दिवाली से पहले बढ़ रही है ग्रीन पटाखे की डिमांड, क्या है वजह?

दिवाली से पहले बढ़ रही है ग्रीन पटाखे की डिमांड, क्या है वजह?
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userचेतना मंच
calendar08 Oct 2025 05:28 PM
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यह बात हम सभी जानते हैं कि दिवाली (Diwali) का त्योहार रोशनी और खुशियों का प्रतीक है लेकिन हर साल पटाखों से होने वाले प्रदूषण लोगों के लिए बदतर साबित होते हैं। दिवाली के बाद कई शहर धुएं की चादर ओढ़ लेते हैं जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब लोगों ने इसे बदलने का फैसला लेते हुए ग्रीन पटाखे को तवज्जों देना शुरू कर दिया है। ग्रीन पटाखे का क्रेज कुछ इस तरह से बढ़ रहा है कि दुकानों में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। Green Crackers अगर आप भी इस साल की दिवाली को ‘ग्रीन दिवाली’ बनाने की सोच रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कि दिल्ली की किन मार्केट्स में ये पर्यावरण-हितैषी पटाखे आपको सस्ते दाम में मिलेंगे, लेकिन इससे पहले जान लेते हैं कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?

क्या हैं ग्रीन पटाखे? (What are Green Crackers)

ग्रीन पटाखे ऐसे फायर क्रैकर्स होते हैं जिनमें कम मात्रा में रासायनिक तत्व उपयोग किए जाते हैं। इनमें सल्फर और नाइट्रेट जैसे हानिकारक पदार्थ बहुत कम या बिल्कुल नहीं होते जिससे ये सामान्य पटाखों की तुलना में 30-40% कम प्रदूषण करते हैं। अगर इस दिवाली हर घर में ग्रीन पटाखे इस्तेमाल किए जाएंगे तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आ सकता है। साथ ही बच्चों और बुजुर्गों पर प्रदूषण का असर भी कम होगा।

ग्रीन पटाखों की खासियत

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30% तक कम धुआं छोड़ते हैं। हवा में फैलने वाले हानिकारक गैसों (SO₂ और NO₂) की मात्रा बेहद कम होती है। इनकी आवाज 125 डेसिबल से कम रहती है जिससे ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होता। ग्रीन पटाखे के पैकेट पर QR कोड होता है जिससे असली ग्रीन पटाखे पहचाने जा सकते हैं।

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दिल्ली के ये बाजार ग्रीन पटाखों के लिए मशहूर

सदर बाजार: यहां हर रेंज के ग्रीन पटाखे सस्ते दामों में मिल जाते हैं। लाजपत नगर मार्केट: फेस्टिवल सीजन में पर्यावरण-फ्रेंडली फायर क्रैकर्स के खास काउंटर लगाए जाते हैं। करोल बाग: छोटे बच्चों के लिए सेफ और साइलेंट पटाखे यहां आसानी से मिलते हैं। Green Crackers
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डिजिटल अरेस्ट का नया जाल! ईडी ने बताया ठगों को पहचानने का तरीका

डिजिटल अरेस्ट का नया जाल! ईडी ने बताया ठगों को पहचानने का तरीका
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Oct 2025 02:33 PM
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आज का दौर आधुनिक तकनीक का दौर है। इस आधुनिक तकनीक के दौर को डिजिटल दौर कहा जाता है। इस डिजिटल के दौर में जहाँ सुविधाएँ तो बढ़ी हैं, लेकिन ठगी के तरीके भी उसी रफ्तार से विकसित हुए हैं। अब साइबर अपराधियों ने लोगों को फँसाने के लिए “डिजिटल अरेस्ट” और “फर्जी ईडी समन” जैसे नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। ये ठग खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं, गिरफ्तारी की धमकी देते हैं और फिर पैसों की वसूली करते हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि कई निर्दोष लोग इन जालसाजों का शिकार बन चुके हैं।  Digital Arrest

ED ने जारी की चेतावनी: बढ़ रहे हैं फर्जी समन के मामले

प्रवर्तन निदेशालय ने साफ चेतावनी दी है कि हाल के दिनों में कई लोग फर्जी समन और नोटिस के ज़रिए ठगी का शिकार हुए हैं। ये दस्तावेज़ देखने में इतने असली लगते हैं कि आम नागरिकों के लिए पहचान पाना कठिन हो जाता है। लेकिन अब ईडी ने इसे रोकने के लिए एक सुरक्षित डिजिटल सिस्टम तैयार किया है। असली समन केवल सिस्टम से जारी होते हैं, जिन पर QR कोड और यूनिक पासकोड (Unique Passcode) दिया जाता है।    Digital Arrest

इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति कुछ ही सेकंड में पता कर सकता है कि उसे मिला समन सत्य है या छलावा। हर असली समन पर जारी अधिकारी का नाम, हस्ताक्षर, विभागीय मुहर, आधिकारिक ईमेल और संपर्क नंबर भी दर्ज होता है — ताकि किसी भी फर्जीवाड़े की गुंजाइश न बचे।  Digital Arrest

असली या नकली समन की पहचान ऐसे करें

डिजिटल ठगी के बढ़ते जाल के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम जनता को राहत देते हुए असली समन की पहचान करने के दो बेहद आसान और भरोसेमंद डिजिटल तरीके बताए हैं। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि फर्जी समन और नोटिस के जरिए लोगों को डराकर ठगी करने के मामलों में लगातार इज़ाफा हो रहा है। ईडी ने जनता की सुविधा के लिए असली समन की पहचान करने के दो बेहद सरल डिजिटल तरीके बताए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति ठगों के झांसे में न आए।

QR कोड स्कैन कर तुरंत सत्यापन करें

अगर आपको कोई समन मिला है, तो सबसे पहले उस पर दिए गए QR कोड को अपने मोबाइल कैमरे से स्कैन करें।स्कैन करते ही ईडी की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक खुलेगा, जहां आपको समन पर लिखा Unique Passcode डालना होगा। पासकोड दर्ज करते ही, स्क्रीन पर समन से जुड़ी सारी जानकारी जैसे — आपका नाम, समन जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पद और तारीख साफ-साफ दिखाई देगी। अगर यह जानकारी मेल नहीं खाती, तो समझ लीजिए समन फर्जी है।

वेबसाइट पर जाकर खुद करें क्रॉस-चेक 

आप चाहें तो सीधे ईडी की आधिकारिक वेबसाइट https://enforcementdirectorate.gov.in पर जाकर भी समन की सत्यता जांच सकते हैं। वहां मौजूद ‘Verify Your Summons’ सेक्शन पर क्लिक करें, समन नंबर और पासकोड डालें। अगर डेटा सही है, तो वेबसाइट अपने आप असली समन की पूरी डिटेल दिखा देगी। ईडी ने स्पष्ट किया है कि यह सत्यापन प्रक्रिया समन जारी होने के 24 घंटे बाद (सप्ताहांत और छुट्टियों को छोड़कर) सक्रिय होती है।

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फर्जी समन मिला तो तुरंत करें संपर्क

अगर जांच के दौरान यह साबित हो जाए कि समन ईडी के सिस्टम से जारी नहीं हुआ है, तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को दें —

नाम: राहुल वर्मा
पद: सहायक निदेशक (Assistant Director)
पता: प्रवर्तन निदेशालय, ए-ब्लॉक, प्रवर्तन भवन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड, नई दिल्ली - 110011
ईमेल: adinv2-ed@gov.in
फोन: 011-23339172

ED का साफ संदेश

ईडी ने एक बार फिर जनता को चेताया है कि हाल के दिनों में कुछ साइबर ठग “डिजिटल अरेस्ट” या “ऑनलाइन अरेस्ट” के नाम पर लोगों को डरा-धमकाकर पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। एजेंसी ने साफ शब्दों में कहा है — “ऐसा कोई कानून देश में अस्तित्व में ही नहीं है।” प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया कि उसकी ओर से की जाने वाली हर कार्रवाई सामने आकर, विधिक प्रक्रिया के तहत ही होती है, न कि किसी कॉल, ईमेल या ऑनलाइन लिंक के ज़रिए।    Digital Arrest

ईडी ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को ईडी अधिकारी बताकर धन उगाही या गिरफ्तारी की धमकी देता है, तो तुरंत उसकी शिकायत करें। किसी भी अज्ञात कॉल, ईमेल या मैसेज पर भरोसा न करें, क्योंकि यही धोखाधड़ी की शुरुआत होती है। एजेंसी का संदेश स्पष्ट है - सतर्क रहिए, जागरूक रहिए, क्योंकि आपकी एक सावधानी आपको ठगी के जाल से बचा सकती है।  Digital Arrest

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IPS पूरन के सुसाइड नोट में विस्फोटक खुलासा, प्रताड़ना ने ली जान

IPS पूरन के सुसाइड नोट में विस्फोटक खुलासा, प्रताड़ना ने ली जान
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:56 PM
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हरियाणा में खुद को गोली मारकर सुसाइड करने वाले IPS वाई पूरन कुमार (IPS Y Puran Kumar) की मौत ने देशभर को हिलाकर रख दिया है और कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। वाई पूरन कुमार ने कल (मंगलवार) दोपहर अपने चंडीगढ़ स्थित आवास पर खुद को गोली मार ली थी। हाल ही में हुए खुलासे के मुताबिक, पूरन सिंह ने अपनी जान लेने से पहले लगभग नौ पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। बताया जा रहा है कि पूरन सिंह की सुसाइड नोट में 7-8 IPS के नाम हैं जिसमें जातिवाद, भेदभाव, उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। IPS Puran Kumar Suicide 

9 पेज का लिखा सुसाइड नोट

कहा जा रहा है कि, पुलिस को मौके से अंग्रेजी में लिखा आठ पेज का सुसाइड नोट और एक पेज की वसीयत मिली है। सुसाइड नोट में सात-आठ आईपीएस और दो आईएएस अधिकारियों का जिक्र करते हुए उन पर तंग करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, सुसाइड नोट की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वाई पूरन सिंह मूल रूप से आंध्र प्रदेश के निवासी वाई पूरण को 29 सितंबर को ही रोहतक रेंज के आईजी पद से हटाकर सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में आईजी बनाया गया था। रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने बताया कि शराब ठेकेदार प्रवीण बंसल की शिकायत पर सोमवार रात रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में पूरण कुमार के सुरक्षाकर्मी सुशील कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। प्रवीण बंसल ने सुशील पर ढाई लाख महीना रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। प्रवीण ने सुशील की ऑडियो क्लिप भी पुलिस को दी। पुलिस ने सुशील को गिरफ्तार कर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

कौन थे वाई पूरन कुमार?

वाई पूरन कुमार आंध्र प्रदेश के मूल निवासी थे और अनुसूचित जाति से आते थे। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बी.ई. की डिग्री हासिल की थी और इसके बाद आईआईएम अहमदाबाद से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अपने करियर के दौरान वे साहसिक और स्पष्टवादी अधिकारी के तौर पर जाने जाते थे, जिन्होंने कई बार विभाग के अंदरूनी भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने हरियाणा के पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर भेदभाव के आरोप लगाए थे और इस मामले में न्यायालय का रुख भी किया था। हाल ही में उन्हें आईजी रोहतक रेंज से ट्रांसफर कर सुनारिया के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का प्रमुख नियुक्त किया गया था। पूरन कुमार दो बेटियों के पिता थे बड़ी बेटी विदेश में पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी परिवार के साथ चंडीगढ़ में रहती थी।

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रोहतक के एसपी ने क्या बताया?

रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने बताया कि सोमवार को रोहतक में एक शराब कारोबारी से रिश्वत मांगने के आरोप में हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया था। सुशील पहले वाई पूरन कुमार के साथ काम करता था, लेकिन रोहतक रेंज से ट्रांसफर होने के बाद भी बिना किसी आधिकारिक आदेश के कुमार ने उसे अपने साथ रखा था। पुलिस को शराब कारोबारी की ओर से शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप था कि सुशील उससे हर महीने 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था और यह राशि वाई पूरन कुमार के नाम पर मांगी जा रही थी। IPS Puran Kumar Suicide