Dwarka Expressway : तीन-चार माह में हो पूरा हो जाएगा द्वारका एक्सप्रेसवे : गडकरी

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Dwarka Expressway will be completed in three-four months: Gadkari
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:04 AM
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नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे का काम अगले तीन से चार महीनों में पूरा हो जाएगा। देश के इस पहले ‘एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे’ से दिल्ली-गुरुग्राम के बीच यातायात का दबाव कम होगा।

Dwarka Expressway

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स्वचालित होगा टोल संग्रह गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक्सप्रेसवे का काम चार पैकेज में पूरा होगा। द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल संग्रह का काम पूरी तरह से स्वचालित होगा। पूरी परियोजना दक्ष परिवहन प्रणाली (आईटीएस) से युक्त होगी। द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है। इसमें 18.9 किलोमीटर हरियाणा में जबकि शेष 10.1 किलोमीटर दिल्ली में है।

Dwarka Expressway

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अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये भी उपलब्ध होगी संपर्क सुविधा एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 के पास दिल्‍ली के महिपालपुर में शिव मूर्ति के पास से शुरू होगा। फिर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर गुरुग्राम खेड़की-दौला गांव के पास बने टोल प्लाजा के पास खत्म होगा। यह द्वारका की तरफ से द्वारका एक्सप्रेसवे के जरिये इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये संपर्क सुविधा प्रदान करेगा। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Noida Big Breaking News : नोएडा के इंजीनियर का कमाल, कश्मीर में पैदा होने वाली केसर कमरे में उगाई

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Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 May 2023 08:35 PM
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अरुण सिन्हा  Noida Big Breaking News :  नोएडा। नोएडा शहर के सेक्टर-25 में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर रमेश गेरा कश्मीर की वादियों में पैदा होने वाली बेशकीमती औषधि केसर की पैदावार नोएडा के एक छोटे से कमरे में कर रहे हैं। चेतना मंच डॉट कॉम(www.chetnamanch.com)पर श्री गेरा  की इस उपलिब्ध का समाचार प्रकाशित होने के बाद वे सुर्खियों में आ गए हैं। (यहां लिंक को क्लिक करके पढ़ें उनकी उपलब्धियों की खबर)

Noida News : कश्मीर की वादियों में नहीं बल्कि यहाँ कमरे में उगता है केसर…

छोटे से कमरे में केसर की खेती करने का करिश्मा करने वाले इंजीनियर रमेश गेरा से चेतना मंच ने लम्बी बातचीत की है। इस बातचीत में श्री गेरा ने कहा कि भारत में केसर की मांग 60 मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। जबकि कश्मीर में महज 21 मीट्रिक टन केसर ही पैदा होती है। हर साल 40 मीट्रिक टन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए भारत ईरान से केसर आयात करता है। लेकिन आयातित केसर काफी महंगा पड़ता है। यदि भारत सरकार उनकी तकनीक का प्रयोग करके केसर की पैदावार करे तो वह ईरान के मुकाबले न सिर्फ काफी सस्ती पडेेगी बल्कि केसर उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर भी बन सकता है। रमेश गेरा ने सेक्टर-63 में केसर उगाने की एक प्रयोगशाला स्थापित की है। उन्होंने यहां 10 मीटर लम्बे तथा 10 मीटर चौड़े कमरे में कृतिक जलवायु के जरिए हाईड्रोपोनिक तकनीक से केसर पैदा करके एक करिश्मा कर दिखाया है। Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room ढाई लाख रूपये किलो बिकती है केसर सेक्टर-25 में रहने वाले सेवानिवृत्त इंजीनियर रमेश गेरा ने चेतना मंच को बताया कि उनकी लैब में पैदा हुई केसर नोएडा में ही आयुर्वेद दवाओं के निर्माता 2.5 लाख प्रति किलो की दर से खरीद कर ले जाते हैं। वहीं हल्दीराम कंपनी भी उनसे केसर लेती है। उनके द्वारा पैदा किये केसर को कश्मीर की शेरे-ए-पंजाब विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने भी शुद्ध केसर का प्रमाण-पत्र दिया है।   कमरे में कैसे करते हैं केसर पैदा कश्मीर जैसी जलवायु को नोएडा में पैदा करके वे कैसे केसर की पैदावार करते हैं ? इसके जवाब में श्री गेरा ने बताया कि वे कमरे को ग्रीन हाउस में तब्दील करते हैं। इसके लिए मशीनों व उपकरण के जरिए कमरे का तापमान न्यूनतम 5 डिग्री तक करते हैं। वहीं आद्रता का स्तर 85-90 तक रखते हैं। चूंकि केसर की खेती के लिए प्रकाश की न्यूनतम आवश्यकता होती है। इसलिए कमरे में प्रकाश की व्यवस्था 200-600 लक्स तक रखते हैं। Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room उन्होंने बताया कि वे मिटटी रहित हाईड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिए केसर की पैदावार करते हैं। कमरे में उन्होंने कई लेयर के मचान बनाये हैं। यहां पर वे कश्मीर से केसर के बल्व (सीडस) लाकर लगाते हैं। 3-4 माह में केसर पूरी तरह तैयार हो जाता है। बाद में वे केसर के बल्व को ग्रोबैग में मिटटी में रख देते हैं जिससे दोबारा बीज तैयार हो सके। नवंबर से जुलाई तक सीडस तैयार हो जाता है। इसके बाद अगस्त से नवंबर तक वे फिर हाईड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिए केसर पैदा करते हैं। उन्होंने बताया कि चूंकि उनका मुख्य पेशा विपरीत जलवायु में केसर पैदा करने के लिए ट्रेनिंग देना है। वे व्यवसायिक व आर्थिक लाभ के लिए यह काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए वे न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों के लोगों को वे अपनी तकनीक की ट्रेनिंग देते हैं। कैसे करें असली केसर की पहचान रमेश गेरा ने बताया कि कश्मीर में जो अधिकांश केसर बाजारों में बिकती है उसमें 90 फीसदी मिलावटी होता है। उसकी पहचान के लिए कांच के ग्लास में एक चुटकी केसर डालें यदि पानी लाल या केसरिया रंग का हो जाए तो केसर मिलावटी है। यदि ये पीला या गोल्डन रंग छोड़े तो समझें केसर असली है। [caption id="attachment_89835" align="aligncenter" width="877"]Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room[/caption]

Noida News : शहर में घूमता आईना

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Kiren Rijiju : मंत्रालय छिनने के बाद रिजिजू ने चलाये व्यंग्य बाण, सीजेआई को किया धन्यवाद

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Kiren Rijiju: Rijiju fired sarcasm after snatching the ministry, thanked the CJI
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:27 AM
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Kiren Rijiju केन्द्र की मोदी सरकार में कानून मंत्रालय का कार्यभार देख रहे किरेन रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड के बीच कई मुददों पर टकराव किसी से छुपा नहीं है। अब रिजिजू से मंत्रालय छीन लिया गया है। इसके बावजूद उनहोंने सीजेआई.(CJI) को धन्यवाद किया है।

Kiren Rijiju

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को हटा कर नया कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल को बनाया गया है। मंत्रालय छिनने के बाद किरेन ने व्यंग्य बाण चलाया है। प्रतिक्रिया में क्या कहा रिजिजू ने जिम्मेदारी बदले जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चन्द्रचूड व अन्य न्यायाधीशों तथा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का उनके समर्थन के लिए आभार जताते हैं। केन्द्रीय मंत्री के रूप में सेवा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुख्य न्यायाधीश समेत पूरी न्याय पालिका को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद। पब्लिक प्लेटफार्म पर लाये टकराव न्यायपालिका व सरकार के बीच लड़ाई कोई नई नहीं है। लेकिन किरेन रिजिजू इस लड़ाई को सार्वजनिक प्लेटफार्म पर ले आए थे। कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर किरेन रिजिजू लगातार सवाल उठा रहे थे। सार्वजनिक तौर पर किरेन न्यायपालिका व न्यायाधीशों को लेकर तंज कसते थे। उन्होंने पूर्व जजों को लेकर भी विवादित बयान दिया था। किरेन के बयानों से सरकार व न्यायपालिका के बीच दूरियां बढऩे लगी थीं। 2018 में पहली बार सडक़ पर आई थी लड़ाई देश में पहली बार सरकार व न्यायपालिका के बीच की लड़ाई सडक़ पर आ गई थी। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस रंजन गोगोई ने कई सवाल खड़े किए थे। न्यायाधीशों का कहना था कि प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। उस समय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद थे। दो साल बाद उन्हें हटाकर रिजिजू को कानून मंत्री बनाया गया था।

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