यूपी बोर्ड में 9वी, 10वी, 11वी और 12वी कक्षा का बांटा जाएगा सिलेबस, क्रिएटिव मूल्यांकन से तैयार होगा परिणाम
भारत
चेतना मंच
02 Sep 2021 02:34 PM
लखनऊ:प्रदेश के यूपी बोर्ड में क्रिएटिव मूल्यांकन के आधार पर 100वे स्थापना दिवस पर एक नई पहल की गई है। इसको ध्यान में रखकर विशेषज्ञों को कार्यशाला पूरी होने वाली है। इसको जल्द ही प्रदेश के 28 स्कूलों में लागू किए जाने के लिए प्रस्ताव जल्द भेजा जा सकता है। शुरुआती समय में इसके कक्षा 9वी में सही तरह से लागू किया जाना है। इसके अलावा 10वी और 12वी कक्षा में लागू करने की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। विशेषज्ञों से लागू करने वाले गतिविधियों के लिए सुझाव मांगा गया था। छात्र छात्राओं की सहूलियत के लिए मानक होगा औऱ रिकार्ड भी दर्ज किया जाएगा। इसको लेकर चर्चा जारी है। कार्यशाला में विशेषज्ञों के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक विद्दार्थियों के रचनात्मक मूल्यांकन का इस्तेमाल करने को लेकर ध्यान दिया जा रहा है।
नई सिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्ययक्रम निर्धारित करवाने के लिए कार्यशालाएं चल रही है। इसके हिसाब से 9 से 12 के पाठयक्रम को सप्ताहवार बांट दिया जाएगा। प्रदेश बोर्ड के 32 सप्ताह में पूरे कोर्स को बांटा गया है। स्कूल में विषय प्रतिदिन चुनने का काम विशेषज्ञों को जिम्मेदारी मिली है। पाठयक्रम को 3 भागों में बांटा जाना है। कोरोना काल में डिजिटल माध्यम से पढ़ाई की जरुरत को बढ़ावा देने के लिए इसको काफी समय तक जारी रखा जा सकता है। पाठयक्रम को बांटने के बाद शासन को मंजूरी के लिए भेजना है जिसके बाद इसको अगले सत्र मे लागू किया जाएगा।
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चेतना मंच
02 Sep 2021 02:34 PM
लखनऊ:प्रदेश के यूपी बोर्ड में क्रिएटिव मूल्यांकन के आधार पर 100वे स्थापना दिवस पर एक नई पहल की गई है। इसको ध्यान में रखकर विशेषज्ञों को कार्यशाला पूरी होने वाली है। इसको जल्द ही प्रदेश के 28 स्कूलों में लागू किए जाने के लिए प्रस्ताव जल्द भेजा जा सकता है। शुरुआती समय में इसके कक्षा 9वी में सही तरह से लागू किया जाना है। इसके अलावा 10वी और 12वी कक्षा में लागू करने की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। विशेषज्ञों से लागू करने वाले गतिविधियों के लिए सुझाव मांगा गया था। छात्र छात्राओं की सहूलियत के लिए मानक होगा औऱ रिकार्ड भी दर्ज किया जाएगा। इसको लेकर चर्चा जारी है। कार्यशाला में विशेषज्ञों के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक विद्दार्थियों के रचनात्मक मूल्यांकन का इस्तेमाल करने को लेकर ध्यान दिया जा रहा है।
नई सिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्ययक्रम निर्धारित करवाने के लिए कार्यशालाएं चल रही है। इसके हिसाब से 9 से 12 के पाठयक्रम को सप्ताहवार बांट दिया जाएगा। प्रदेश बोर्ड के 32 सप्ताह में पूरे कोर्स को बांटा गया है। स्कूल में विषय प्रतिदिन चुनने का काम विशेषज्ञों को जिम्मेदारी मिली है। पाठयक्रम को 3 भागों में बांटा जाना है। कोरोना काल में डिजिटल माध्यम से पढ़ाई की जरुरत को बढ़ावा देने के लिए इसको काफी समय तक जारी रखा जा सकता है। पाठयक्रम को बांटने के बाद शासन को मंजूरी के लिए भेजना है जिसके बाद इसको अगले सत्र मे लागू किया जाएगा।
Success story- IAS श्रृष्टि देशमुख का सफलता मंत्र, पहले प्रयास में हासिल की यूपीएससी में सफलता
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 02:09 AM
यूपीएससी, एक ऐसी प्रतियोगी परीक्षा जिसको उत्तीर्ण करने के बाद पूरा होता है, देश के सबसे बड़े अधिकारी बनने का सपना। लगभग हर युवा इस सपने को देखता है। लेकिन सपने उसी के पूरे होते हैं जो पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी के साथ प्रयत्नशील रहता है। यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी, अपने साथ-साथ अपने पूरे परिवार, जिला यहां तक कि राज्य का नाम रोशन करते हैं। इसके साथ ही वह लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं।
आज के इस पोस्ट में हम एक ऐसी आईएएस ऑफिसर की कहानी आपके सामने लेकर आए हैं, जिन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की और आईएएस ऑफिसर बनने का अपना सपना पूरा किया। यहां हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर श्रृष्टि देशमुख की।
मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल जिले की रहने वाली श्रृष्टि देशमुख शुरुआत से ही पढ़ाई में अव्वल थी। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद श्रृष्टि ने इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया। लेकिन इंजीनियरिंग के दौरान ही तीसरे वर्ष में इनके मन में सिविल सेवा में कैरियर बनाने का ख्याल आया। और इसी दौरान इन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। इंजीनियरिंग कंप्लीट करने के बाद इन्होंने जॉब करने के बजाय अपना पूरा ध्यान यूपीएससी की तैयारी में लगाना शुरू किया। पहले ही प्रयास में श्रृष्टि ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली।
श्रृष्टि ने साल 2018 में ऑल इंडिया 5 वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। और आईएएस ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया।
यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए श्रृष्टि की सलाह है कि -यदि बेहतर स्टडी मैटेरियल और सही रणनीति के साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की जाए तो इसमें सफलता आसानी से मिल जाती है। श्रृष्टि का मानना है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को नकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।इनका मानना है कि नकारात्मक विचार वाले लोग आपकी सफलता की राह में बाधा बन सकते हैं।
इसके साथ ही श्रृष्टि का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को खुद को फिजिकली एवं मेंटली खुद को फिट रखना चाहिए। और इसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ योग और मेडिटेशन भी करते रहना चाहिए।
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चेतना मंच
02 Dec 2025 02:09 AM
यूपीएससी, एक ऐसी प्रतियोगी परीक्षा जिसको उत्तीर्ण करने के बाद पूरा होता है, देश के सबसे बड़े अधिकारी बनने का सपना। लगभग हर युवा इस सपने को देखता है। लेकिन सपने उसी के पूरे होते हैं जो पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी के साथ प्रयत्नशील रहता है। यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी, अपने साथ-साथ अपने पूरे परिवार, जिला यहां तक कि राज्य का नाम रोशन करते हैं। इसके साथ ही वह लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं।
आज के इस पोस्ट में हम एक ऐसी आईएएस ऑफिसर की कहानी आपके सामने लेकर आए हैं, जिन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की और आईएएस ऑफिसर बनने का अपना सपना पूरा किया। यहां हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर श्रृष्टि देशमुख की।
मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल जिले की रहने वाली श्रृष्टि देशमुख शुरुआत से ही पढ़ाई में अव्वल थी। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद श्रृष्टि ने इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया। लेकिन इंजीनियरिंग के दौरान ही तीसरे वर्ष में इनके मन में सिविल सेवा में कैरियर बनाने का ख्याल आया। और इसी दौरान इन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। इंजीनियरिंग कंप्लीट करने के बाद इन्होंने जॉब करने के बजाय अपना पूरा ध्यान यूपीएससी की तैयारी में लगाना शुरू किया। पहले ही प्रयास में श्रृष्टि ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली।
श्रृष्टि ने साल 2018 में ऑल इंडिया 5 वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। और आईएएस ऑफिसर बनने का सपना पूरा किया।
यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए श्रृष्टि की सलाह है कि -यदि बेहतर स्टडी मैटेरियल और सही रणनीति के साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की जाए तो इसमें सफलता आसानी से मिल जाती है। श्रृष्टि का मानना है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को नकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।इनका मानना है कि नकारात्मक विचार वाले लोग आपकी सफलता की राह में बाधा बन सकते हैं।
इसके साथ ही श्रृष्टि का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को खुद को फिजिकली एवं मेंटली खुद को फिट रखना चाहिए। और इसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ योग और मेडिटेशन भी करते रहना चाहिए।
मुंबई में मछुआरा बना रातो रात करोड़पति, करोड़ों में बेची 'घोल मछली'
भारत
चेतना मंच
02 Sep 2021 02:18 PM
मुंबई के चंद्रकांत मछुआरे को अरब सागर से 157 घोल मछली मिली। बता दें कि मॉनसून के समय समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक हुआ करती थी लेकिन इस बार पाबंदी हट जाने पर चंद्रकांत मछुआरा पहली बार 28 अगस्त को अरब सागर गया जहां उसने एक नहीं दो नहीं बल्कि 157 गोल मछलियों को पकड़ा।
जानकारी के मुताबिक इन मछलियों को चंद्रकांत और उनके बेटे सोमनाथ तरे ने एक करोड़ 33 हजार रुपए में बेचा। बता दें कि यह मछलियां यूपी और बिहार से आए व्यापारी ने खरीदी हैं।
अगर हिसाब लगाया जाए तो एक मछली ₹85000 की बिकी है। बता दें कि घोल मछली की कीमत बाजार में काफी ज्यादा होती है। इन मछलियों को मेडिकल इलाज में उपयोग में लिया जाता है।
इन मछलियों को सी गोल्ड भी कहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इन मछलियों का सोने का दिल होता है। इन मछलियों का 'Protonibea Diacanthus' नाम भी होता है। इन मछलियों का इस्तेमाल दवाई, मेडिकल इलाज, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स या फिर शरीर पर टांके लगाए जाने वाले धागे के रूप में भी होता है जो कि अपने आप कल जाते हैं।
भारत
चेतना मंच
02 Sep 2021 02:18 PM
मुंबई के चंद्रकांत मछुआरे को अरब सागर से 157 घोल मछली मिली। बता दें कि मॉनसून के समय समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक हुआ करती थी लेकिन इस बार पाबंदी हट जाने पर चंद्रकांत मछुआरा पहली बार 28 अगस्त को अरब सागर गया जहां उसने एक नहीं दो नहीं बल्कि 157 गोल मछलियों को पकड़ा।
जानकारी के मुताबिक इन मछलियों को चंद्रकांत और उनके बेटे सोमनाथ तरे ने एक करोड़ 33 हजार रुपए में बेचा। बता दें कि यह मछलियां यूपी और बिहार से आए व्यापारी ने खरीदी हैं।
अगर हिसाब लगाया जाए तो एक मछली ₹85000 की बिकी है। बता दें कि घोल मछली की कीमत बाजार में काफी ज्यादा होती है। इन मछलियों को मेडिकल इलाज में उपयोग में लिया जाता है।
इन मछलियों को सी गोल्ड भी कहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इन मछलियों का सोने का दिल होता है। इन मछलियों का 'Protonibea Diacanthus' नाम भी होता है। इन मछलियों का इस्तेमाल दवाई, मेडिकल इलाज, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स या फिर शरीर पर टांके लगाए जाने वाले धागे के रूप में भी होता है जो कि अपने आप कल जाते हैं।