकारिक वेबसाइट https://enforcementdirectorate.gov.in पर जाकर भी समन की सत्यता जांच सकते हैं। वहां मौजूद ‘Verify Your Summons’ सेक्शन पर क्लिक करें, समन नंबर और पासकोड डालें। अगर डेटा सही है, तो वेबसाइट अपने आप असली समन की पूरी डिटेल दिखा देगी। ईडी ने स्पष्ट किया है कि यह सत्यापन प्रक्रिया समन जारी होने के 24 घंटे बाद (सप्ताहांत और छुट्टियों को छोड़कर) सक्रिय होती है।
अगर जांच के दौरान यह साबित हो जाए कि समन ईडी के सिस्टम से जारी नहीं हुआ है, तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को दें —
नाम: राहुल वर्मा
पद: सहायक निदेशक (Assistant Director)
पता: प्रवर्तन निदेशालय, ए-ब्लॉक, प्रवर्तन भवन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड, नई दिल्ली - 110011
ईमेल: adinv2-ed@gov.in
फोन: 011-23339172
ईडी ने एक बार फिर जनता को चेताया है कि हाल के दिनों में कुछ साइबर ठग “डिजिटल अरेस्ट” या “ऑनलाइन अरेस्ट” के नाम पर लोगों को डरा-धमकाकर पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। एजेंसी ने साफ शब्दों में कहा है — “ऐसा कोई कानून देश में अस्तित्व में ही नहीं है।” प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया कि उसकी ओर से की जाने वाली हर कार्रवाई सामने आकर, विधिक प्रक्रिया के तहत ही होती है, न कि किसी कॉल, ईमेल या ऑनलाइन लिंक के ज़रिए। Digital Arrest
ईडी ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को ईडी अधिकारी बताकर धन उगाही या गिरफ्तारी की धमकी देता है, तो तुरंत उसकी शिकायत करें। किसी भी अज्ञात कॉल, ईमेल या मैसेज पर भरोसा न करें, क्योंकि यही धोखाधड़ी की शुरुआत होती है। एजेंसी का संदेश स्पष्ट है - सतर्क रहिए, जागरूक रहिए, क्योंकि आपकी एक सावधानी आपको ठगी के जाल से बचा सकती है। Digital Arrest
