बड़ा खुलासा : Twitter के पूर्व CEO का दावा, किसानों के आन्दोलन में सरकार ने दी थी धमकी Twitter News

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 07:04 PM
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Twitter News / नई दिल्ली। ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक डोर्सी ने दावा किया है कि इस सोशल मीडिया मंच को देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकारी दबाव और बंद किये जाने की धमकियों का सामना करना पड़ा था। उनके इस बयान को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने झूठा करार दिया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को खारिज करते हुए ट्वीट किया कि डोर्सी के समय ट्विटर प्रशासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी।उन्होंने कहा कि कोई जेल नहीं गया और ना ही ट्विटर बंद किया गया।

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ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ डोर्सी ने आरोप लगाया है कि देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर पर दबाव डाला था और भारत सरकार का कहना नहीं मानने पर भारत में ट्विटर को बंद करने, उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकियां दी गयी थीं।

उधर, केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट किया कि डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था। उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और जून 2022 में ही उन्होंने अंतत: अनुपालन शुरू किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी और वह ऐसे व्यवहार करता था मानो भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते।

उन्होंने कहा कि एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते भारत के पास यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके कानूनों का भारत में संचालित सभी कंपनियां पालन करें।

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चंद्रशेखर ने कहा कि जनवरी 2021 में प्रदर्शनों के दौरान अनेक दुष्प्रचार किये गये और यहां तक कि नरसंहार की खबरें थीं जो कि निश्चित रूप से फर्जी थीं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मंच से गलत सूचनाओं को हटाने के लिए बाध्य थी क्योंकि फर्जी खबरों के आधार पर हालात और बिगड़ने की आशंका थी।

उन्होंने कहा कि जैक के समय ट्विटर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का यह स्तर था कि उन्हें भारत में इस मंच से गलत सूचनाओं को हटाने में दिक्कत थी, जबकि अमेरिका में अनेक घटनाओं में उन्होंने खुद ऐसा किया।

चंद्रशेखर ने कहा कि किसी के यहां छापे नहीं मारे गये और ना ही किसी को जेल भेजा गया तथा पूरी तरह ध्यान भारतीय कानूनों के अनुपालन पर था।

उन्होंने कहा कि जैक के समय ट्विटर के मनमाने, खुल्लम खुल्ला पक्षपातपूर्ण और भेदभाव वाले रवैये के तथा उस अवधि में इसके मंच पर उनके अधिकारों के दुरुपयोग के अनेक प्रमाण हैं जो अब सार्वजनिक हैं। Twitter News

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Biparjoy Cyclone : गुजरात में प्रभावित क्षेत्र को पूरी तरह खाली कराया

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Biparjoy Cyclone Update
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 07:44 AM
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Biparjoy Cyclone / जखाऊ। चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के गुजरात के तटीय क्षेत्र के पास कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगार के निकट पहुंचने की संभावना के मद्देनजर मंगलवार को बचाव अभियान को और तेज किया जाएगा और सरकार तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएगी।

कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी तटीय जिलों के प्राधिकारियों ने तटरेखा के निकट रह रहे लोगों को किसी सुरक्षित जगह ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे हजारों लोगों को मंगलवार से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘वीएससीएस (बहुत प्रचंड चक्रवाती तूफान) बिपारजॉय 13 जून, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात ढाई बजे (सोमवार को आधी रात के बाद) पूर्वोत्तर और आस-पास के पूर्वी मध्य अरब सागर में पोरबंदर से लगभग 290 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम और जखाऊ बंदरगाह से 360 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। यह 15 जून की शाम तक वीएससीएस के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ से गुजरेगा।’’

गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने अहमदाबाद में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो। पांडे ने बताया कि बचाव अभियान मंगलवार से दो चरणों में शुरू किया जाएगा और सबसे पहले समुद्र तट से पांच किलोमीटर तक की दूरी पर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद तट से पांच से 10 किलोमीटर की दूरी पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा और इस दौरान बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12-12 दलों को चक्रवात से प्रभावित हो सकने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नयी दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया कि राज्य सरकार संवेदनशील स्थानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाले।

अधिकारियों ने बताया कि जखाऊ में बचाव अभियान सोमवार को ही आरंभ हो गया था। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की चेतावनी के बाद से कांडला में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बंदरगाह पर नौवहन गतिविधियां बंद कर दी गई हैं और श्रमिकों सहित लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया है।

मौसम विज्ञान विभाग ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है। उसने बताया कि 12 जून से 16 जून तक चक्रवात के प्रभाव के कारण तेज सतही हवाएं चलने की संभावना है।

विभाग ने सतर्क किया कि 15 जून की सुबह से 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि चक्रवात के मद्देनजर, एनडीआरएफ ने मुंबई में एहतियातन दो अतिरिक्त दलों को तैनात किया है।

सरकारी कर्मचारियों को तनावमुक्त रखने के लिए निकाला नया फार्मूला Y brake

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सरकारी कर्मचारियों को तनावमुक्त रखने के लिए निकाला नया फार्मूला Y brake

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Y brake
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:00 PM
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Y brake / नई दिल्ली। काम के बोझ के चलते तनाव झेल रहे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर सरकार ने ध्यान दिया है। कर्मचारियों को तनावमुक्त रखने के लिए सरकार द्वारा पहल की जा रही हैं सरकार चाहती है कि कर्मचारी तनावमुक्त होकर कार्य करे। केंद्र ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे तनाव मुक्त और तरोताजा होने के लिए छोटी अवधि के ‘Y brake’ (योग विराम) लें, ताकि वे बेहतर तरीके से काम पर ध्यान दे सकें।

Y brake

‘वाई-ब्रेक’ से यहां तात्पर्य कार्यालय में अपने कुर्सी पर ही योग करने से है। कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों से कार्यस्थल पर लोगों के लिए इस नए योग दिशानिर्देश को लागू करने और योग को बढ़ावा देने को कहा है।

आदेशानुसार कि कार्यस्थल पर ‘वाई-ब्रेक’ आयुष मंत्रालय द्वारा कर्मियों को तनाव मुक्त व तरोताजा करने के मकसद से शुरू किया जा रहा है, ताकि वे बेहतर तरीके से काम पर ध्यान दे सकें। इसे मिल रही प्रतिक्रिया बेहद ही प्रोत्साहित करने वाली है। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान व आयुष मंत्रालय उन अधिकारियों के लिए नई सुविधाएं लाए हैं, जो अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण बाहर जाकर योगाभ्यास नहीं कर सकते।’’

12 जून को जारी किया गया आदेश

यह आदेश 12 जून को जारी किया गया। इस आदेश में कहा गया कि अधिकारी अब अपने कार्यालय की कुर्सी पर बैठे-बैठे छोटी अवधि के योगाभ्यास कर सकते हैं, जिसका नाम है ‘वाई-ब्रेक एट वर्कप्लेस योग’ है। इसका मकसद कर्मचारियों को तनाव मुक्त और तरोताजा महसूस कराना है, ताकि वे बेहतर तरीके से काम पर ध्यान दे सकें। Y brake

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