Site icon चेतना मंच

Delhi news: दिल्ली सरकार ने कक्षाओं में सीसीटीवी लगाए जाने का बचाव किया

Delhi news

Delhi news

Delhi news: दिल्ली सरकार ने सरकारी विद्यालयों की कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने के अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि निजता का अधिकार निरंकुश नहीं है और यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

Delhi news

दिल्ली सरकार के वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ से कहा कि इससे पहले न केवल उच्चतम न्यायालय ने इसी तरह की एक याचिका को खारिज किया है, बल्कि किसी भी माता-पिता ने अपने बच्चों की कक्षाओं में सीसीटीवी लगाने के खिलाफ अधिकारियों से कोई शिकायत नहीं की है।

Advertising
Ads by Digiday

सरकार की ओर से पेश वकील गौतम नारायण ने पीठ के समक्ष अभिवेदन दिया, ‘‘इन विद्यालयों में पढ़ने वाले किसी भी छात्र के माता-पिता से एक भी शिकायत नहीं मिली है। दिल्ली में 728 सरकारी स्कूल में इन्हें (सीसीटीवी) लगाने का प्रस्ताव रखा गया था और 768 में से 601 स्कूल में यह पहले से ही लगाए जा चुके हैं तथा पिछले तीन वर्ष से काम कर रहे हैं।’’

विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के फैसले के खिलाफ ‘दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन’ ने एक याचिका दायर की है, जिसके जवाब में दायर हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा कि सीसीटीवी लगाने का फैसला स्कूल परिसर में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की कुछ खबरों के बाद लिया गया। यह फैसला ‘‘वैध है और अच्छी तरह से सोच-विचार करने के बाद लिया गया है, जो कि सरकारी स्कूल में शिक्षा की प्रक्रिया के हितधारकों यानी छात्रों, अभिभावकों और स्कूलों के कर्मचारियों के व्यापक हित में उठाया गया नीतिगत कदम है।’’

दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि यह निर्णय सितंबर 2017 में यौन शोषण की खबरों के बाद ‘‘बिना सोचे समझे दी गई प्रतिक्रिया’’ नहीं है, बल्कि दो साल से अधिक समय से इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा था।

उसने कहा कि कैमरे लगाए जाने से निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता। अदालत ने इस मामले को 13 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और याचिकाकर्ता को दिल्ली सरकार के रुख पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया। याचिकाकर्ता की पैरवी वकील जय देहाद्राई कर रहे हैं।

दिल्ली सरकार के हलफनामे में कहा गया है, ‘‘कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रमुख कारणों में से एक कारण स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।’’

सरकार ने अपने जवाब में यह भी दलील दी कि निजता का अधिकार निरंकुश नहीं है और सरकार उस पर उचित प्रतिबंध लगा सकती है।

Rajasthan मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत दूध पीने से 27 छात्राएं बीमार

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Exit mobile version