तिहाड़ की भीड़ से टूटेगी दीवारें, दिल्ली सरकार ने उठाया बड़ा कदम

CM Rekha Gupta
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:24 PM
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Delhi News : दिल्ली की सबसे चर्चित और सबसे बड़ी जेल तिहाड़ अब बदलाव की राह पर है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में अपने बजट भाषण में तिहाड़ जेल को स्थानांतरित करने और नरेला में एक अत्याधुनिक हाई-सिक्योरिटी जेल परिसर के निर्माण की योजना की घोषणा की है। यह कदम सिर्फ एक जेल स्थानांतरण नहीं, बल्कि एक भीड़भरी और बोझिल होती जा रही जेल प्रणाली को सुधारने की गंभीर कोशिश है। आज तिहाड़ जेल की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। जहां इसकी क्षमता महज 5,200 कैदियों की है, वहीं यहां वर्तमान में लगभग 12,945 कैदी बंद हैं। यानी क्षमता से ढाई गुना अधिक। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह उन तमाम जिंदगियों का बोझ है जो सुधार की उम्मीद में सलाखों के पीछे हैं, लेकिन व्यवस्था की भीड़ में दम घोंट रही हैं।

नई सोच के साथ समाधान की दिशा में पहल

मुख्यमंत्री ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एक नई सोच के साथ समाधान की दिशा में पहल की है। दिल्ली सरकार, गृह विभाग, डीडीए, राजस्व विभाग और भूमि व विकास कार्यालय जैसे विभागों के साथ मिलकर न सिर्फ तिहाड़ जेल की भीड़ को कम करने की योजना पर काम कर रही है, बल्कि नई जेल की संरचना और स्थान पर भी गहन मंथन कर रही है।

तकनीक और पुनर्वास को भी दी जाएगी प्राथमिकता

दिल्ली सरकार द्वारा नरेला में जो हाई-सिक्योरिटी जेल बनाई जा रही है, उसका वास्तुशिल्प डिज़ाइन ऐतिहासिक अंडमान निकोबार की "सेलुलर जेल" से प्रेरित होगा। यह जेल सिर्फ सुरक्षा में उच्च स्तरीय नहीं होगी, बल्कि इसके निर्माण में तकनीक और पुनर्वास को भी प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के अनुसार, पहले चरण में यहां 250 से 300 ऐसे कुख्यात कैदियों को स्थानांतरित किया जाएगा, जिनकी निगरानी सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही ₹100 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं और ₹40 करोड़ दिल्ली सरकार वहन करेगी। उम्मीद है कि निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगामी 21 महीनों में नरेला जेल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

अधिकारी लेंगे मौजूदा स्थिति का जायजा

इस योजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अगले सप्ताह तिहाड़ का दौरा कर अधिकारी मौजूदा स्थिति का जायजा लेंगे और तब तक के लिए अस्थायी समाधान भी खोजने की कोशिश करेंगे, जिससे जब तक नरेला जेल तैयार न हो, तब तक तिहाड़ में भीड़ को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सके। यह पहल न सिर्फ कैदियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह जेल अधिकारियों और पूरे सुधारात्मक न्याय प्रणाली को सुचारु रूप देने की आवश्यकता की तरफ भी इशारा करती है।

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वर्दी की आड़ में घूस का खेल, ट्रैफिक ASI और हेड कांस्टेबल रंगे हाथ गिरफ्तार

Arrested
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 May 2025 05:00 PM
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Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर चर्चा में है दरअसल बाहरी दिल्ली के समयपुर बादली ट्रैफिक सर्कल में तैनात दो ट्रैफिक पुलिसकर्मी एएसआई विजय कुमार और हेड कांस्टेबल सुरेंद्र को दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। ये रिश्वत कथित रूप से एक वाहन मालिक से ट्रैफिक चालान से बचाने के एवज में मांगी गई थी।

अवैध रूप से की जा रही थी पैसे की मांग

शिकायत 21 मई को विजिलेंस थाने में दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि समयपुर बादली के महादेव चौक पर ड्यूटी कर रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी बार-बार अवैध रूप से पैसे मांग रहे हैं। इस गंभीर आरोप के बाद विजिलेंस विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और एक विशेष टीम गठित की। तय योजना के तहत शिकायतकर्ता को 30 हजार रुपये लेकर पुलिसकर्मियों से मिलने भेजा गया।

विजिलेंस की टीम लगातार कर रही थी निगरानी

शाम करीब साढ़े पांच बजे, एएसआई विजय कुमार ने शिकायतकर्ता को महादेव चौक बुलाया और उसे एक कार में बैठाया जिसे हेड कांस्टेबल सुरेंद्र चला रहा था। दोनों उसे रोहिणी सेक्टर-30 के एक सुनसान इलाके में ले गए, जहां पैसे लेने की योजना बनाई गई थी। लेकिन इन दोनों को यह अंदाज़ा नहीं था कि विजिलेंस की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।

की जा रही पूछताछ

जैसे ही शिकायतकर्ता ने इशारा किया विजिलेंस टीम ने तत्काल कार को रोककर तलाशी ली और एएसआई विजय कुमार के पास से 30,000 रुपये की नकदी बरामद कर ली गई। अब दोनों के खिलाफ विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या ये सिर्फ एक मामला है या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।

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Korona
Covid-19
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:38 PM
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Delhi-NCR News : दिल्ली-एनसीआर खासकर गुरुग्राम में कोरोना वायरस की एक बार फिर दस्तक ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। गुरुग्राम के साइबर सिटी इलाके में कोविड-19 के दो नए मामले सामने आए हैं जिनमें से एक मरीज हाल ही में मुंबई से लौटा है। दोनों संक्रमितों को फिलहाल आइसोलेशन में रखा गया है और उनमें केवल हल्के लक्षण पाए गए हैं। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थिति पर नजर रखते हुए आश्वासन दिया है कि फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

क्या है लक्षण?

यह नई लहर कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के एक नए सब-वेरिएंट JN.1 से जुड़ी हुई है। JN.1 वेरिएंट को पहली बार 2023 के अंत में पहचाना गया था और यह अब अमेरिका, यूके, भारत, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में फैल चुका है। यह वेरिएंट BA.2.86 (जिसे 'पिरोला' भी कहा जाता है) से निकला है और इसमें स्पाइक प्रोटीन में हुए एक खास म्यूटेशन के कारण यह बहुत तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती इसकी ट्रांसमिशन की रफ्तार है, हालांकि शुरुआती आंकड़ों के अनुसार यह वेरिएंट गंभीर बीमारी नहीं पैदा कर रहा है। अधिकांश मामलों में लक्षण गले में खराश, नाक बहना, हल्का बुखार, खांसी और थकान जैसे रहते हैं, जो सामान्य वायरल इन्फेक्शन जैसे लग सकते हैं।

टेस्टिंग को दिया जा रहा बढ़ावा

देश के अन्य हिस्सों की बात करें तो अहमदाबाद में मई के महीने में अब तक 38 कोविड केस दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से 31 एक्टिव हैं। मुंबई और भुवनेश्वर जैसे शहरों में भी कुछ नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कई अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड सक्रिय कर दिए हैं और टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सतर्कता बरतने की खास जरूरत

इस स्थिति में आम जनता को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। मास्क पहनना, हाथों की स्वच्छता बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना अब फिर से जरूरी हो गया है। यदि किसी को जुखाम, खांसी या बुखार जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज़ नहीं ली है, उन्हें वैक्सीनेशन कराने की सलाह दी जाती है। हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन कोविड-19 के इस नए वेरिएंट की तेजी से फैलने की क्षमता को देखते हुए हमें फिर से सावधानी और जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करने की जरूरत है। सतर्क रहना ही इस संक्रमण की चेन तोड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है।

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