Sports: प्रशासनिक भूमिका की अगुवाई के लिए अभी विचार नहीं किया:बिंद्रा

Olympic gold medallist shooter Abhinav Bindra Asian Games
Sports
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Dec 2022 02:01 AM
bookmark
Sports: कोलकाता। भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने शुक्रवार को कहा कि वह अभी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) एथलीट आयोग के प्रतिनिधि हैं और उन्होंने अभी भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में प्रशासनिक भूमिका की अगुआई के बारे में विचार नहीं किया है।

Sports:

भारत की महान धाविका पीटी ऊषा हाल में आईओए की अगुआई करने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं और जब बिंद्रा से पूछा गया कि उन्होंने अध्यक्ष पद के लिये अपना नाम क्यों नहीं दिया तो उन्होंने कहा, मैं इस समय आईओसी में एथलीट प्रतिनिधि हूं। मैं आईओसी के एथलीट आयोग का एक सदस्य हूं और मेरी भूमिका अभी दो वर्षों तक मान्य है। बिंद्रा को 2018 में आईओसी एथलीट आयोग में नियुक्त किया गया था जिसमें उनकी भूमिका प्रशासकों और खिलाड़ियों के बीच सेतु की तरह और उनके सर्वश्रेष्ठ हित में काम करने की है। वह टाटा स्टील कोलकाता 25के के ब्रांड दूत के तौर पर शहर में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आईओए में प्रशासनिक या कार्यकारिणी के पद में शामिल होना हितों में टकराव का मामला होता क्योंकि वह अब भी आईओसी में हैं। उन्होंने कहा, मेरा अतीत आईओए में अध्यक्ष पद के लिये सीधे टिकट हासिल करने की गारंटी नहीं है इसलिये मुझे इसके लिये तैयार रहना चाहिए जिसके बारे में मुझे सोचना होगा। बिंद्रा ने कहा, मैं अपना आईओसी कार्यकाल समाप्त करना चाहता हूं। मैं मौजूदा परियोजना में योगदान करना चाहता हूं और मैं आईओसी के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ हूं, भले ही यह खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य का मामला हो या फिर उनके कल्याण की बात हो। मैं एक ही समय में एथलीट प्रतिनिधि और प्रशासक नहीं हो सकता। मैंने इसके बारे में गहराई से नहीं सोचा है।

G-20: मप्र सरकार ने राज्य में बैठकों के लिए मंत्रियों की समिति बनायी

अगली खबर पढ़ें

प्रो कबड्डी लीग 2022 (पीकेएल 2022) के लीग स्टेज के 5 सर्वश्रेष्ठ रेडर्स

31 6
Pro Kabaddi League 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:44 PM
bookmark

मोहक अरोरा, स्पोर्ट्स एक्सपर्ट, परिमैच  ब्रांड  

Pro Kabaddi League 2022: प्रो कबड्डी लीग सीज़न 9 का कारवाँ दुनियाभर से आए उन रेडर्स के लिए किसी उत्सव से कम नहीं था, जिन्होंने इस स्टेज की शोहरत बढ़ाई और अपने आक्रमण कौशल का प्रदर्शन किया। हमने यह देखा कि बड़े और हाई प्रोफाइल नाम अपने मानकों पर खरे उतरने में असफल रहे। जबकि कई अनजाने चेहरों ने लीग स्टेज के दौरान रातोंरात सनसनी मचाते हुए लोकप्रियता हासिल कर ली। इसलिए, आपके लिए लेकर आ रहा है पीकेएल 2022 के लीग स्टेज के 5 सर्वश्रेष्ठ रेडर्स।

Pro Kabaddi League 2022

#5 नरेंदर कंडोला (तमिल थलाइवाज़)

नरेंदर का इस सूची में विशेष स्थान है जिसने प्रो कबड्डी लीग के नौंवे संस्करण में अपना पदार्पण किया और फिर भी अपने शुरूआती अभियान में ही प्रतिष्ठित रेडर्स की सूची में अपनी जगह बनाने में सफल रहा। जब कबड्डी के सुपर स्टार पवन सेहरावत को तमिल थलाइवाज़ के शुरूआती मैच में ही घुटने की गंभीर चोट लगी, तो हरियाणा में जन्मे इस खिलाड़ी ने स्ट्राइक रेडर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। चेन्नई स्थित यह टीम दो कोच के मार्गदर्शन में खेली और पूरे सीज़न में काफी उतार-चढ़ाव से गुज़री, हालांकि केवल एक चीज़ जो लगातार देखने मिली वह थी नरेंदर कंडोला का शानदार स्कोरिंग फॉर्म।

[caption id="attachment_50080" align="alignnone" width="732"]Pro Kabaddi League 2022 Pro Kabaddi League 2022[/caption]

अपने पदार्पण में ही 200 रेड पॉइंट की व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल करने वाला कंडोला दूसरा खिलाड़ी है। इससे पहले यह कारनामा यू मुंबा के सिद्धार्थ देसाई ने सीज़न 6 में कर दिखाया था। तमिल थलाइवाज़ की टीम आक्रमण के मामले में इस फेवरेट खिलाड़ी पर इतना ज़्यादा निर्भर करती है कि नरेंदर के अलावा इस टीम का कोई भी खिलाड़ी टॉप 20 व्यक्तिगत रेडिंग चार्ट की सूची में अपनी जगह नहीं बना पाया। एसएआई के इस पुराने शिष्य ने सीज़न 9 के हर गेम में औसत 10.48 रेड पॉइंट हासिल करते हुए 21 मैचों में 210 रेड पॉइंट्स और 13 सुपर 10 अपने नाम किए हैं।

#4 मनिंदर सिंह (बंगाल वॉरियर्स)

प्रो कबड्डी लीग में आक्रमण की उपलब्धि वाली कोई भी सूची माइटी मनिंदर के उल्लेख के बिना पूरी नहीं हो सकती जिसने इसके शुरूआती संस्करण से ही रेडिंग चार्ट में अपना दबदबा कायम किया हुआ है। हर सीज़न में इस पंजाब स्थित खिलाड़ी ने कबड्डी में दुनिया के इस सबसे विशालतम स्टेज पर लगातार सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले रेडर के रूप में खुद को स्थापित किया है।

बंगाल की टीम में श्रीकांत जाधव और दीपक निवास हुड्डा जैसे कई प्रतिष्ठित और हाइ प्रोफाइल चेहरों के होने के बावजूद, वह इस पूरे सीज़न में वॉरियर की एकमात्र उम्मीद के रूप में उभर कर सामने आया है।

भले ही कोलकाता स्थित इस फ्रेंचाइज़ी को एक कप्तान के रूप में मनिंदर नॉकआउट राउंड के लिए क्वालिफाइ कराने में असफल रहा हो, लेकिन फिर भी आक्रमण करने की उसकी ताकत को पीकेएल सीज़न 9 में उनके टीम की सबसे प्रमुख विशेषता की तरह देखा गया। शुरूआत में उसे अपना फॉर्म पाने में संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उनका गोल्डन टच पा लेने के बाद उसने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। प्रो कबड्डी लीग के सभी सीज़न के दूसरे सबसे सफल रेडर ने 21 मैचों में 238 रेड पॉइंट्स और 14 सुपर 10 हासिल किए और अपने करियर की तालिका में 1231 अंकों का अविश्वसनीय आंकड़ा छू लिया है।

#3 नवीन कुमार गोयत (दबंग दिल्ली)

नवीन एक्सप्रेस ने प्रो कबड्डी के मंच पर एक बार फिर अपने नाम का डंका बजा दिया है और रेड पॉइंट लीडरबोर्ड पर तीसरा स्थान बनाते हुए अव्वल बनने की रेस में कायम है। एक कप्तान की भूमिका में दबंग दिल्ली का यह कप्तान बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया लेकिन पूर्व विजेता टीम के आक्रमण का नेतृत्व करते हुए उसने बहुत ही शानदार कोशिश की है। जब दंबग दिल्ली टीम लगातार छह मैचों में हारी, तो वहीं नवीन डट कर खड़ा रहा और एक छोर से उसने स्कोर करना जारी रखा इस उम्मीद के साथ की वह हार के इस चक्र को तोड़ सकेगा।

पिछले दो संस्करणों में सबसे मूल्यवान खिलाड़ी रहे नवीन ने खिताब का बचाव करने को उतरी दबंग दिल्ली टीम के अभियान की शानदार शुरूआत की और लगातार आठ सुपर 10 स्कोर करते हुए रेडिंग चार्ट में सबसे अव्वल स्थान पर बना रहा। भारतीय सेना के इस जवान का प्रभाव आंकड़ों से बहुत आगे रहा और अंतिम मिनिटों में कई बार वह निर्णायक रेड पर गया और एक बार भी खाली हाथ नहीं लौटा।

नए दौर में मशहूर गोयत खानदान का ध्वज धारण करने वाले नवीन ने लीग स्टेज के 22 मैचों में 246 रेड पॉइंट हासिल किए हैं और अपने पीकेएल करियर में दूसरी बार 250 पॉइंट्स हासिल करने की उपलब्धि से वह केवल 4 पॉइंट्स दूर है।

#2 भरत हुड्डा (बेंगलुरू बुल्स)

[caption id="attachment_50079" align="alignnone" width="726"]barat Hudda भरत ने सफलतापूर्वक पॉवरस्टार पवन की जगह ले ली है[/caption]

जब प्रो कबड्डी सीज़न 9 के कारवाँ की शुरूआत होन वाली थी, तो पिछले सीज़न में पदार्पण करने वाले इस विशाल बुल्स रेडर द्वारा इस सीज़न में ज़बरदस्त प्रदर्शन की किसी ने उम्मीद नहीं की थी। हालांकि बेंगलुरू बुल्स के सर्वेसर्वा रणधीर सिंह सेहरावत को कोई संदेह नहीं था, जब उन्होंने पीकेएल के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी विकास कंडोला की जगह भरत को स्ट्राइक रेडर की भूमिका निभाने के लिए चुना। भले ही कर्नाटक स्थित फ्रेंचाइजी ने अच्छा प्रदर्शन किया हो या न किया हो और परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, लेकिन हमने पूरे सीज़न में भारतीय सेना के इस जवान को रेड पॉइंट हासिल करते हुए हमेशा देखा है।

हुड्डा ने कबड्डी के इस विशालतम मंच में तहलका मचा दिया और पूरी तरह उत्साहित बंगलुरू बुल्स के प्रशंसकों और लाल - काले रंग के खेमे को पवन कुमार सेहरावत की कमी महसूस नहीं होने दी। 24 वर्षीय इस कबड्डी खिलाड़ी को मुश्किल परिस्थितियों में भी सफलतापूर्वक अनेक पॉइंट वाले रेड का प्रदर्शन करने में महारत हासिल है और नौवें संस्करण में सबसे ज़्यादा सुपर रेड (11) बनाने का रिकॉर्ड संयुक्त रूप से इसके नाम पर है।  पिछले सीज़न में भरत टॉप 15 में भी शामिल नहीं था लेकिन इस सीज़न में 21 मैचों में 257 रेड पॉइंट्स हासिल करने के साथ वह सबसे अधिक पॉइंट्स पाने वाले रेडर से केवल 12 पॉइंट पीछे है।

#1 अर्जुन देशवाल (जयपुर पिंक पैंथर्स)

सबसे अव्वल स्थान पर है जयपुर पिंक पैंथर्स टीम के अर्जुन देशवाल जो पिछले सीज़न में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने में असफल रहा था क्योंकि उनकी टीम प्लेऑफ के लिए क्वालिफाय नहीं कर पाई थी। हालांकि उत्तर प्रदेश में जन्मे इस बेहतरीन खिलाड़ी ने साफ संकेत दे दिया है कि वह प्रतिष्ठित पीकेएल ट्रॉफी जीतकर और ऑरेंज आर्मबैंड हासिल करने के बाद ही रूकेगा, इससे कम कुछ भी उसे मंज़ूर नहीं। जब शुरूआती चरणों में पिंक पैंथर्स की डिफेंस को खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा तो अर्जुन ने टीम के मास्टर संजीव बालियाँ को आश्वस्त किया कि वे उसे केंद्र में रखते हुए टीम की रणनीति तय करें।

भारतीय सेना के इस सुपरस्टार ने नौवें संस्करण के लीग स्टेज में सबसे ज़्यादा रेड पॉइंट, सबसे ज़्यादा सुपर 10 और सर्वश्रेष्ठ औसत के साथ व्यक्तिगत रेडिंग चार्ट में पहला स्थान हासिल किया है। 23 वर्षीय अर्जुन ने प्रति मैंच 12.8 रेड पॉइंट के आश्चर्यचकित करने वाले औसत के साथ 269 रेड पॉइंट्स और 16 सुपर 10 हासिल करते हुए अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। फिलहाल, अर्जुन और पिंक पैंथर्स की सेना की जीत का सिलसिला कोई रोक सकेगा ऐसा नहीं लगता और तालिका में अव्वल स्थान पर आई यह टीम फायनल नॉकऑउट मैच जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरेगी।

Wheat stock: नए साल के पहले दिन देश का गेहूं भंडार हो जाएगा 159 लाख टन

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

अगली खबर पढ़ें

Ind Vs Ban: टेस्ट मैच की पहली पारी के बाद राहुल द्रविड़ ने कोहली की किया तारीफ, कोच ने कही अहम बात

Kohli
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Dec 2022 10:46 PM
bookmark
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट मुकाबले में कोई कमाल नहीं कर पाए और मात्र 1 रन बनाने के बाद पवेलियन लौट गए थे। हालांकि ऐसा होने के बाद भी कोच राहुल द्रविड़ ने काफी प्रशंसा किया है और उनका मनोबल बढ़ाया है। चटगांव टेस्ट की पहली पारी के दौरान कोहली अपने साथी मोहम्मद सिराज के साथ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं, जोकि दहाई का आंकड़ा तक पहुंचने में कामयाब नहीं हुए हैं। विराट को तैजुल इस्लाम ने आउट किया था। कोच द्रविड़ ने BCCI द्वारा साझा वीडिया में बताया है कि , ” विराट कोहली का अभ्यास हमेशा अच्छा हुआ है। वे आज भी अद्भुत हैं, वो जिस तरह से तैयारी कर रहे हैं ये युवा खिलाड़ियों के लिए सबक माना जा रहा है। कोहली टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हैं और अपना पूरा योगदान भी दे रहे हैं। उनके अनुसार विराट कोहली के अंदर रनों की भूख नजर आ रही है "। https://twitter.com/BCCI/status/1603267134276390913?s=20&t=K1VF_YscCOjad4N3Lj1j4Q बुधवार के समय देखा जाए तो चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे कोहली को तैजुल ने महज 1 रन के स्कोर पर आउट कर दिया था। उन्होंने केवल 5 गेंद ही खेला था। इन दिनों कोहली की तस्वीर भी साझा की जा रही है। जिसमें लगातार कोहली नेट्स में सौरभ कुमार के खिलाफ बाएं हाथ के स्पिनर का अभ्यास कर रहे हैं।

पुजारा शतक बनाने में नहीं हुए कामयाब

इसके पहले देखा जाए तो, पहले दिन बाएं हाथ वाले स्पिनर तैजुल इस्लाम ने 84 रन देने के बाद तीन विकेट प्राप्त किया था। वहीं, चेतेश्रर पुजारा शतक बनाने में कामयाब नहीं हुए हैं। उन्होंने 203 गेंद की संयमित पारी के दौरान 90 रन ही बनाया था। रिषभ पंत ने पहले दिन के दौरान कप्तान राहुल (22), शुभमन गिल (20) और विराट कोहली ( एक ) सस्ते में पवेलियन जाने के बाद 45 गेंद की 46 रन की आक्रामक पारी में छह चौके और दो छक्के लगा दिया था। पहले टेस्ट मैच में दूसरे दिन का खत्म होने तक बांग्लादेश के 133 रन पर 8 विकेट हो गए थे। वहीं सबसे बांग्लादेश की तरफ से मुशफिकुर रहीम ने 28 रन बनाया था।