उत्तर प्रदेश बनेगा 'उत्तम कनेक्टिविटी युक्त प्रदेश' 1 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:46 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम कनेक्टिविटी युक्त प्रदेश’ के तौर पर परिवर्तित कर रही डबल इंजन की सरकार रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के विजन को आगे बढ़ा रही है। एक ओर प्रदेश में पीएम मोदी के कुशल मार्गदर्शन में राष्ट्रीय राज्यमार्गों के निर्माण व विकास समेत विभिन्न प्रकार की बड़ी योजनाओं पर कार्य जारी है, वहीं सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश एक्सप्रेसवे स्टेट के रूप में परिवर्तित हो गया है। इस कड़ी में लोकनिर्माण विभाग द्वारा एक खाका तैयार किया गया है जिसके अनुसार सेतु बंधन की 10 परियोजनाओं को 1,111 करोड़ की लागत से पूरा करने की तैयारी है। इस योजना के जरिए जिन सेतुओं का निर्माण होना प्रस्तावित है उसमें मुख्यतः रेल ओवहरेड ब्रिज (आरओबी) और रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) प्रस्तावित है। इसके साथ ही, सीआरआई फंड के इस्तेमाल से मार्गों के निर्माण, चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के कार्यों को पूरा करने की तैयारी है।

टीवीयू और उपयोगिता के आधार को ध्यान में रखकर होगा निर्माण

सीआरआई फंड के इस्तेमाल से लोकनिर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में जिन 10 आरओबी व आरयूबी के निर्माण व विकास की प्रक्रिया पर काम किया जाना प्रस्तावित है उसे उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की देखरेख में पूरा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कार्यों के चयन का निर्धारण टीयूवी व उपयोगिता के आधार पर किया जाता है। टेन व्हीकल यूनिट्स (टीयूवी) लेवल क्रॉसिंग गेट्स के वर्गीकरण में इस्तेमाल होने वाला एक टर्म है। यह दर्शाता है कि एक दिन में औसतन कितनी ट्रेनें और यातायात वाहनों का उस सेक्शन से आना-जाना होता है। ऐसे में, सेतुओं के निर्माण में उन सेक्शंस पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाता है जिनकी टीयूवी संख्या अधिक है और इसे भविष्य की जरूरतों के अनुरूप विकसित करने पर कार्य हो रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में 1,111 करोड़ की लागत से 10 सेतुओं के निर्माण को स्वीकृति दी थी, जिस पर मौजूदा वित्तीय वर्ष में कार्य होना प्रस्तावित है। इनमें से प्रत्येक सेतुओं के निर्माण में 50 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी और इनके पूरा होने से कनेक्टिविटी में विस्तार के साथ ही उचित यातायात प्रबंधन में भी मदद मिलेगी। UP News

मार्ग निर्माण में भी सीआरआई फंड का होगा इस्तेमाल

केंद्रीय मार्ग एवं अवसंरचना निधि का इस्तेमाल प्रदेश में सेतु निर्माण के साथ ही मार्गों के निर्माण में भी किया जाना प्रस्तावित है। इसको लेकर भी लोकनिर्माण विभाग द्वारा एक कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके अनुसार, भारत सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में 136 करोड़ की लागत से कार्यों को पूरा करने का अनुमोदन किया गया था जिसे इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत मुख्यतः मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण, बाइपास व रिंग रोड निर्माण तथा राष्ट्रीय मार्ग के समानान्तर सर्विस मार्गों के निर्माण जैसे कार्यों को पूर्ण किया जाता है। मुख्यतः इसमें 10 किलोमीटर या उससे अधिक लंबाई के मार्गों को सम्मिलित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण व यूटिलिटी शिफ्टिंग जैसे कार्यों को राज्य सरकार द्वारा ही पूरा किया जाता है। UP News

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योगी सरकार की बड़ी पहल, पंचगव्य आधारित नवाचार से खोलेगी रोजगार के द्वार

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:17 PM
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UP News : प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने और जैविक कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने एक दूरगामी योजना तैयार की है, जिसके अंतर्गत राज्य के सभी 75 जिलों में जल्द ही ग्रोथ प्रमोटर और ऑर्गेनिक पेस्टिसाइड का उपयोग शुरू किया जाएगा। पंचगव्य आधारित नवाचार को केंद्र में रखते हुए यह अभियान रोजगार, पर्यावरण संरक्षण और कृषि सुधार इन तीनों मोर्चों पर ठोस प्रभाव डालेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और उत्पादन में लगभग 20% तक की वृद्धि संभावित है।

गोशालाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, स्थानीय महिलाओं और युवाओं को मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोबर, गोमूत्र, दूध, दही और घी से बने पंचगव्य उत्पादों के उत्पादन और विपणन को लेकर व्यापक योजना तैयार की गई है, जिसका कार्यान्वयन जल्द प्रारंभ किया जाएगा। इस योजना से जुड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और स्थानीय युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।

स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को मिलेगा दायित्व

योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पंचगव्य आधारित उत्पादों के निर्माण, विपणन और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, किसानों को विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से गो-कृषि से जोड़ा जाएगा, जिससे खेती को रसायन मुक्त और पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सके।

राज्यव्यापी निरीक्षण के आधार पर बनी रणनीति

उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में आयोग की ओर से राज्यव्यापी निरीक्षण कर पशुधन घनत्व, उपलब्ध भूमि, जल स्रोतों और गोशालाओं का  अध्ययन किया गया। इन तथ्यों के आधार पर पंचगव्य इकाइयों और जैव ऊर्जा संभावनाओं का मूल्यांकन करते हुए एक ठोस कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसका शीघ्र ही क्रियान्वयन आरंभ होगा।

स्थानीय स्तर पर जैविक खेती और विपणन को मिलेगा बल

गो-कृषि प्रशिक्षण के साथ-साथ ग्रोथ प्रमोटर और जैविक खाद के विपणन में स्थानीय युवाओं को जोड़ने की कार्ययोजना बनाई गई है। इससे जहां एक ओर जैविक खेती को नया प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि सतत ग्रामीण विकास के लिए भी एक अभिनव मॉडल सिद्ध होगी। UP News

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उत्तर प्रदेश में अवैध खनन पर AI और ड्रोन से कसी नकेल, 21 हजार से अधिक वाहन ब्लैक लिस्ट

Yogi khanan
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Jul 2025 11:01 PM
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UP News : योगी सरकार ने प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर रोकथाम के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। प्रदेश में 57 AI और IoT आधारित चेकगेट्स स्थापित किए गए हैं, जो खनन में शामिल वाहनों की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। इन चेकगेट्स पर परिवहन विभाग के सहयोग से वेट-इन-मोशन तकनीक का उपयोग कर ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाया जा रहा है। अब तक 21,477 वाहनों को अवैध परिवहन के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया है। इसके अतिरिक्त, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग गूगल अर्थ, Arc-GIS और LISS-IV उपग्रह डेटा के माध्यम से अवैध खनन की पहचान और नए खनिज क्षेत्रों की खोज कर रहा है।

AIS140 कॉम्पैटिबल जीपीएस से हो रही ट्रैकिंग

विभाग की रिमोट सेंसिंग प्रयोगशाला (पीजीआरएस लैब) भूवैज्ञानिक मानचित्र तैयार कर रही है और स्वीकृत खनन पट्टों की निगरानी कर रही है। इससे रेत, मोरंग और अन्य लघु खनिजों के नए खनिज समृद्ध क्षेत्रों की पहचान संभव हुई है। वाहन ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) के तहत उपखनिजों के परिवहन में शामिल वाहनों पर AIS140 कॉम्पैटिबल जीपीएस उपकरण लगाए जा रहे हैं। इन उपकरणों को विभागीय वीटीएस मॉड्यूल से जोड़ा जाएगा, जिससे रियल-टाइम ट्रैकिंग, रूट डेविएशन अलर्ट और MIS रिपोर्ट्स के जरिए अवैध परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। पहली बार परिवहनकर्ताओं को हितधारक बनाते हुए उनका पंजीकरण भी शुरू किया गया है।

ड्रोन तकनीक से मिल रही बड़ी मदद

ड्रोन तकनीक का उपयोग कर खनन क्षेत्रों की लंबाई, चौड़ाई और गहराई का आकलन किया जा रहा है। ड्रोन के माध्यम से वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस के जरिए खनन की मात्रा का सटीक अनुमान लगाया जाता है, जिसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा, भंडारित उपखनिजों का भी ड्रोन से वॉल्यूमेट्रिक विश्लेषण किया जा रहा है। ड्रोन की मदद से खनन योग्य क्षेत्रों का चिह्नांकन कर पट्टों का व्यवस्थापन किया जा रहा है, जिससे अधिकतम खनन योग्य क्षेत्रों का उपयोग संभव हो सके। UP News

खनन क्षेत्र में जवाबदेही हुई सख्त

योगी सरकार की इन पहलों से अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिल रही है। समय-समय पर पट्टों की जांच और तकनीकी निगरानी से पारदर्शिता बढ़ी है और खनन माफिया पर नकेल कसी गई है। ये कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि प्रदेश में खनन क्षेत्र में सुशासन और जवाबदेही को भी मजबूत कर रहे हैं। योगी सरकार की यह सख्ती और तकनीकी दृष्टिकोण अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। UP News

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