दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, सील की गई 1000 दुकानें
दिल्ली में खुलेआम बिक रहे अनहाइजीनिक और बगैर लाइसेंस के खाने-पीने के सामान पर अब नकेल कस दी गई है। MCD ने राजधानी में खाने की चीजों की गुणवत्ता और स्वच्छता की निगरानी को लेकर एक बड़ा अभियान चलाया जिसके तहत 1,000 से ज्यादा अवैध और गंदगी फैलाने वाले फूड आउटलेट्स को सील कर दिया गया है।

Delhi News : दिल्ली में खुलेआम बिक रहे अनहाइजीनिक और बगैर लाइसेंस के खाने-पीने के सामान पर अब नकेल कस दी गई है। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने राजधानी में खाने की चीजों की गुणवत्ता और स्वच्छता की निगरानी को लेकर अप्रैल से जून 2025 के बीच एक बड़ा अभियान चलाया जिसके तहत 1,000 से ज्यादा अवैध और गंदगी फैलाने वाले फूड आउटलेट्स को सील कर दिया गया है। इस दौरान 78 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी वसूला गया।
क्या है इस अभियान का फोकस?
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य था कि घनी आबादी वाले इलाके, खासकर स्कूलों और मंदिर-मस्जिदों के पास मौजूद गंदे और अनधिकृत खाने-पीने के अड्डों को हटाया जाए ताकि खराब भोजन से फैलने वाली बीमारियों पर रोक लगाई जा सके। MCD ने शहरभर में 5,040 स्थानों की जांच की। इनमें मांस की दुकानें, ढाबे, मिठाई की दुकानें, जूस कॉर्नर और रेस्तरां शामिल थे। 1,029 प्रतिष्ठान लाइसेंस और स्वच्छता नियमों की अनदेखी करते पाए गए और सील किए गए। 3,107 को नोटिस दिए गए। 1,038 के खिलाफ चालान जारी किया गया।
कौन से जोन सबसे आगे रहे?
सेंट्रल जोन: 840 निरीक्षण, 237 सील, 81 चालान। वेस्ट जोन: 640 निरीक्षण, 157 सील। साउथ जोन: 561 निरीक्षण, 151 सील। यह जोन इस अभियान में सबसे सक्रिय और सख्त नजर आए।
जुर्माने से वसूली
तीन महीनों में कुल ₹78,70,124 का जुर्माना वसूला गया। इसमें प्रॉपर्टी उल्लंघन से ₹21.74 लाख, स्वास्थ्य चालानों से ₹21.74 लाख, फूड सेफ्टी से जुड़े मामलों से ₹6.66 लाख, स्वच्छता जुर्मानों से ₹27.54 लाख शामिल हैं। सबसे ज्यादा राजस्व वेस्ट जोन से आया करीब ₹18.29 लाख।
संसद की कैंटीन में भी दिखा असर
दिल्ली में सफाई और सेहत पर सरकार की सख्ती का असर संसद तक पहुंचा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के बाद अब सांसदों को परोसे जाने वाले खाने में हेल्दी ऑप्शन जोड़े गए हैं। अब संसद की कैंटीन में कम कैलोरी, कम कार्ब और कम सोडियम वाला खाना, मिलेट (मोटा अनाज) और ग्लूटेन-फ्री विकल्प, फाइबर और प्रोटीन युक्त व्यंजन शामिल किए गए हैं। MCD अब बार-बार नियम तोड़ने वालों की निगरानी करेगा और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर फॉलो-अप चेक और जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेगा।
Delhi News : दिल्ली में खुलेआम बिक रहे अनहाइजीनिक और बगैर लाइसेंस के खाने-पीने के सामान पर अब नकेल कस दी गई है। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने राजधानी में खाने की चीजों की गुणवत्ता और स्वच्छता की निगरानी को लेकर अप्रैल से जून 2025 के बीच एक बड़ा अभियान चलाया जिसके तहत 1,000 से ज्यादा अवैध और गंदगी फैलाने वाले फूड आउटलेट्स को सील कर दिया गया है। इस दौरान 78 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी वसूला गया।
क्या है इस अभियान का फोकस?
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य था कि घनी आबादी वाले इलाके, खासकर स्कूलों और मंदिर-मस्जिदों के पास मौजूद गंदे और अनधिकृत खाने-पीने के अड्डों को हटाया जाए ताकि खराब भोजन से फैलने वाली बीमारियों पर रोक लगाई जा सके। MCD ने शहरभर में 5,040 स्थानों की जांच की। इनमें मांस की दुकानें, ढाबे, मिठाई की दुकानें, जूस कॉर्नर और रेस्तरां शामिल थे। 1,029 प्रतिष्ठान लाइसेंस और स्वच्छता नियमों की अनदेखी करते पाए गए और सील किए गए। 3,107 को नोटिस दिए गए। 1,038 के खिलाफ चालान जारी किया गया।
कौन से जोन सबसे आगे रहे?
सेंट्रल जोन: 840 निरीक्षण, 237 सील, 81 चालान। वेस्ट जोन: 640 निरीक्षण, 157 सील। साउथ जोन: 561 निरीक्षण, 151 सील। यह जोन इस अभियान में सबसे सक्रिय और सख्त नजर आए।
जुर्माने से वसूली
तीन महीनों में कुल ₹78,70,124 का जुर्माना वसूला गया। इसमें प्रॉपर्टी उल्लंघन से ₹21.74 लाख, स्वास्थ्य चालानों से ₹21.74 लाख, फूड सेफ्टी से जुड़े मामलों से ₹6.66 लाख, स्वच्छता जुर्मानों से ₹27.54 लाख शामिल हैं। सबसे ज्यादा राजस्व वेस्ट जोन से आया करीब ₹18.29 लाख।
संसद की कैंटीन में भी दिखा असर
दिल्ली में सफाई और सेहत पर सरकार की सख्ती का असर संसद तक पहुंचा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के बाद अब सांसदों को परोसे जाने वाले खाने में हेल्दी ऑप्शन जोड़े गए हैं। अब संसद की कैंटीन में कम कैलोरी, कम कार्ब और कम सोडियम वाला खाना, मिलेट (मोटा अनाज) और ग्लूटेन-फ्री विकल्प, फाइबर और प्रोटीन युक्त व्यंजन शामिल किए गए हैं। MCD अब बार-बार नियम तोड़ने वालों की निगरानी करेगा और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर फॉलो-अप चेक और जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेगा।



