USA News : राहुल गांधी को प्रौद्योगिकी की गहरी समझ : भारतीय-अमेरिकी उद्यमी

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Rahul Gandhi has deep understanding of technology: Indian-American entrepreneur
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:56 AM
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सिलिकॉन वैली (अमेरिका)। अमेरिका के कैलिफोर्निया में कृत्रिम मेधा (एआई) और अन्य आधुनिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सक्रिय सिलिकॉन वैली के स्टार्टअप उद्यमियों के साथ राहुल गांधी ने बैठक की। इस बैठक की मेजबानी करने वाले एक युवा भारतीय-अमेरिकी उद्यमी ने कहा कि कांग्रेस नेता को प्रौद्योगिकी के मानवीय पहलुओं की गहरी समझ है। वह इसे आम लोगों एवं रोजगार पर पड़ने वाले असर से जोड़कर देखते हैं।

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हमेशा नया सीखने को उत्सुक रहते हैं राहुल गांधी जीआरसी (शासन, जोखिम, अनुपालन) संबंधी निर्णय लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए क्लाउड-आधारित मंच उपलब्ध कराने वाले स्टार्टअप फिक्सनिक्स के संस्थापक शाह शंकरन ने कहा कि राहुल कभी यह दावा नहीं करते कि वह सब कुछ जानते हैं, लेकिन वह (कुछ नया जानने-सीखने के लिए) हमेशा उत्सुक रहते हैं। बैठक के दौरान उन्होंने माना कि अलग-अलग विषयों को लेकर उनका सीमित ज्ञान है, लेकिन वह हमेशा प्रौद्योगिकी की गहरी समझ हासिल करने की अपनी ललक प्रदर्शित करते हैं। शंकरन ने सिलिकॉन वैली का स्टार्टअप हब कहलाने वाले ‘प्लग एंड प्ले’ में ‘एआई एंड ह्यूमन डेवलपमेंट : ए चैट विद राहुल गांधी’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम की मेजबानी की।

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प्रौद्योगिकी के मामले में अपने पिता का अनुसरण करते हैं राहुल शंकरन ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान राहुल ने दर्शकों से कहा कि वह बैंकिंग सहित अन्य क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को अपनाने के मामले में अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का अनुकरण करने की कोशिश करते हैं। राहुल गांधी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर वह अपने दृष्टिकोण के जरिये भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं, तो नवाचार के माध्यम से वृद्धि और विकास को कैसे और बढ़ावा दिया जा सकता है। राहुल ने यह भी संकेत दिया कि वह प्रौद्योगिकी पर प्रतिबंध लगाने के बजाय उसे विनियमित करने के पक्ष में हैं।

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प्रौद्योगिकी को प्रतिबंधित नहीं, विनियमित करने की जरूरत उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को प्रतिबंधित नहीं, विनियमित करने की आवश्यकता होती है। वर्तमान में भारत में क्या हो रहा है, टिकटॉक का उदाहरण ही ले लीजिए, आपको यह पसंद नहीं है, तो इस पर पाबंदी लगा दी। अमेरिका ने टिकटॉक या ड्रोन पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। वह इन्हें एक तरह से विनियमित करता है। उसे कुछ समस्याएं थीं, तो उसने टिकटॉक के सीईओ को कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के सभी सदस्यों से बात करने के लिए बुलाया। शंकरन ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस ने आंतरिक स्तर पर इसकी जांच की। इसलिए इस तरह की बातचीत हमेशा तथाकथित प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ भी होती है। अमेरिका कभी प्रतिबंध नहीं लगाता। वह ड्रोन का नियमन करता है। पेगासस ने दुनिया के कई निरंकुश शासकों की मदद की है बैठक में ‘पेगासस स्पाइवेयर’ पर राहुल के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए शंकरन ने कहा कि सिलिकॉन वैली और इजराइल द्वारा ईजाद किए गए इस ‘स्पाइवेयर’ ने दुनिया के कई निरंकुश शासकों की मदद की है। उन्होंने ने दावा किया कि इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल राहुल गांधी सहित कई नेताओं, मीडियाकर्मियों, न्यायाधीशों और स्वतंत्र संस्थानों को चुप कराने के लिए किया जा रहा है। लेकिन, राहुल को चुप नहीं कराया जा सकता है, क्योंकि उनके पास कोई बोझ नहीं है। भारत में अन्य सभी विपक्षी दलों को चुप कराया जा सकता है, क्योंकि उनके पास कुछ बोझ हो सकता है। आज वास्तव में राहुल गांधी ने मोदी को नमस्ते कहकर उनका अभिवादन ही किया है। उन्होंने जो कुछ कहा है, उसे वह (मोदी) सुन रहे होंगे।

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राहुल पीएम बनना चाहते तो कोई आपत्ति नहीं जताता शंकरन ने कहा कि कांग्रेस नेता के साथ उन्होंने जो समय बिताया, उससे उन्होंने यही जाना कि राहुल गांधी के पास मानवीय हृदय है और वह बहुत ही संवेदनशील हैं। वह एक अच्छे इंसान हैं। वास्तव में मैं उन्हें बुद्ध कहूंगा। वह एक जीवित ‘बुद्ध’ हैं। इसलिए मुझे लगता है कि वह इन लुभावने पदों में से किसी के पीछे नहीं भागते हैं। राहुल प्रधानमंत्री बन सकते थे, जब उनके पास बहुमत था। वह दो बार प्रधानमंत्री बन सकते थे। लेकिन, वास्तव में वह कभी प्रधानमंत्री नहीं बने। अगर वह प्रधानमंत्री बनना चाहते, तो कांग्रेस में कोई भी आपत्ति नहीं जताता। उन्होंने कभी प्रधानमंत्री बनना चाहा ही नहीं। भारतीय-अमेरिकी उद्यमी ने कहा कि मैं समझता हूं कि राहुल एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिसे आने वाली पीढ़ियां आदर्श के रूप में देख सकती हैं। यही नहीं, अब जबकि उन्हें सांसद के रूप में मिले बंगले से बाहर निकाल दिया गया है, तब भी उनके मन में मोदी के लिए रत्तीभर भी गुस्सा या नफरत नहीं है। शंकरन ने कहा कि राहुल महान बुद्ध की तरह हैं और वह इस मामले में ‘धम्म’ का पालन करते हैं। कई निजी बातचीत में मैंने पाया कि उन्हें न केवल तकनीक, बल्कि कई अन्य विषयों का बहुत गहरा ज्ञान है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Jharkhand : गरीबों को भोजन परोसते समय 10 साल बाद अपने पिता से मिला बेटा

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Jharkhand News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 02:01 AM
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Jharkhand News / रामगढ़ (झारखंड)। झारखंड के रामगढ़ जिले में एक संगठन द्वारा आयोजित भोजन वितरण कार्यक्रम के दौरान गरीबों को खाना परोसते समय 13 साल का एक लड़का करीब दस साल बाद अपने पिता से मिला।

पिता की पहचान टिंकू वर्मा के रूप में हुई है जिसे पुलिस ने 2013 में उसकी पत्नी की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत के बाद गिरफ्तार कर लिया था। दोपहर को मुफ्त भोजन वितरण के दौरान वह भी कतार में बैठा था। संयोगवश उसका बेटा शिवम लोगों को खाना परोस रहा था। बेटे ने उस व्यक्ति को देखा और उसे लगा कि दाढ़ी वाले इस व्यक्ति का चेहरा उसके पिता से मिलता है।

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टिंकू वर्मा ने भी अपने बेटे को पहचान लिया जिसे उसकी गिरफ्तारी के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने अनाथ, परित्यक्त और गरीब बच्चों के लिए काम करने वाले गैर लाभकारी संगठन ‘डिवाइन ओंकार मिशन’ को सौंप दिया था। तब शिवम सिर्फ तीन साल का था।

दोनों पिता-पुत्र ने एक दूसरे को गले लगाया और उनकी आंखें भर आईं। इस भावुक क्षण ने संगठन के प्रबंधक राजेश नेगी का ध्यान खींचा।

नेगी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने शिवम को संगठन को सौंप दिया था क्योंकि उसकी मां की मौत के बाद उसके पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहा कि बच्चे का ध्यान रखने वाला उस वक्त कोई नहीं था। उन्होंने कहा कि शिवम अब संगठन द्वारा चलाए जा रहे स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। नेगी ने कहा कि वह अक्सर संगठन द्वारा भोजन वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लेता है जिसने एक दशक बाद उसे उसके पिता से मिलाने में मदद की।

शिवम के पिता वर्तमान में रामगढ़ शहर के विकास नगर इलाके में रहते हैं और रिक्शा चलाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। नेगी ने कहा कि सभी आधिकारिक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद शिवम को उसके पिता को सौंप दिया गया।

शिवम ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवन में कभी अपने पिता से मिल पाऊंगा। उनसे मिलना किसी दैवीय उपहार से कम नहीं है।’’ शिवम ने यह भी कहा कि वह ‘डिवाइन ओंकार मिशन’ को कभी भूल नहीं पाएगा जहां उसका बचपन बीता। उसके पिता ने भी 10 साल तक उसके बेटे की देखभाल करने के लिए संगठन का शुक्रिया अदा किया। Jharkhand

Odisha Train Accident : पटरियों की मरम्मत के लिए 24 घंटे काम कर रहे दल

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United Nations : गुतारेस ने ओडिशा रेल हादसे को लेकर गहरा दुख जताया

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Gutares expressed deep sorrow over the Odisha train accident
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:37 AM
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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने पर दुख जताया है। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में 288 यात्रियों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गए। बालासोर में 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने के कारण यह हादसा हुआ।

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Odisha Train Accident : पटरियों की मरम्मत के लिए 24 घंटे काम कर रहे दल

घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना संरा महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि महासचिव भारत के ओडिशा में हुए रेल हादसे में लोगों के हताहत होने की खबर से बहुत दुखी हैं। बयान में कहा गया है कि गुतारेस मृतकों के परिवारों, भारत के लोगों एवं सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र एवं पूरी तरह से स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने भी रेल दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों और घायलों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की थी।

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Delhi News: यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए लोगों ने नदी किनारे बनाई मानव श्रृंखला

ट्रेन दुर्घटना की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा था कि ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। भारत सरकार और लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक अचिम स्टेनर ने भी एक ट्वीट में कहा कि वह ओडिशा में हुए दुखद हादसे से जुड़ी खबरों को भारी मन से देख रहे हैं। उन्होंने अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।