Sawan Special News: इस मंदिर में दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग, सावन में होती हर मनोकामना पूरी

दिन में तीन रंग बदलता है शिवलिंग
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Sawan Special News: वैसे तो धौलपुर जिला चंबल के बीहड़ और डाकुओं के नाम से में जाना-पहचाना जाता है, पर इस जिले की एक और विशेषता है, वह है यहां चंबल के बीहड़ों में स्थापित हजारों वर्ष पुराना अचलेश्वर महादेव मंदिर। कारण है कि यहां पर स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है।
शहर से लगभग 5 किमी दूरी पर चंबल के बीहड़ों में स्थित मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहां पर शिवलिंग के साथ-साथ यहां पर स्थित उनके अंगूठे का भी पूजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग सुबह लाल, दोपहर में केसर और शाम को गेहुंआ दिखता है।
शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे की वजह क्या है? यह कोई नहीं जानता। वैज्ञानिक भी अब तक शिवलिंग के इस तरह से रंग बदलने का कारण समझ नहीं पाए हैं। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसा लिंग पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के कारण होता है, लेकिन इसका सही वैज्ञानिक जानकारी अभी तक कोई भी नहीं दे पाया है।
राजस्थान के धौलपुर में इस दिलचस्प नजारे को देखने के लिए कई लोग तो सुबह से शाम तक अचलेश्वर महादेव मंदिर में रुकते हैं। लगभग 2500 साल पुराने इस मंदिर का एक और प्रमुख आकर्षण नंदी की मूर्ति है। कहा जाता है कि यह पीतल की नंदी पांच अलग-अलग धातुओं को मिलाकर बनाई गई है।
मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों ने चंबल पुल के बगल से रास्ता बनाया। महादेव के इस मंदिर में वैसे तो हमेशा ही भक्तों का रेला लगा रहता है, लेकिन सावन माह में शिवलिंग का रंग बदलते देखना अपने आप में एक बेहद पुण्यकारी माना गया है।
शिवलिंग की गहराई को देखने को हुई खुदाई
[caption id="attachment_103643" align="aligncenter" width="600"]
sawan special news[/caption]
Sawan Special News: अचलेश्वर महादेव मंदिर कितना पुराना है और इस शिवलिंग की स्थापना कब हुई? इसके बारे में श्रद्धालुओं की माने तो यह करीब तीन हजार साल पुराना बताया जाता है। शिवलिंग धरती में कितना भीतर तक है, इसे जानने के लिए एक बार खुदाई भी की गई थी। कई दिनों तक खुदाई के बाद भी लोग इसके अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाए।
अत्यधिक गहराई को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह गया और इस तरह प्रक्रिया को वहीं के वहीं रोक दिया गया। आज तक इस शिवलिंग की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। शिवलिंग की खुदाई प्राचीन समय में राजा-महाराजाओं ने भी कराई, लेकिन शिवलिंग का कोई छोर नहीं मिलने पर खुदाई बंद का दी गई।
कई अभिलेखों के अनुसार, ये भी कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान शिव के पैर के अंगूठे के निशान के आसपास बनाया गया था। मंदिर के महंत का कहना है कि सैकड़ों वर्ष पहले कुछ लोगों ने धन के लालच में शिवलिंग के नीचे खुदाई की थी। लगभग 20 फीट नीचे तक खुदाई करने के बाद भी उन्हें यहां से कुछ हासिल नहीं हुआ। इस कारण उन्होंने शिवलिंग को नष्ट करने का भी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। इस घटना के बाद से अचलेश्वर महादेव की मान्यता और ज्यादा बढ़ गई।
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पूरी होती है हर मनोकामना
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Sawan Special News: इस मंदिर की मान्यता है कि इस रहस्यमयी शिवलिंग के दर्शन करने मात्र से इंसान की सभी इच्छाएं पूरी होती है और जीवन की सभी तरह की तकलीफ दूर हो जाती हैं। जीवन में कोई भी परेशानी हो, इस मंदिर में दर्शन करने के बाद उससे छुटकारा मिल जाता है। महादेव के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि कुंवारे लड़के-लड़कियों को शिवलिंग के दर्शन करने से उनका मनपसंद जीवनसाथी मिल जाता है।
यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। अविवाहित यदि यहां 16 सोमवार जल चढ़ाते हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही शिव की कृपा से विवाह में आ रही अड़चने भी दूर होती हैं। जो भी यहां पर आकर सच्चे मन से शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर मनोकामना मांगता है। भगवान शिव उसकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं।
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दिन में तीन रंग बदलता है शिवलिंग
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Sawan Special News: वैसे तो धौलपुर जिला चंबल के बीहड़ और डाकुओं के नाम से में जाना-पहचाना जाता है, पर इस जिले की एक और विशेषता है, वह है यहां चंबल के बीहड़ों में स्थापित हजारों वर्ष पुराना अचलेश्वर महादेव मंदिर। कारण है कि यहां पर स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है।
शहर से लगभग 5 किमी दूरी पर चंबल के बीहड़ों में स्थित मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहां पर शिवलिंग के साथ-साथ यहां पर स्थित उनके अंगूठे का भी पूजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग सुबह लाल, दोपहर में केसर और शाम को गेहुंआ दिखता है।
शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे की वजह क्या है? यह कोई नहीं जानता। वैज्ञानिक भी अब तक शिवलिंग के इस तरह से रंग बदलने का कारण समझ नहीं पाए हैं। हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसा लिंग पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के कारण होता है, लेकिन इसका सही वैज्ञानिक जानकारी अभी तक कोई भी नहीं दे पाया है।
राजस्थान के धौलपुर में इस दिलचस्प नजारे को देखने के लिए कई लोग तो सुबह से शाम तक अचलेश्वर महादेव मंदिर में रुकते हैं। लगभग 2500 साल पुराने इस मंदिर का एक और प्रमुख आकर्षण नंदी की मूर्ति है। कहा जाता है कि यह पीतल की नंदी पांच अलग-अलग धातुओं को मिलाकर बनाई गई है।
मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों ने चंबल पुल के बगल से रास्ता बनाया। महादेव के इस मंदिर में वैसे तो हमेशा ही भक्तों का रेला लगा रहता है, लेकिन सावन माह में शिवलिंग का रंग बदलते देखना अपने आप में एक बेहद पुण्यकारी माना गया है।
शिवलिंग की गहराई को देखने को हुई खुदाई
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Sawan Special News: अचलेश्वर महादेव मंदिर कितना पुराना है और इस शिवलिंग की स्थापना कब हुई? इसके बारे में श्रद्धालुओं की माने तो यह करीब तीन हजार साल पुराना बताया जाता है। शिवलिंग धरती में कितना भीतर तक है, इसे जानने के लिए एक बार खुदाई भी की गई थी। कई दिनों तक खुदाई के बाद भी लोग इसके अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाए।
अत्यधिक गहराई को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह गया और इस तरह प्रक्रिया को वहीं के वहीं रोक दिया गया। आज तक इस शिवलिंग की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। शिवलिंग की खुदाई प्राचीन समय में राजा-महाराजाओं ने भी कराई, लेकिन शिवलिंग का कोई छोर नहीं मिलने पर खुदाई बंद का दी गई।
कई अभिलेखों के अनुसार, ये भी कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान शिव के पैर के अंगूठे के निशान के आसपास बनाया गया था। मंदिर के महंत का कहना है कि सैकड़ों वर्ष पहले कुछ लोगों ने धन के लालच में शिवलिंग के नीचे खुदाई की थी। लगभग 20 फीट नीचे तक खुदाई करने के बाद भी उन्हें यहां से कुछ हासिल नहीं हुआ। इस कारण उन्होंने शिवलिंग को नष्ट करने का भी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। इस घटना के बाद से अचलेश्वर महादेव की मान्यता और ज्यादा बढ़ गई।
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पूरी होती है हर मनोकामना
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यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। अविवाहित यदि यहां 16 सोमवार जल चढ़ाते हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही शिव की कृपा से विवाह में आ रही अड़चने भी दूर होती हैं। जो भी यहां पर आकर सच्चे मन से शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर मनोकामना मांगता है। भगवान शिव उसकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं।
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