Republic Day 2022 : जब युवाओं ने नेहरू जी की कार को कंधों पर उठाया था

Republic Day 2022 : यूपी के सहारनपुर जनपद में आज गणतंत्र दिवस धूमधाम से बनाया जा रहा है, आजादी के तराने गाए जा रहे हैं। सहारनपुर जनपद का देश की आजादी के आंदोलन से खासा नाता रहा है। आजादी के मतवालों ने अंग्रेजी हुकुमत को कई बार चुनौती दी थी। आजादी के कई किस्से सहारनपुर की फिजाओं में तैरते रहे हैं। इनमें एक किस्सा यह भी है कि एक बार पंडित जवाहरलाल नेहरू जनसभा करने गंगोह आए थे, तब अंग्रेजों द्वारा उन्हें रोकने के लिए सड़क में गड्ढे खुदवा दिए गए थे। जिस पर युवाओं ने नेहरू जी की कार को अपने कंधों पर उठा लिया था।
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Republic Day 2022[/caption]
कस्बा अंबेहटा निवासी 93 वर्षीय शीलचंद्र जैन बताते हैं कि सन 1936 में आजादी का आंदोलन जोर पकड़ रहा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू को उत्तर प्रदेश में आंदोलन को धार देने की जिम्मेदारी दी गई थी। कांग्रेस ने सितंबर 1936 में सहारनपुर के गंगोह कस्बे में एक जनसभा का आयोजित की थी, जिसमें पंडित नेहरू कार से सहारनपुर आए थे। जैसे ही उनके आने की भनक अंग्रेज अफसरों को लगी, तो उन्होंने कस्बा अंबेहटा में रास्ते में गड्ढा खुदवा डाला था। जैसे ही इसकी खबर सहारनपुर के लोगों को लगी तो बड़ी संख्या में लोग वहां पर पहुंच गए। बताया जाता है कि उस समय युवाओं ने नेहरू की कार को अपने कंधों पर उठाकर गड्ढे से पार करा दिया था।
>> UP Election 2022 सहारनपुर : दो बड़े दिग्गजों की विरासत बचाने की चुनौती
उस समय सहारनपुर का गंगोह कस्बा राजनीति का गढ़ बनता जा रहा था। सहारनपुर की सबसे अधिक जनसभा गंगोह में ही आयोजित की जाती थी। आजादी के बाद भी कई दिग्गज नेताओं ने गंगोह के मैदान में रैलियां की, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और चौधरी चरण सिंह भी शामिल हैं।
Republic Day 2022 : यूपी के सहारनपुर जनपद में आज गणतंत्र दिवस धूमधाम से बनाया जा रहा है, आजादी के तराने गाए जा रहे हैं। सहारनपुर जनपद का देश की आजादी के आंदोलन से खासा नाता रहा है। आजादी के मतवालों ने अंग्रेजी हुकुमत को कई बार चुनौती दी थी। आजादी के कई किस्से सहारनपुर की फिजाओं में तैरते रहे हैं। इनमें एक किस्सा यह भी है कि एक बार पंडित जवाहरलाल नेहरू जनसभा करने गंगोह आए थे, तब अंग्रेजों द्वारा उन्हें रोकने के लिए सड़क में गड्ढे खुदवा दिए गए थे। जिस पर युवाओं ने नेहरू जी की कार को अपने कंधों पर उठा लिया था।
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कस्बा अंबेहटा निवासी 93 वर्षीय शीलचंद्र जैन बताते हैं कि सन 1936 में आजादी का आंदोलन जोर पकड़ रहा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू को उत्तर प्रदेश में आंदोलन को धार देने की जिम्मेदारी दी गई थी। कांग्रेस ने सितंबर 1936 में सहारनपुर के गंगोह कस्बे में एक जनसभा का आयोजित की थी, जिसमें पंडित नेहरू कार से सहारनपुर आए थे। जैसे ही उनके आने की भनक अंग्रेज अफसरों को लगी, तो उन्होंने कस्बा अंबेहटा में रास्ते में गड्ढा खुदवा डाला था। जैसे ही इसकी खबर सहारनपुर के लोगों को लगी तो बड़ी संख्या में लोग वहां पर पहुंच गए। बताया जाता है कि उस समय युवाओं ने नेहरू की कार को अपने कंधों पर उठाकर गड्ढे से पार करा दिया था।
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उस समय सहारनपुर का गंगोह कस्बा राजनीति का गढ़ बनता जा रहा था। सहारनपुर की सबसे अधिक जनसभा गंगोह में ही आयोजित की जाती थी। आजादी के बाद भी कई दिग्गज नेताओं ने गंगोह के मैदान में रैलियां की, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और चौधरी चरण सिंह भी शामिल हैं।






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