NEET PG 2023- नहीं शुरू हो रहा 5 जनवरी से रजिस्ट्रेशन, 5 मार्च को होगी परीक्षा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:20 PM
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NEET PG 2023- पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में दाखिले हेतु होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा का आयोजन 5 मार्च 2023 को होगा। प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। हालांकि यह खबर सामने आ रही थी कि नीट पीजी 2023 (NEET PG 2023) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 5 जनवरी 2023 से शुरू हो रही है, लेकिन नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस, दिल्ली की तरफ से इस खबर का खंडन किया गया है। फिलहाल अभी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने की तारीख का कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं हुआ है। गौरतलब है कुछ न्यूज़ वेबसाइट पर सुबह से ही यह खबर अपलोड की जा रही है की नीट पीजी 2023 (NEET PG 2023) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 5 जनवरी यानी आज से प्रारंभ हो रही है। लेकिन अब नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस, दिल्ली की तरफ से इस खबर का खंडन करते हुए, फैलाई जा रही खबरों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया गया है। NEET PG 2023
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National News :  दूरदर्शी, भविष्योन्मुखी शिक्षा प्रणाली तैयार हो रही: मोदी

जहर खाकर ssp दफ्तर पहुंचा पति 111
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:05 PM
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National News : राजकोट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के जरिये देश में पहली बार एक दूरदर्शी एवं भविष्योन्मुखी शिक्षा प्रणाली तैयार की जा रही है। उन्होंने पिछली सरकारों पर “गुलाम मानसिकता” के कारण देश के खोए हुए गौरव को वापस पाने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया।

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राजकोट में श्री स्वामीनारायण गुरुकुल के 'अमृत महोत्सव' को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि देश में आईआईटी, आईआईएम और मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 के बाद काफी बढ़ी है। वर्ष 2014 में मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पहली सरकार बनी थी। प्रधानमंत्री ने भारत की प्राचीन 'गुरुकुल' प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि ज्ञान देश में जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य रहा है। मोदी ने कहा कि संतों और आध्यात्मिक नेताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में देश की खोई हुई महिमा को पुनर्जीवित करने में मदद की। उन्होंने कहा, आप अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में हमारी मौजूदा शिक्षा नीति और संस्थानों की बड़ी भूमिका है। इसलिए आजादी के इस अमृतकाल में शिक्षा अवसंरचना हो या शिक्षा नीति... हम हर स्तर पर काम कर रहे हैं। मोदी ने कहा, देश में आज आईआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे बड़े शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ रही है। 2014 के बाद मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 65 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है। नयी शिक्षा नीति के माध्यम से देश पहली बार एक ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार कर रहा है, जो दूरदर्शी और भविष्योन्मुखी है। उन्होंने कहा, जब भारत आजाद हुआ तो देश के प्राचीन गौरव व शिक्षा के क्षेत्र में हमारे महान गौरव को पुनर्जीवित करना हमारी जिम्मेदारी थी। प्रधानमंत्री ने कहा,लेकिन गुलाम मानसिकता के दबाव में सरकारें उस दिशा में नहीं चलीं और कुछ मामलों में उल्टी दिशा में चली गईं। ऐसे में एक बार फिर हमारे संतों और आचार्यों ने देश के प्रति इस कर्तव्य को निभाने का बीड़ा उठाया है। स्वामीनारायण गुरुकुल इसका जीता जागता उदाहरण है।” मोदी ने कहा कि भारत ने 'आत्मतत्व' से 'परमात्मा' तक, अध्यात्म से आयुर्वेद तक, सामाजिक विज्ञान से सौर विज्ञान तक, गणित से धातु विज्ञान तक, और शून्य से अनंत तक के क्षेत्रों में अनुसंधान करके दुनिया को रास्ता दिखाया। प्रधानमंत्री ने कहा, जब विश्व में 'लैंगिक समानता' जैसे शब्द का जन्म नहीं हुआ था तब हमारे यहां गार्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषियां शास्त्रार्थ कर रही थीं। उन्होंने कहा, भारत ने अंधकार से भरे युगों में मानवता को प्रकाश की वो किरणें दीं, जिनसे आधुनिक विश्व और विज्ञान की यात्रा शुरू हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि उस काल के गुरुकुलों ने गार्गी और मैत्रेयी जैसी महिला विद्वानों को शास्त्रार्थ की अनुमति देकर उनके लिए दुनिया को समझने का मार्ग प्रशस्त किया। मोदी ने कहा कि ज्ञान भारत में जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य रहा है, इसलिए जब अन्य देशों की पहचान राज्यों और शाही कुलों के आधार पर की जाती थी, तब भारत को उसके गुरुकुलों की वजह से जाना जाता था। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे गुरुकुल सदियों से समानता, स्नेह और सेवा के बगीचे की तरह रहे हैं। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय भारत की इस गुरुकुल परंपरा के वैश्विक गौरव का पर्याय हुआ करते थे। खोज और शोध-ये भारत की जीवन शैली का हिस्सा थे। आज हम देश में जो विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि देखते हैं, वह उन्हीं खोजों और नवाचारों का परिणाम है। मोदी ने कहा कि 2047 में जब भारत आजादी की शताब्दी मनाएगा तब एक बेहतर शिक्षा प्रणाली के तहत पले-बढ़े आदर्श नागरिक और युवा विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण गुरुकुल जैसे संस्थानों के प्रयास निश्चित रूप से महत्वपूर्ण होंगे। मोदी ने स्वामीनारायण गुरुकुल से हर साल 15 दिन के लिए 100-150 स्वयंसेवकों को पूर्वोत्तर राज्यों में भेजने और वहां के युवाओं से मिलने, अपना परिचय देने और उनके बारे में लिखने का आग्रह किया।

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Kota Coaching Institute : कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों का तनाव करने के लिए उठाए जा रहे कई कदम

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Kota Coaching Institute: Several steps are being taken to de-stress students in Kota's coaching institutes
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:38 PM
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Kota Coaching Institute :  कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के तनाव और चिंता से बाहर निकालने में मदद के लिए योग सत्रों, जुम्बा क्लासों से लेकर 24 घंटे सातों दिन चलने वाले हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की गई है, साथ ही परामर्शदाताओं की एक टीम को भी तैनात किया गया है।

Kota Coaching Institute :

पिछले हफ्ते तीन छात्रों के कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद कोटा का कोचिंग हब सुर्खियों में है। प्रमुख कोचिंग संस्थान ‘एलन’ में विभिन्न मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में फिलहाल 1.5 लाख से अधिक छात्र कोचिंग हासिल करते हैं। संस्थान ने अपने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए नियमित योग सत्र व जुम्बा क्लासों के अलावा “तुम होगे कामयाब” और “विंग्स ऑफ विजडम” जैसे विशेष कार्यक्रम चलाए हैं।

‘एलन’ में प्रधान परामर्शदाता व छात्र-व्यवहार विशेषज्ञ डॉ. हरीश शर्मा ने कहा, “हमारे यहां एक समर्पित हेल्पलाइन है जो चौबीस घंटे सातों दिन काम करती है और इसके माध्यम से प्रतिदिन 50 से अधिक छात्र या अभिभावक बात करते हैं।” उन्होंने बताया, “प्रति 10 छात्रों के लिए हमारे पास एक पर्यवेक्षक छात्र है जिसे 'बडी' कहा जाता है। बडी का काम समूह के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पता लगाना और शिक्षकों को यह बताना होता है कि किसी छात्र में कोई लक्षण या संकेत तो नहीं हैं? जैसे वह कुछ दिन से ठीक से नहीं खा रहा है, कमरे से बाहर नहीं आ रहा है या कक्षाओं में भाग नहीं ले रहा है या अपने माता-पिता से बात नहीं कर रहा है।” उन्होंने कहा कि शिक्षकों को किसी भी ऐसे छात्र के बारे में पता चलने के बाद संस्थान में उपलब्ध पेशेवर परामर्शदाताओं को बुलाया जाता है। ‘रेजोनेंस’ भी कोटा का एक प्रमुख कोचिंग संस्थान है, जिसमें प्रत्येक छात्र के पास शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक मुद्दों से निपटने में उसकी मदद करने के लिए एक संरक्षक होता है। संस्थान के प्रबंध निदेशक और अकादमिक प्रमुख आर.के. अग्रवाल ने कहा, “हम छात्रों को न केवल उनकी अकादमिक चिंताओं बल्कि ऐसे गैर-शैक्षणिक मुद्दों पर भी चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जो तनाव या चिंता पैदा कर रहे हैं। योग सत्र और एकाग्रता अभ्यास भी उन गतिविधियों में शामिल हैं जिन्हें छात्रों के बीच प्रोत्साहित किया जाता है।” पुलिस और जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक, इस साल शहर के कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कम से कम 14 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। 2021 में जब यहां के कोचिंग सेंटर कोविड-19 महामारी के कारण बंद थे और छात्रों ने अपने घरों से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लिया था, तब किसी भी छात्र की आत्महत्या की सूचना नहीं मिली थी। 2019 में यह संख्या 18 और 2020 में 20 थी। पिछले सप्ताह आत्महत्या करने वाले तीन छात्रों में से, एनईईटी की तैयारी कर रहे अंकुश आनंद (18), जेईई की तैयारी कर रहे उज्ज्वल कुमार (17) शामिल थे। दोनों बिहार से थे। पुलिस के अनुसार दोनों के शव 12 दिसंबर को उनके अपने-अपने किराए के कमरे में छत के पंखे से लटके पाए गए थे। मध्य प्रदेश का रहने वाला तीसरा छात्र प्रणव वर्मा (17) एनईईटी की तैयारी कर रहा था। उसने 11 दिसंबर को अपने छात्रावास में कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।