Ghaziabad छात्रा से दो साल तक दुष्कर्म, श्रद्धा की तरह टुकड़े करने की धमकी, आरोपी गिरफ्तार

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Ghaziabad
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:50 PM
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Ghaziabad उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालय के नंदग्राम थाना इलाके में एक कंप्‍यूटर शिक्षक द्वारा कथित तौर पर नाबालिग छात्रा से दो साल तक दुष्कर्म करने और विरोध करने पर दिल्ली के श्रद्धा कांड की तरह टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी देने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी ।

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पुलिस ने बताया कि 32 वर्षीय आरोपी कंप्यूटर शिक्षक को नाबालिग लड़की से दो साल तक बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। लंबे समय तक आरोपी शिक्षक का उत्पीड़न सहने के बाद आजिज आकर पीड़ित लड़की ने अपने माता-पिता को इस बारे में जानकारी दी तो पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।

गाजियाबाद के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निपुण अग्रवाल ने कहा कि आरोपी सौरभ गुप्ता ने पीड़ित छात्रा को श्रद्धा की तरह हश्र करने की धमकी दी थी जिसके साथी आफताब ने दिल्‍ली में उसे टुकड़ों टुकड़ों में काट दिया था। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने के बाद रविवार को आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी।

परिजनों द्वारा लगाए आरोपों के हवाले से अग्रवाल ने बताया कि पीड़ित छात्रा जब नौंवी में पढ़ती थी तब आरोपी ने उसका नंबर बढ़ाने के बहाने बहला-फुसलाकर बातचीत करनी शुरू की और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। उन्होंने बताया कि छात्रा जब 11वीं कक्षा में गयी और शिक्षक के दुष्कर्म का विरोध करना शुरू किया तो उसने उसे फेल करने और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।

डीसीपी ने कहा कि हाल ही में जब श्रद्धा की हत्या का मामला सामने आया तो गुप्ता ने छात्रा को धमकी दी कि अगर उसने अपने यौन शोषण के बारे में किसी को बताया तो वह आफताब की तरह उसके भी टुकड़े-टुकड़े कर देगा, इसके बाद छात्रा ने अपने माता-पिता को अपनी आपबीती सुनाई।

परिजनों ने पुलिस को सूचित किया और नंदग्राम पुलिस ने धारा 376 (बलात्कार) और पॉक्सो अधिनियम समेत संबंधित धाराओं में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने गुप्ता को गौतमबुद्ध नगर जिले के सूरजपुर थाने के जैतपुर गांव स्थित उसके घर से सोमवार को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में शिक्षक ने भी इसी तर्ज पर बच्चियों के साथ दुष्कर्म करना कबूल किया है। अग्रवाल ने कहा कि उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सोमवार की शाम जेल भेज दिया गया।

Uttar Pradesh: विधानसभा समितियों का गठन न होने पर सपा ने उठाए सवाल

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Uttar pradesh विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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Uttar pradesh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:10 AM
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Uttar pradesh: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को दूसरे दिन अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई थी।

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संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा। सदस्यों की सहमति के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

यद्यपि सदन सोमवार से बुधवार के लिए प्रस्तावित था लेकिन एक दिन पहले ही इसे स्थगित कर दिया गया।

विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने गत दिनों सभी विधानसभा सदस्यों को भेजे गये पत्र में अधिसूचित किया था कि उप्र विधानसभा का सत्र पांच दिसंबर से सात दिसंबर तक के लिए प्रस्तावित है और राज्य सरकार ने शीतकालीन सत्र में 2022-2023 के लिए अपना पहला पूरक बजट पेश करने का प्रस्ताव रखा है।

सोमवार को उप्र सरकार ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को साल 2022-23 के लिए अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया था।

बजट में करीब 3376954.67 लाख रुपये की अनुदान मांगों का प्रावधान है, जिसमें फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रयागराज महाकुंभ के लिए भी बजट की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को चर्चा के बाद अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पास हो गया।

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Uttar Pradesh: विधानसभा समितियों का गठन न होने पर सपा ने उठाए सवाल

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 01:06 PM
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Uttar Pradesh: उत्‍तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के गठन के करीब नौ माह बीत जाने के बावजूद विधानसभा की समितियों का गठन न किये जाने का मामला उठाते हुए समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को सदन में कहा कि इस वर्ष सदन का तीसरा सत्र चल रहा है लेकिन अब तक समितियों का गठन नहीं किया गया है, इससे लोकतांत्रिक प्रणाली कमजोर होगी। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने व्यवस्था देते हुए संसदीय कार्य मंत्री को जिम्मेदारी दी कि वह एक सप्ताह के अंदर समितियों का गठन करें।

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उल्लेखनीय है कि विधानसभा में लोक लेखा समिति, याचिका समिति, प्राकलन समिति, विशेषाधिकार समिति, नियम समिति, कार्य मंत्रणा समिति, पंचायती राज समिति, आश्वासन समिति जैसी संसदीय समितियों का गठन किया जाता है।

संसदीय समितियां सदन की आंख और कान का कार्य करती हैं और उन्हीं के माध्यम से सदन सत्र में न रहते हुए भी निरंतर कार्य करता रहता है।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दोपहर बाद सपा के मुख्‍य सचेतक मनोज पांडेय, वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय और लालजी वर्मा ने नियम 300 के तहत यह मामला उठाया और अध्यक्ष से समितियों के गठन की मांग की।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने कहा कि व्यस्तता की वजह से समितियों का गठन नहीं हो सका लेकिन जल्द ही समितियों का गठन कर दिया जाएगा।

मनोज पांडेय ने अपनी मांग पर बल देते हुए कहा कि यह व्यवस्था है कि जब विधानसभा का गठन होगा तो पहले ही सत्र के प्रारंभ होने पर समितियों का गठन किया जाएगा लेकिन नौ माह में भी समितियों का गठन नहीं हो सका।

लालजी वर्मा ने कहा कि यह संविधान और हमारी नियमावली के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण है और लोकसभा तथा सभी राज्यों की विधानसभा में समितियों का गठन होता है लेकिन कोई ऐसा दृष्टांत नहीं है कि कहीं इतने समय तक समितियों का गठन न हुआ हो।

वर्मा ने कहा कि समितियों का गठन न होने से लोकतांत्रिक प्रणाली कमजोर होगी। उन्होंने कहा कि पहले ही सत्र में आपको सर्वसम्मति से अधिकृत किया गया लेकिन समितियों का गठन नहीं हो सका। माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि समितियों का गठन नहीं होगा तो विकास का कार्य प्रभावित होगा।

यह समितियां सरकार के अधीन नहीं, अध्यक्ष जी आपके अधीन है, और आप अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए इन समितियों का गठन कर दें।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि वास्तव में समितियों का गठन जरूरी है, लेकिन संबंधित नाम नहीं मिल सके। उन्होंने व्यवस्था देते हुए संसदीय कार्य मंत्री को जिम्मेदारी दी कि एक सप्ताह के अंदर समितियों के गठन की प्रक्रिया पूरी कर दें।

इसके अलावा नियम 300 के तहत रविदास मेहरोत्रा ने विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नियमावली में स्पष्ट रूप से विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था है, लेकिन नौ माह बाद भी चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। उन्होंने अध्यक्ष से इसकी व्यवस्था देने की मांग की। अध्यक्ष ने कहा कि इस पर बैठ कर विचार विमर्श किया जाएगा।

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