COVID-19: भारत में बढ़ने के साथ कम भी हो रहे कोरोना मरीज




Corona Virus : वाशिंगटन। पिछले तीन साल से कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए अमेरिका से एक राहतभरी खबर आई है। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने नये अणु तैयार किये हैं, जिन्हें सार्स-सीओवी-2 वायरस को फेफड़ों में प्रवेश करने और संक्रमण पैदा करने से रोकने के लिए नाक में ‘स्प्रे’ किया जा सकता है।
जब लोग सांस लेते हैं तो कोविड-19 के वायरस श्वसन मार्ग के जरिये फेफड़ों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बीमारी होती है।
अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के इंजीनियर ने अब ‘सुपरमॉलेक्यूलर फिलामेंट्स’ कही जाने वाली अणुओं की पतली, धागे जैसी किस्में बनाई हैं, जो वायरस को उसके रास्ते में आने से रोकने में सक्षम हैं।
जॉन्स हॉपकिंस व्हिटिंग स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एक सहयोगी प्रोफेसर होंगगैंग कुई ने कहा कि उद्देश्य यह है कि फिलामेंट्स हमारे श्वसन मार्ग में कोविड-19 वायरस और अन्य वायरस को कोशिकाओं में तब्दील होने का मौका देने से पहले उन्हें अवशोषित करने के लिए स्पंज की तरह काम करेंगे।
‘मैटर’ नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध का नेतृत्व करने वाले कुई ने कहा कि उपचारात्मक उपाय वायरस को एक या दो घंटे के लिए रोक सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल उन जगहों पर ज्यादा प्रभावी हो सकता है, जहां लोगों की ज्यादातर उपस्थिति हो।
इस शोध की कुंजी यह है कि ‘फिलामेंट्स एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम’-दो या एसीई-दो नामक एक ‘रिसेप्टर’ ले जाते हैं, जो नाक की परत, फेफड़ों की सतह और छोटी आंत की कोशिकाओं में भी पाए जाते हैं।
उनकी कई जैविक भूमिकाएं हैं, जैसे रक्तचाप और सूजन को नियंत्रित करना। कोरोना वायरस मुख्य रूप से इस रिसेप्टर के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
शोधकर्ताओं को यह ज्ञात है कि श्वसनमार्ग में अतिरिक्त एसीई-2 शामिल करने से वायरस का प्रवेश अवरुद्ध हो सकता है। चूंकि] एसीई-दो के जैविक कार्य हैं, इसलिए शरीर को अधिक एसीई-दो देने से अप्रत्याशित जटिलताएं भी हो सकती हैं।
कुई ने कहा कि हमारी योजना यह है कि इसे नाक या मौखिक स्प्रे के रूप में इस्तेमाल किया जाए, जिससे ये फेफड़ों में आच्छादित रह सकें या श्वसन मार्ग और फेफड़ों की सतह पर स्थित रहे। जब कोई व्यक्ति सांस के जरिये कोविड-19 वायरस के सम्पर्क में आता है, तो वायरस बाधित किया जा सकेगा।
शोधकर्ताओं ने कहा कि चूंकि फिलामेंट्स सार्ससीओवी-2 के विशिष्ट स्पाइक प्रोटीन को आकर्षित करते हैं, इसलिए यह किसी भी वर्तमान या भविष्य के स्वरूप पर समान रूप से काम कर सकेगा।
Corona Virus : वाशिंगटन। पिछले तीन साल से कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए अमेरिका से एक राहतभरी खबर आई है। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने नये अणु तैयार किये हैं, जिन्हें सार्स-सीओवी-2 वायरस को फेफड़ों में प्रवेश करने और संक्रमण पैदा करने से रोकने के लिए नाक में ‘स्प्रे’ किया जा सकता है।
जब लोग सांस लेते हैं तो कोविड-19 के वायरस श्वसन मार्ग के जरिये फेफड़ों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बीमारी होती है।
अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के इंजीनियर ने अब ‘सुपरमॉलेक्यूलर फिलामेंट्स’ कही जाने वाली अणुओं की पतली, धागे जैसी किस्में बनाई हैं, जो वायरस को उसके रास्ते में आने से रोकने में सक्षम हैं।
जॉन्स हॉपकिंस व्हिटिंग स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एक सहयोगी प्रोफेसर होंगगैंग कुई ने कहा कि उद्देश्य यह है कि फिलामेंट्स हमारे श्वसन मार्ग में कोविड-19 वायरस और अन्य वायरस को कोशिकाओं में तब्दील होने का मौका देने से पहले उन्हें अवशोषित करने के लिए स्पंज की तरह काम करेंगे।
‘मैटर’ नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध का नेतृत्व करने वाले कुई ने कहा कि उपचारात्मक उपाय वायरस को एक या दो घंटे के लिए रोक सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल उन जगहों पर ज्यादा प्रभावी हो सकता है, जहां लोगों की ज्यादातर उपस्थिति हो।
इस शोध की कुंजी यह है कि ‘फिलामेंट्स एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम’-दो या एसीई-दो नामक एक ‘रिसेप्टर’ ले जाते हैं, जो नाक की परत, फेफड़ों की सतह और छोटी आंत की कोशिकाओं में भी पाए जाते हैं।
उनकी कई जैविक भूमिकाएं हैं, जैसे रक्तचाप और सूजन को नियंत्रित करना। कोरोना वायरस मुख्य रूप से इस रिसेप्टर के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
शोधकर्ताओं को यह ज्ञात है कि श्वसनमार्ग में अतिरिक्त एसीई-2 शामिल करने से वायरस का प्रवेश अवरुद्ध हो सकता है। चूंकि] एसीई-दो के जैविक कार्य हैं, इसलिए शरीर को अधिक एसीई-दो देने से अप्रत्याशित जटिलताएं भी हो सकती हैं।
कुई ने कहा कि हमारी योजना यह है कि इसे नाक या मौखिक स्प्रे के रूप में इस्तेमाल किया जाए, जिससे ये फेफड़ों में आच्छादित रह सकें या श्वसन मार्ग और फेफड़ों की सतह पर स्थित रहे। जब कोई व्यक्ति सांस के जरिये कोविड-19 वायरस के सम्पर्क में आता है, तो वायरस बाधित किया जा सकेगा।
शोधकर्ताओं ने कहा कि चूंकि फिलामेंट्स सार्ससीओवी-2 के विशिष्ट स्पाइक प्रोटीन को आकर्षित करते हैं, इसलिए यह किसी भी वर्तमान या भविष्य के स्वरूप पर समान रूप से काम कर सकेगा।

Corona Virus : नयी दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 174 नए मामले सामने आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4.46 करोड़ हो गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 2,257 रह गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में संक्रमण से एक मरीज की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,30,725 हो गई। वहीं संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में एक नाम और जोड़ा है। संक्रमण की दैनिक दर 0.09 प्रतिशत, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 0.10 प्रतिशत है।
अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 2,257 रह गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 52 मामलों की कमी दर्ज की गई है। वहीं, देश में कोविड मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत में अभी तक कुल 4,41,47,775 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.16 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from NoidaCorona Virus : नयी दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 174 नए मामले सामने आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4.46 करोड़ हो गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 2,257 रह गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में संक्रमण से एक मरीज की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,30,725 हो गई। वहीं संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में एक नाम और जोड़ा है। संक्रमण की दैनिक दर 0.09 प्रतिशत, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 0.10 प्रतिशत है।
अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 2,257 रह गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 52 मामलों की कमी दर्ज की गई है। वहीं, देश में कोविड मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत में अभी तक कुल 4,41,47,775 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.16 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
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