Delhi News : नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में SC ने मांगी रिपोर्ट

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calendar27 Nov 2025 08:57 AM
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Delhi News : नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 2021 में धार्मिक सभाओं में नफ़रत फैलाने वाले भाषण दिए जाने के मामलों की जांच में दिल्ली पुलिस द्वारा ‘कोई उल्लेखनीय प्रगति’ नहीं किए जाने पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय (Supreme court)  ने शुक्रवार को मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी से रिपोर्ट मांगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घटना दिसंबर, 2021 से संबंधित है और मामले में प्राथमिकी पिछले साल चार मई को दर्ज की गई थी। न्यायालय ने सवाल किया कि आपको प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पांच महीने की जरूरत क्यों है? कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं?

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि जांच में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।

पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज को निर्देश दिया कि जांच में अब तक हुई प्रगति के संबंध में दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा ब्यौरा दिए जाने के दो सप्ताह के अंदर वह एक हलफनामा दायर करें।

उच्चतम न्यायालय कार्यकर्ता तुषार गांधी द्वारा दायर एक अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस पर, कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामले में कोई कार्रवाई न किए जाने का आरोप लगाया गया है।

पीठ ने पिछले साल 11 नवंबर को अवमानना याचिका में उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रमुख को पक्षकारों की सूची से हटा दिया था।

यह अवमानना याचिका तहसीन पूनावाला मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के उल्लंघन को लेकर कथित निष्क्रियता के लिए दिल्ली और उत्तराखंड के पुलिस प्रमुखों के लिए सजा की मांग करते हुए दायर की गई थी।

शीर्ष अदालत ने दिशा-निर्देश निर्धारित किए थे कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर जान लेने (मॉब लिंचिंग) सहित घृणा अपराधों में क्या कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

कार्यकर्ता तुषार गांधी ने अपनी याचिका में नफरत नफरत फैलाने वाले भाषणों और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर जान लेने के मामलों को रोकने के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की है।

गांधी ने नफरत फैलाने वाले भाषणों की घटनाओं के बाद कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की थी।

याचिका में कहा गया है कि घटनाओं के तुरंत बाद, भाषण उपलब्ध कराए गए और वह सार्वजनिक डोमेन में भी थे, लेकिन फिर भी उत्तराखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस ने ये भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि 17 दिसंबर से 19 दिसंबर, 2021 तक हरिद्वार में और 19 दिसंबर, 2021 को दिल्ली में हुई 'धर्म संसद' में नफरत फैलाने वाले भाषण दिए गए।

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NATIONAL NEWS: जबरन धर्मांतरण मामले में मौलवी को गिरफ्तारी से राहत

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userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 05:29 PM
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NATIONAL NEWS: नई दिल्ली। प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी एक मौलवी को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है।

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न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ ने आरोपी वरवाया अब्दुल वहाब महमूद को 16 जनवरी से 28 जनवरी तक रोजाना सुबह 11 बजे संबंधित जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, आरोप और प्रत्यारोप पर जाने से पहले, याचिकाकर्ता को पूछताछ और जांच के लिए 16 जनवरी से 28 जनवरी के बीच सुबह 11 बजे जांच एजेंसी/अधिकारी के सामने पेश होने दें। इसके बाद मामले के गुण-दोष पर विचार किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके बाद 13 फरवरी को मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि वरवाया एक इस्लामिक विद्वान हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं। मौलवी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने पहले उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। प्राथमिकी के अनुसार, अभियुक्त ने अन्य लोगों से वित्तीय सहायता और मदद प्राप्त करने पर लगभग 37 हिंदू परिवारों और 100 हिंदुओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके कथित रूप से धर्मांतरण किया और सरकारी निधि से बने एक घर को ‘इबादतगाह’ में बदल दिया। भरूच के आमोद पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, उसके खिलाफ गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश रचने, वैमनस्य पैदा करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में अपराध दर्ज किए गए थे।

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PM Modi ने नासिक सड़क हादसे पर दुख जताया, मुआवजे की घोषणा

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calendar29 Nov 2025 01:27 AM
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PM Modi : नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक-अहमदनगर राजमार्ग पर सड़क हादसे में लोगों की मौत पर शोक प्रकट किया और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की।

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नासिक-अहमदनगर राजमार्ग पर शुक्रवार को सुबह एक निजी बस और ट्रक के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक ट्वीट के मुताबिक, मोदी ने कहा कि नासिक-शिरडी राजमार्ग पर सड़क हादसे में लोगों की मौत से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी और घायलों को 50,000 रुपये दिए जायेंगे। यह हादसा उस वक्त हुआ जब ठाणे जिले के अंबरनाथ से अहमदनगर जिले के शिरडी जा रही एक निजी लग्ज़री बस नासिक की सिन्नार तहसील में पठारे शिवर के पास एक ट्रक से टकरा गई। मरने वालों में सात महिलाएं, दो बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। घायलों को सिन्नार के ग्रामीण अस्पताल और यशवंत अस्पताल ले जाया गया। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई गई है।

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