दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, सील की गई 1000 दुकानें

दिल्ली में खुलेआम बिक रहे अनहाइजीनिक और बगैर लाइसेंस के खाने-पीने के सामान पर अब नकेल कस दी गई है। MCD ने राजधानी में खाने की चीजों की गुणवत्ता और स्वच्छता की निगरानी को लेकर एक बड़ा अभियान चलाया जिसके तहत 1,000 से ज्यादा अवैध और गंदगी फैलाने वाले फूड आउटलेट्स को सील कर दिया गया है।

Delhi Government Big Decision
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Jul 2025 01:32 PM
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Delhi News : दिल्ली में खुलेआम बिक रहे अनहाइजीनिक और बगैर लाइसेंस के खाने-पीने के सामान पर अब नकेल कस दी गई है। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने राजधानी में खाने की चीजों की गुणवत्ता और स्वच्छता की निगरानी को लेकर अप्रैल से जून 2025 के बीच एक बड़ा अभियान चलाया जिसके तहत 1,000 से ज्यादा अवैध और गंदगी फैलाने वाले फूड आउटलेट्स को सील कर दिया गया है। इस दौरान 78 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी वसूला गया।

क्या है इस अभियान का फोकस?


इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य था कि घनी आबादी वाले इलाके, खासकर स्कूलों और मंदिर-मस्जिदों के पास मौजूद गंदे और अनधिकृत खाने-पीने के अड्डों को हटाया जाए ताकि खराब भोजन से फैलने वाली बीमारियों पर रोक लगाई जा सके। MCD ने शहरभर में 5,040 स्थानों की जांच की। इनमें मांस की दुकानें, ढाबे, मिठाई की दुकानें, जूस कॉर्नर और रेस्तरां शामिल थे। 1,029 प्रतिष्ठान लाइसेंस और स्वच्छता नियमों की अनदेखी करते पाए गए और सील किए गए। 3,107 को नोटिस दिए गए। 1,038 के खिलाफ चालान जारी किया गया।

कौन से जोन सबसे आगे रहे?

सेंट्रल जोन: 840 निरीक्षण, 237 सील, 81 चालान। वेस्ट जोन: 640 निरीक्षण, 157 सील। साउथ जोन: 561 निरीक्षण, 151 सील। यह जोन इस अभियान में सबसे सक्रिय और सख्त नजर आए।

जुर्माने से वसूली


तीन महीनों में कुल ₹78,70,124 का जुर्माना वसूला गया। इसमें प्रॉपर्टी उल्लंघन से ₹21.74 लाख, स्वास्थ्य चालानों से ₹21.74 लाख, फूड सेफ्टी से जुड़े मामलों से ₹6.66 लाख, स्वच्छता जुर्मानों से ₹27.54 लाख शामिल हैं। सबसे ज्यादा राजस्व वेस्ट जोन से आया करीब ₹18.29 लाख।

संसद की कैंटीन में भी दिखा असर

दिल्ली में सफाई और सेहत पर सरकार की सख्ती का असर संसद तक पहुंचा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के बाद अब सांसदों को परोसे जाने वाले खाने में हेल्दी ऑप्शन जोड़े गए हैं। अब संसद की कैंटीन में कम कैलोरी, कम कार्ब और कम सोडियम वाला खाना, मिलेट (मोटा अनाज) और ग्लूटेन-फ्री विकल्प, फाइबर और प्रोटीन युक्त व्यंजन शामिल किए गए हैं। MCD अब बार-बार नियम तोड़ने वालों की निगरानी करेगा और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर फॉलो-अप चेक और जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेगा। 

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दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, सील की गई 1000 दुकानें

दिल्ली में खुलेआम बिक रहे अनहाइजीनिक और बगैर लाइसेंस के खाने-पीने के सामान पर अब नकेल कस दी गई है। MCD ने राजधानी में खाने की चीजों की गुणवत्ता और स्वच्छता की निगरानी को लेकर एक बड़ा अभियान चलाया जिसके तहत 1,000 से ज्यादा अवैध और गंदगी फैलाने वाले फूड आउटलेट्स को सील कर दिया गया है।

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calendar17 Jul 2025 01:32 PM
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Delhi News : दिल्ली में खुलेआम बिक रहे अनहाइजीनिक और बगैर लाइसेंस के खाने-पीने के सामान पर अब नकेल कस दी गई है। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने राजधानी में खाने की चीजों की गुणवत्ता और स्वच्छता की निगरानी को लेकर अप्रैल से जून 2025 के बीच एक बड़ा अभियान चलाया जिसके तहत 1,000 से ज्यादा अवैध और गंदगी फैलाने वाले फूड आउटलेट्स को सील कर दिया गया है। इस दौरान 78 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी वसूला गया।

क्या है इस अभियान का फोकस?


इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य था कि घनी आबादी वाले इलाके, खासकर स्कूलों और मंदिर-मस्जिदों के पास मौजूद गंदे और अनधिकृत खाने-पीने के अड्डों को हटाया जाए ताकि खराब भोजन से फैलने वाली बीमारियों पर रोक लगाई जा सके। MCD ने शहरभर में 5,040 स्थानों की जांच की। इनमें मांस की दुकानें, ढाबे, मिठाई की दुकानें, जूस कॉर्नर और रेस्तरां शामिल थे। 1,029 प्रतिष्ठान लाइसेंस और स्वच्छता नियमों की अनदेखी करते पाए गए और सील किए गए। 3,107 को नोटिस दिए गए। 1,038 के खिलाफ चालान जारी किया गया।

कौन से जोन सबसे आगे रहे?

सेंट्रल जोन: 840 निरीक्षण, 237 सील, 81 चालान। वेस्ट जोन: 640 निरीक्षण, 157 सील। साउथ जोन: 561 निरीक्षण, 151 सील। यह जोन इस अभियान में सबसे सक्रिय और सख्त नजर आए।

जुर्माने से वसूली


तीन महीनों में कुल ₹78,70,124 का जुर्माना वसूला गया। इसमें प्रॉपर्टी उल्लंघन से ₹21.74 लाख, स्वास्थ्य चालानों से ₹21.74 लाख, फूड सेफ्टी से जुड़े मामलों से ₹6.66 लाख, स्वच्छता जुर्मानों से ₹27.54 लाख शामिल हैं। सबसे ज्यादा राजस्व वेस्ट जोन से आया करीब ₹18.29 लाख।

संसद की कैंटीन में भी दिखा असर

दिल्ली में सफाई और सेहत पर सरकार की सख्ती का असर संसद तक पहुंचा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के बाद अब सांसदों को परोसे जाने वाले खाने में हेल्दी ऑप्शन जोड़े गए हैं। अब संसद की कैंटीन में कम कैलोरी, कम कार्ब और कम सोडियम वाला खाना, मिलेट (मोटा अनाज) और ग्लूटेन-फ्री विकल्प, फाइबर और प्रोटीन युक्त व्यंजन शामिल किए गए हैं। MCD अब बार-बार नियम तोड़ने वालों की निगरानी करेगा और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर फॉलो-अप चेक और जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेगा। 

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फरीदाबाद में शराब के ठेके की लगी सबसे ऊंची बोली, जानकर उड़ जाएंगे होश

Liquor contract
Delhi-NCR News
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 11:02 AM
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Delhi-NCR News : फरीदाबाद में शराब कारोबार ने इस बार नया रिकॉर्ड बना दिया है। बदरपुर बॉर्डर पर स्थित एक शराब ठेके की नीलामी 52 करोड़ 67 लाख 99 हजार 999 रुपये में हुई जो अब तक की सबसे ऊंची बोली है। यह नीलामी 7 जुलाई को हुई जिसमें कुल 10 शराब ठेकों की बोली लगी और आबकारी विभाग को शानदार रिस्पॉन्स मिला। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह बोली जिले के अब तक की सबसे बड़ी नीलामी है और यह ठेका एक पुराने कारोबारी समूह को मिला है।

करीब 12.18% की बढ़ोतरी दर्ज

बदरपुर बॉर्डर का यह ठेका विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह दिल्ली सीमा से सटा हुआ है, जहां शराब की बिक्री काफी अधिक होती है। इससे पहले जून महीने में सेक्टर-17 स्थित एमवीएन पुलिस नाके के पास स्थित ठेका 25.21 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ था, जिसमें पिछले साल की तुलना में करीब 12.18% की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।

प्राप्त हो चुका है 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व

आबकारी विभाग के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में जिले के अंग्रेजी और देसी शराब के ठेकों से अब तक 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हो चुका है। नीलामी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है, जहां ठेकेदार विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर बोली लगाते हैं और सबसे अधिक बोली लगाने वाले को ठेका दिया जाता है।

96 जोन की नीलामी हुई पूरी

अब तक जिले के 115 में से 96 जोन की नीलामी पूरी हो चुकी है। नीलामी के पहले राउंड में 64 जोन बिके थे, लेकिन बाद के चरणों में ठेकेदारों की रुचि में कमी आई। इसके बाद विभाग ने मीटिंग कर कारोबारियों को प्रोत्साहित किया और कुछ कैटेगरी में मामूली छूट दी गई, जिससे अब फिर से प्रतिस्पर्धा में तेजी आई है। 7 जुलाई की नीलामी में एक नई फर्म ने एक साथ चार जोन हासिल किए। अब केवल 19 जोन की नीलामी शेष है, जिनका रिज़र्व प्राइस 241.46 करोड़ रुपये तय किया गया है। 7 जुलाई को हुई नीलामी में 194.80 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइस पर 197.02 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।

फरीदाबाद में हुई रिकॉर्ड तोड़ नीलामी

वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी विभाग ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी तय किया है 2.82 करोड़ प्रूफ लीटर IMFL (इंडियन मेड फॉरेन लिकर), 3.48 लाख पेटियां आयातित शराब और 1.74 करोड़ प्रूफ लीटर देसी शराब बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे कुल 1777 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इस रिकॉर्ड तोड़ नीलामी ने जहां विभाग की उम्मीदों को पंख दिए हैं, वहीं यह भी साफ कर दिया है कि शराब कारोबार में फरीदाबाद अब प्रदेश के सबसे मजबूत जिलों में गिना जाएगा।