UP DGP Interview: गुड्डू मुस्लिम को गिरफ्तार करने में जल्द सफलता मिलेगी : DGP विश्वकर्मा

UP DGP Interview: लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉक्टर राजकुमार विश्वकर्मा ने शुक्रवार को दावा किया कि पुलिस गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी के लिए सभी प्रयास कर रही है और उसे बहुत जल्द सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि माफिया और खूंखार अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की अलग-अलग इकाइयां अभियान चला रही हैं।
UP DGP Interview
वर्ष 2005 में प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या के मामले के गवाह उमेश पाल व उनके दो सुरक्षाकर्मियों की फरवरी माह में हुई हत्या के सिलसिले में पुलिस कुख्यात "बमबाज" गुड्डू मुस्लिम को तलाश रही है।
उमेश पाल की हत्या के बाद सामने आए वीडियो में एक व्यक्ति बम फेंकते दिखाई देता है जिसकी पहचान पुलिस ने गुडडू मुस्लिम के रूप में की है। इस हत्याकांड के सिलसिले में वांछित गुड्डू मुस्लिम के अलावा अरमान व साबिर पर भी पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है।
कैसे अतीक का करीब बना गुड्डू मुस्लिम
मूल रूप से सुलतानपुर जिले का निवासी गुड्डू मुस्लिम अपने पिता के साथ बचपन में प्रयागराज पहुंचा था और बाद में आपराधिक गिरोहों के लिए काम करते-करते वह अपराधी से राजनीतिक नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद का करीबी हो गया। उस पर हत्या, लूट समेत अनेक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
विश्वकर्मा ने बातचीत में उमेश पाल हत्याकांड में फरार गुड्डू मुस्लिम के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि हमारी पुलिस पूरी ताकत से लगी हुई है और इस दिशा में बहुत जल्द सफलता मिलेगी। हमारी कोशिश होगी कि अदालत से उसे फांसी की सजा मिले।
फरार माफिया बदन सिंह बद्दो पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने और इस तरह का कदम अन्य फरार माफियाओं के सिलसिले में भी उठाए जाने से संबंधित सवाल पर पर डीजीपी ने कहा, ' पुलिस पहले खूंखार और शातिर माफियाओं, अपराधियों पर पुरस्कार घोषित करती है, ताकि उन सबकी सूचना मिले। इसके साथ ही हमारी खुफिया एजेंसी माफिया और शातिर अपराधियों के परिवार के लोगों, रिश्तेदारों, मददगारों, दो पीढ़ी आगे और दो पीढ़ी पीछे का ब्योरा तैयार कर रही है। हमने माफिया और शातिर अपराधियों की अदालत में जमानत लेने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी की है।'
साइबर और यातायत में समस्या आगे पुलिस पीछे
उन्होंने कहा कि जमानतदार इन शर्तों के आधार पर जमानत लेता है कि जब भी पुलिस या अदालत बुलाएगी तो अपराधी हाजिर होगा और वह कोई अपराध नहीं करेगा। इसलिए जो लोग जमानत लेते हैं, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि माफिया, अपराधी को हाजिर कराने में भी जवाबदेह रहें।
यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक और शोध उपाधि धारक विश्वकर्मा साइबर अपराध एवं यातायात की समस्या को पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के मामले में सुरक्षा एजेंसियां उतना आगे नहीं बढ़ पाई हैं जितना बढ़ना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'वैसे साइबर थाने खुल रहे हैं, लेकिन पुलिस कर्मचारियों के पास बेहतर प्रशिक्षण नहीं है, यह हमारा कमजोर पहलू है।'
डीजीपी ने कहा कि साइबर और यातायात दो ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस पीछे है और समस्या आगे है। हमारा प्रयास है कि इन दोनों समस्याओं के उन्मूलन की दिशा में पुलिस बहुत आगे रहे।
जनता को दुखी करने वालों को कतई नहीं छोड़ेंगे
पुलिस पर माफिया के साथ जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करने संबंधी आरोप लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इस नजरिए से कोई कार्य नहीं करते। जो सक्रिय अपराधी हैं, कानून का उल्लंघन करते हैं और जनता को दुखी करते हैं, उनको हम कतई नहीं छोड़ेंगे।
पुलिस और अपराधियों के बीच सांठगांठ के बार-बार लगने वाले आरोपों पर उन्होंने स्वीकार किया कि जो लोग अपराधी-माफिया बने हैं, कहीं न कहीं छोटे स्तर पर स्थानीय पुलिस की सांठगांठ से ही खड़े हुए हैं क्योंकि बगैर पुलिस प्रशासन के सहयोग के उनकी पहली मंजिल शुरू नहीं हो सकती।
राजू पाल हत्याकांड में गवाह रहे उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की फरवरी माह के आखिरी हफ्ते में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के करीब सवा महीने बाद 31 मार्च को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी डॉक्टर आर के विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक महानिदेशक की जिम्मेदारी मिली।
पुलिस पहले बदमाशों को देती है सरेंडर का मौका
उनके नेतृत्व संभालने के बाद 13 अप्रैल को उमेश पाल हत्याकांड मामले के आरोपियों और अतीक अहमद के बेटे असद तथा उसके साथी गुलाम को पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने झांसी में मार गिराया था। इन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था।
इससे एक दिन पहले 12 अप्रैल को एसटीएफ ने पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए बिजनौर निवासी एवं ढाई लाख रुपये के इनामी माफिया आदित्य राणा उर्फ रवि को मार गिराया था। हत्या, जबरन वसूली सहित 60 से अधिक मामलों के आरोपी पश्चिमी उप्र के कुख्यात माफिया अनिल दुजाना को भी गौतमबुद्ध नगर जिले में एसटीएफ ने चार मई को एक मुठभेड़ में मार गिराया।
इस संबंध में विश्वकर्मा ने कहा कि पुलिस बदमाशों को पहले आत्मसमर्पण करने का मौका देती है लेकिन अगर कोई माफिया पुलिस पर गोली चलाएगा तो जवाब में पुलिस भी कार्रवाई करेगी।
आर के विश्वकर्मा 31 मई, 2023 को सेवानिवृत्त होंगे। सेवा विस्तार की संभावना से जुड़े सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
अतीक हत्या मामले की आयोग कर रहा जांच
उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में मीडियाकर्मी बनकर आए तीन हमलावरों ने पुलिस अभिरक्षा में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी थी। पुलिस ने तत्काल तीनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था।
इस घटना से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में गठित एक आयोग मामले की जांच कर रहा है।
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर किए गए इंतजाम के बारे में उन्होंने कहा कि राम मंदिर की पूरी तरह चाक चौबंद सुरक्षा की जाएगी और इसके लिए करीब 50 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे जाएंगे।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन का भी दायित्व संभाल रहे विश्वकर्मा ने पुलिस बल को समृद्ध बनाने का दावा करते हुए कहा कि पांच साल में एक लाख 57 हजार पुलिसकर्मी भर्ती किए गए हैं और यह अत्यंत गर्व की बात है कि इनमें 36 हजार महिला पुलिसकर्मी हैं।”
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 50 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती की तैयारी शुरू हो गई है जिसे मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है और आने वाले दिनों में युवाओं के पास भर्ती के बहुत अवसर रहेंगे।
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UP DGP Interview
वर्ष 2005 में प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या के मामले के गवाह उमेश पाल व उनके दो सुरक्षाकर्मियों की फरवरी माह में हुई हत्या के सिलसिले में पुलिस कुख्यात "बमबाज" गुड्डू मुस्लिम को तलाश रही है।
उमेश पाल की हत्या के बाद सामने आए वीडियो में एक व्यक्ति बम फेंकते दिखाई देता है जिसकी पहचान पुलिस ने गुडडू मुस्लिम के रूप में की है। इस हत्याकांड के सिलसिले में वांछित गुड्डू मुस्लिम के अलावा अरमान व साबिर पर भी पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है।
कैसे अतीक का करीब बना गुड्डू मुस्लिम
मूल रूप से सुलतानपुर जिले का निवासी गुड्डू मुस्लिम अपने पिता के साथ बचपन में प्रयागराज पहुंचा था और बाद में आपराधिक गिरोहों के लिए काम करते-करते वह अपराधी से राजनीतिक नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद का करीबी हो गया। उस पर हत्या, लूट समेत अनेक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
विश्वकर्मा ने बातचीत में उमेश पाल हत्याकांड में फरार गुड्डू मुस्लिम के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि हमारी पुलिस पूरी ताकत से लगी हुई है और इस दिशा में बहुत जल्द सफलता मिलेगी। हमारी कोशिश होगी कि अदालत से उसे फांसी की सजा मिले।
फरार माफिया बदन सिंह बद्दो पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने और इस तरह का कदम अन्य फरार माफियाओं के सिलसिले में भी उठाए जाने से संबंधित सवाल पर पर डीजीपी ने कहा, ' पुलिस पहले खूंखार और शातिर माफियाओं, अपराधियों पर पुरस्कार घोषित करती है, ताकि उन सबकी सूचना मिले। इसके साथ ही हमारी खुफिया एजेंसी माफिया और शातिर अपराधियों के परिवार के लोगों, रिश्तेदारों, मददगारों, दो पीढ़ी आगे और दो पीढ़ी पीछे का ब्योरा तैयार कर रही है। हमने माफिया और शातिर अपराधियों की अदालत में जमानत लेने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी की है।'
साइबर और यातायत में समस्या आगे पुलिस पीछे
उन्होंने कहा कि जमानतदार इन शर्तों के आधार पर जमानत लेता है कि जब भी पुलिस या अदालत बुलाएगी तो अपराधी हाजिर होगा और वह कोई अपराध नहीं करेगा। इसलिए जो लोग जमानत लेते हैं, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि माफिया, अपराधी को हाजिर कराने में भी जवाबदेह रहें।
यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक और शोध उपाधि धारक विश्वकर्मा साइबर अपराध एवं यातायात की समस्या को पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के मामले में सुरक्षा एजेंसियां उतना आगे नहीं बढ़ पाई हैं जितना बढ़ना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'वैसे साइबर थाने खुल रहे हैं, लेकिन पुलिस कर्मचारियों के पास बेहतर प्रशिक्षण नहीं है, यह हमारा कमजोर पहलू है।'
डीजीपी ने कहा कि साइबर और यातायात दो ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस पीछे है और समस्या आगे है। हमारा प्रयास है कि इन दोनों समस्याओं के उन्मूलन की दिशा में पुलिस बहुत आगे रहे।
जनता को दुखी करने वालों को कतई नहीं छोड़ेंगे
पुलिस पर माफिया के साथ जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करने संबंधी आरोप लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इस नजरिए से कोई कार्य नहीं करते। जो सक्रिय अपराधी हैं, कानून का उल्लंघन करते हैं और जनता को दुखी करते हैं, उनको हम कतई नहीं छोड़ेंगे।
पुलिस और अपराधियों के बीच सांठगांठ के बार-बार लगने वाले आरोपों पर उन्होंने स्वीकार किया कि जो लोग अपराधी-माफिया बने हैं, कहीं न कहीं छोटे स्तर पर स्थानीय पुलिस की सांठगांठ से ही खड़े हुए हैं क्योंकि बगैर पुलिस प्रशासन के सहयोग के उनकी पहली मंजिल शुरू नहीं हो सकती।
राजू पाल हत्याकांड में गवाह रहे उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की फरवरी माह के आखिरी हफ्ते में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के करीब सवा महीने बाद 31 मार्च को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी डॉक्टर आर के विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक महानिदेशक की जिम्मेदारी मिली।
पुलिस पहले बदमाशों को देती है सरेंडर का मौका
उनके नेतृत्व संभालने के बाद 13 अप्रैल को उमेश पाल हत्याकांड मामले के आरोपियों और अतीक अहमद के बेटे असद तथा उसके साथी गुलाम को पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने झांसी में मार गिराया था। इन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था।
इससे एक दिन पहले 12 अप्रैल को एसटीएफ ने पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए बिजनौर निवासी एवं ढाई लाख रुपये के इनामी माफिया आदित्य राणा उर्फ रवि को मार गिराया था। हत्या, जबरन वसूली सहित 60 से अधिक मामलों के आरोपी पश्चिमी उप्र के कुख्यात माफिया अनिल दुजाना को भी गौतमबुद्ध नगर जिले में एसटीएफ ने चार मई को एक मुठभेड़ में मार गिराया।
इस संबंध में विश्वकर्मा ने कहा कि पुलिस बदमाशों को पहले आत्मसमर्पण करने का मौका देती है लेकिन अगर कोई माफिया पुलिस पर गोली चलाएगा तो जवाब में पुलिस भी कार्रवाई करेगी।
आर के विश्वकर्मा 31 मई, 2023 को सेवानिवृत्त होंगे। सेवा विस्तार की संभावना से जुड़े सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
अतीक हत्या मामले की आयोग कर रहा जांच
उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में मीडियाकर्मी बनकर आए तीन हमलावरों ने पुलिस अभिरक्षा में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी थी। पुलिस ने तत्काल तीनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था।
इस घटना से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में गठित एक आयोग मामले की जांच कर रहा है।
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर किए गए इंतजाम के बारे में उन्होंने कहा कि राम मंदिर की पूरी तरह चाक चौबंद सुरक्षा की जाएगी और इसके लिए करीब 50 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे जाएंगे।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन का भी दायित्व संभाल रहे विश्वकर्मा ने पुलिस बल को समृद्ध बनाने का दावा करते हुए कहा कि पांच साल में एक लाख 57 हजार पुलिसकर्मी भर्ती किए गए हैं और यह अत्यंत गर्व की बात है कि इनमें 36 हजार महिला पुलिसकर्मी हैं।”
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 50 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती की तैयारी शुरू हो गई है जिसे मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है और आने वाले दिनों में युवाओं के पास भर्ती के बहुत अवसर रहेंगे।







