Sawan Special News: इस मंदिर में दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग, सावन में होती हर मनोकामना पूरी

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calendar02 Dec 2025 04:13 AM
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Sawan Special News: राजस्थान (Rajasthan) के धौलपुर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर (Achleshwar Mahadev Temple) में शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। सावन माह में शिवलिंग का रंग बदलाना देखना अपने आप में एक बेहद पुण्यकारी माना गया है। शिवलिंग के इस अनोखे बदलाव की क्या है कहानी? चलिए जानते चेतना मंच के जरिए... Sawan Special News: सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है। सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त सोमवार के व्रत करते हैं और शिवालयों में शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। कई शिवभक्त ऐसे होते हैं, जो सावन में देशभर के मंदिरों में भ्रमण करते हैं। वैसे तो भारत में कई प्राचीन शिवमंदिर हैं, जिनसे जुड़े रहस्य लोगों को सदियों से आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन  राजस्थान के धौलपुर में अचलेश्वर महादेव मंदिर कुछ अनोखा है, जो भक्तों के बीच कौतूहल पैदा करता है। दरअसल, इस मंदिर मौजूद शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। बीहड़ में मंदिर होने के कारण पहले कम ही लोग यहां आ पाते थे, लेकिन अब यहां भक्तों का हुजूम लगा रहता है। सावन माह में यहां विशेष पूजा भी होती है।

दिन में तीन रंग बदलता है शिवलिंग

[caption id="attachment_103641" align="aligncenter" width="460"]sawan special news sawan special news[/caption] Sawan Special News: वैसे तो धौलपुर जिला चंबल के बीहड़ और डाकुओं के नाम से में जाना-पहचाना जाता है, पर इस जिले की एक और विशेषता है, वह है यहां चंबल के बीहड़ों में स्थापित हजारों वर्ष पुराना अचलेश्वर महादेव मंदिर। कारण है कि यहां पर स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। शहर से लगभग 5 किमी दूरी पर चंबल के बीहड़ों में स्थित मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहां पर शिवलिंग के साथ-साथ यहां पर स्थित उनके अंगूठे का भी पूजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग सुबह लाल, दोपहर में केसर और शाम को गेहुंआ दिखता है। शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे की वजह क्या है? यह कोई नहीं जानता। वैज्ञानिक भी अब तक शिवलिंग के इस तरह से रंग बदलने का कारण समझ नहीं पाए हैं। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसा लिंग पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के कारण होता है, लेकिन इसका सही वैज्ञानिक जानकारी अभी तक कोई भी नहीं दे पाया है। राजस्थान के धौलपुर में इस दिलचस्प नजारे को देखने के लिए कई लोग तो सुबह से शाम तक अचलेश्वर महादेव मंदिर में रुकते हैं। लगभग 2500 साल पुराने इस मंदिर का एक और प्रमुख आकर्षण नंदी की मूर्ति है। कहा जाता है कि यह पीतल की नंदी पांच अलग-अलग धातुओं को मिलाकर बनाई गई है। मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों ने चंबल पुल के बगल से रास्ता बनाया। महादेव के इस मंदिर में वैसे तो हमेशा ही भक्तों का रेला लगा रहता है, लेकिन सावन माह में शिवलिंग का रंग बदलते देखना अपने आप में एक बेहद पुण्यकारी माना गया है।

शिवलिंग की गहराई को देखने को हुई खुदाई

[caption id="attachment_103643" align="aligncenter" width="600"]sawan special news sawan special news[/caption] Sawan Special News: अचलेश्वर महादेव मंदिर कितना पुराना है और इस शिवलिंग की स्थापना कब हुई? इसके बारे में श्रद्धालुओं की माने तो यह करीब तीन हजार साल पुराना बताया जाता है। शिवलिंग धरती में कितना भीतर तक है, इसे जानने के लिए एक बार खुदाई भी की गई थी। कई दिनों तक खुदाई के बाद भी लोग इसके अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाए। अत्यधिक गहराई को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह गया और इस तरह प्रक्रिया को वहीं के वहीं रोक दिया गया। आज तक इस शिवलिंग की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। शिवलिंग की खुदाई प्राचीन समय में राजा-महाराजाओं ने भी कराई, लेकिन शिवलिंग का कोई छोर नहीं मिलने पर खुदाई बंद का दी गई। कई अभिलेखों के अनुसार, ये भी कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान शिव के पैर के अंगूठे के निशान के आसपास बनाया गया था। मंदिर के महंत का कहना है कि सैकड़ों वर्ष पहले कुछ लोगों ने धन के लालच में शिवलिंग के नीचे खुदाई की थी। लगभग 20 फीट नीचे तक खुदाई करने के बाद भी उन्हें यहां से कुछ हासिल नहीं हुआ। इस कारण उन्होंने शिवलिंग को नष्ट करने का भी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। इस घटना के बाद से अचलेश्वर महादेव की मान्यता और ज्यादा बढ़ गई।

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पूरी होती है हर मनोकामना

[caption id="attachment_103644" align="aligncenter" width="650"]sawan special news sawan special news[/caption] Sawan Special News: इस मंदिर की मान्यता है कि इस रहस्यमयी शिवलिंग के दर्शन करने मात्र से इंसान की सभी इच्छाएं पूरी होती है और जीवन की सभी तरह की तकलीफ दूर हो जाती हैं। जीवन में कोई भी परेशानी हो, इस मंदिर में दर्शन करने के बाद उससे छुटकारा मिल जाता है। महादेव के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि कुंवारे लड़के-लड़कियों को शिवलिंग के दर्शन करने से उनका मनपसंद जीवनसाथी मिल जाता है। यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। अविवाहित यदि यहां 16 सोमवार जल चढ़ाते हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही शिव की कृपा से विवाह में आ रही अड़चने भी दूर होती हैं। जो भी यहां पर आकर सच्चे मन से शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर मनोकामना मांगता है। भगवान शिव उसकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं।

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Sawan Special News: राजस्थान (Rajasthan) के धौलपुर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर (Achleshwar Mahadev Temple) में शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। सावन माह में शिवलिंग का रंग बदलाना देखना अपने आप में एक बेहद पुण्यकारी माना गया है। शिवलिंग के इस अनोखे बदलाव की क्या है कहानी? चलिए जानते चेतना मंच के जरिए... Sawan Special News: सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है। सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त सोमवार के व्रत करते हैं और शिवालयों में शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। कई शिवभक्त ऐसे होते हैं, जो सावन में देशभर के मंदिरों में भ्रमण करते हैं। वैसे तो भारत में कई प्राचीन शिवमंदिर हैं, जिनसे जुड़े रहस्य लोगों को सदियों से आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन  राजस्थान के धौलपुर में अचलेश्वर महादेव मंदिर कुछ अनोखा है, जो भक्तों के बीच कौतूहल पैदा करता है। दरअसल, इस मंदिर मौजूद शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। बीहड़ में मंदिर होने के कारण पहले कम ही लोग यहां आ पाते थे, लेकिन अब यहां भक्तों का हुजूम लगा रहता है। सावन माह में यहां विशेष पूजा भी होती है।

दिन में तीन रंग बदलता है शिवलिंग

[caption id="attachment_103641" align="aligncenter" width="460"]sawan special news sawan special news[/caption] Sawan Special News: वैसे तो धौलपुर जिला चंबल के बीहड़ और डाकुओं के नाम से में जाना-पहचाना जाता है, पर इस जिले की एक और विशेषता है, वह है यहां चंबल के बीहड़ों में स्थापित हजारों वर्ष पुराना अचलेश्वर महादेव मंदिर। कारण है कि यहां पर स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। शहर से लगभग 5 किमी दूरी पर चंबल के बीहड़ों में स्थित मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहां पर शिवलिंग के साथ-साथ यहां पर स्थित उनके अंगूठे का भी पूजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग सुबह लाल, दोपहर में केसर और शाम को गेहुंआ दिखता है। शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे की वजह क्या है? यह कोई नहीं जानता। वैज्ञानिक भी अब तक शिवलिंग के इस तरह से रंग बदलने का कारण समझ नहीं पाए हैं। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसा लिंग पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के कारण होता है, लेकिन इसका सही वैज्ञानिक जानकारी अभी तक कोई भी नहीं दे पाया है। राजस्थान के धौलपुर में इस दिलचस्प नजारे को देखने के लिए कई लोग तो सुबह से शाम तक अचलेश्वर महादेव मंदिर में रुकते हैं। लगभग 2500 साल पुराने इस मंदिर का एक और प्रमुख आकर्षण नंदी की मूर्ति है। कहा जाता है कि यह पीतल की नंदी पांच अलग-अलग धातुओं को मिलाकर बनाई गई है। मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों ने चंबल पुल के बगल से रास्ता बनाया। महादेव के इस मंदिर में वैसे तो हमेशा ही भक्तों का रेला लगा रहता है, लेकिन सावन माह में शिवलिंग का रंग बदलते देखना अपने आप में एक बेहद पुण्यकारी माना गया है।

शिवलिंग की गहराई को देखने को हुई खुदाई

[caption id="attachment_103643" align="aligncenter" width="600"]sawan special news sawan special news[/caption] Sawan Special News: अचलेश्वर महादेव मंदिर कितना पुराना है और इस शिवलिंग की स्थापना कब हुई? इसके बारे में श्रद्धालुओं की माने तो यह करीब तीन हजार साल पुराना बताया जाता है। शिवलिंग धरती में कितना भीतर तक है, इसे जानने के लिए एक बार खुदाई भी की गई थी। कई दिनों तक खुदाई के बाद भी लोग इसके अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाए। अत्यधिक गहराई को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह गया और इस तरह प्रक्रिया को वहीं के वहीं रोक दिया गया। आज तक इस शिवलिंग की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। शिवलिंग की खुदाई प्राचीन समय में राजा-महाराजाओं ने भी कराई, लेकिन शिवलिंग का कोई छोर नहीं मिलने पर खुदाई बंद का दी गई। कई अभिलेखों के अनुसार, ये भी कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान शिव के पैर के अंगूठे के निशान के आसपास बनाया गया था। मंदिर के महंत का कहना है कि सैकड़ों वर्ष पहले कुछ लोगों ने धन के लालच में शिवलिंग के नीचे खुदाई की थी। लगभग 20 फीट नीचे तक खुदाई करने के बाद भी उन्हें यहां से कुछ हासिल नहीं हुआ। इस कारण उन्होंने शिवलिंग को नष्ट करने का भी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। इस घटना के बाद से अचलेश्वर महादेव की मान्यता और ज्यादा बढ़ गई।

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पूरी होती है हर मनोकामना

[caption id="attachment_103644" align="aligncenter" width="650"]sawan special news sawan special news[/caption] Sawan Special News: इस मंदिर की मान्यता है कि इस रहस्यमयी शिवलिंग के दर्शन करने मात्र से इंसान की सभी इच्छाएं पूरी होती है और जीवन की सभी तरह की तकलीफ दूर हो जाती हैं। जीवन में कोई भी परेशानी हो, इस मंदिर में दर्शन करने के बाद उससे छुटकारा मिल जाता है। महादेव के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि कुंवारे लड़के-लड़कियों को शिवलिंग के दर्शन करने से उनका मनपसंद जीवनसाथी मिल जाता है। यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। अविवाहित यदि यहां 16 सोमवार जल चढ़ाते हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही शिव की कृपा से विवाह में आ रही अड़चने भी दूर होती हैं। जो भी यहां पर आकर सच्चे मन से शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर मनोकामना मांगता है। भगवान शिव उसकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं।

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Sawan Zodiac Tips 2023: सावन पर राशि के अनुसार शिव पूजा, जानें अपनी राशि से कैसे करें भगवान शिव को प्रसन्न   

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Lord Shiva
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calendar24 Jul 2023 10:08 PM
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Sawan Zodiac Tips 2023: Worship Lord Shiva according to our zodiac sign सावन का समय चल रहा है और हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य अनुसार पूजा में लीन दिखाई देता है. शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा के अनेकों रुप प्राप्त होते हैं, भक्त अपने प्रभु की भक्ति को हर संभव रुप से करने के लिए प्रेरित रहता है. इसी प्रकार जब भोलेनाथ की पूजा का समय होता है तो प्रत्येक भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए हर कोशिश अवश्य करना चाहता है. How to Worship Shiva According to Each Zodiac Sign भगवान शिव की पूजा में एक रुप राशि अनुसार पूजन का भी प्राप्त होता है. इसमें व्यक्ति अपनी राशि को जानकर यदि उस अनुसार भगवान का पूजन करता है तो इसके द्वारा उसके ग्रहों की शांति भी संभव होती है तथा भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है. आइये जानें सावन में आप अपनी राशि अनुसार किस तरह से आदिदेव महादेव का पूजन करके प्राप्त कर सकते हैं विशेष लाभ .

12 राशियों के अनुसार जानें शिव पूजन Rashi Anusar Shiv Puja । lord shiva favourite zodiac sign

मेष राशि 
मेष राशि वालों के स्वामी मंगल हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में लाल रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए.  शिव पूजा में पंचामृत के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करना तथा भगवान को लाल रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिए.
वृष राशि 
वृष राशि वालों के स्वामी शुक्र हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में गुलाबी एवं श्वेत रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. वृषभ राशि वालों को दही और दूध के मिश्रण से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. भगवान को श्वेत पुष्प अर्पित करने चाहिए.

Sawan Zodiac Tips 2023

मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के स्वामी बुध हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में हरे रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. मिथुन राशि वालों को चाहिए की भगवान की पूजा में ईख के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. भगवान को दूब एवं बेल पत्ते अर्पित करने चाहिए.
कर्क राशि
shiv puja according zodiac sign. कर्क राशि वालों के स्वामी चंद्रमा हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में सफेद रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए.  कर्क राशि के जातकों को चाहिए शिव पूजा में भगवान को जनेऊ अवश्य अर्पित करें तथा दूध एवं जल के साथ शिवलिंग का अभिषेक किया जाए.
सिंह राशि 
सिंह राशि वालों के स्वामी सूर्य हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में लाल रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. सिंह राशि के जातकों को शिव पूजा में लाल रंग के पुष्प अवश्य शामिल करने चाहिए. भगवान का अभिषेक घी और गेहूं से करना चाहिए.
कन्या राशि 
कन्या राशि वालों के स्वामी बुध हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में हरे रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. कन्या राशि वाले जातकों को भगवान की पूजा में धतुरा, भांग और बेल पत्र का उपयोग अवश्य करना चाहिए. भगवान पर दूध में भांग मिलाकर अभिषेक करना चाहिए.
तुला राशि 
तुला राशि वालों के स्वामी शुक्र हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में गुलाबी या सिल्वर रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. तुला राशि के जातकों को शिव पूजा के लिए दूध, घी, दही, चीनी और जल के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. भगवान को श्वेत पुष्प अर्पित करने चाहिए.

Sawan Zodiac Tips 2023

वृश्चिक राशि 
वृश्चिक राशि वालों के स्वामी मंगल हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में लाल रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए.  वृश्चिक राशि के जातकों को चाहिए की शहद और लाल चंदन भगवान की पूजा में शामिल करें. भगवान को कपूर अर्पित करना चाहिए तथा लाल पुष्प से पूजा करनी चाहिए.
धनु राशि 
धनु राशि वालों के स्वामी गुरु हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में पीले रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. धनु राशि के लोगों को शिव पूजा के लिए गाय का घी अभिषेक के लिए उपयोग में लाना चाहिए. केसर का तिलकर भगवान को अवश्य लगाना चाहिए.
मकर राशि 
मकर राशि वालों के स्वामी शनि हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में नीले रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. मकर राशि के जातकों को शिव पूजा में तिलों को अवश्य शामिल करना चाहिए. भगवान का सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए.
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के स्वामी शनि हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में नीले रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. कुंभ राशि के जातकों को चाहिए की शिव पूजा में भगवान का अब अभिषेक नीले फूलों से करें तथा श्रीफल एवं काले तिल के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक किया जाए.
मीन राशि मीन राशि वालों के स्वामी गुरु हैं और ऎसे में इन्हें अपनी शिव पूजा में पीले, केसरिया रंग का उपयोग अवश्य शामिल करना चाहिए. मीन राशि के लोगों को भगवान शिव का अभिषेक पीले चंदन और जल से करना चाहिए. भगवान को पीले पुष्प अवश्य अर्पित करने चाहिए.

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IND vs WI Test: भारत ने दूसरे टेस्ट पर कसा शिकंजा, वेस्टइंडीज ने दिन के अंत में 2 विकेट पर 76 रन बनाए

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