Fastag Vehicles : न्यायालय ने फास्टैग वाले वाहनों से दोगुना टोल टैक्स वसूलने को चुनौती देने संबंधी याचिका पर जवाब मांगा

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Fastag Vehicles: Court seeks response on petition challenging levy of double toll tax from fastag vehicles
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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:00 AM
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Fastag Vehicles :  दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और केंद्र से उस याचिका पर शुक्रवार को जवाब मांगा, जिसमें बिना फास्टैग वाले वाहनों से दोगुना टोल टैक्स वसूलने को अनिवार्य बनाने वाले नियम को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने उस याचिका पर एनएचएआई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को नोटिस जारी किया, जिसमें दलील दी गई थी कि यह नियम भेदभावपूर्ण, मनमाना और जनहित के खिलाफ है क्योंकि यह नकद में भुगतान किए जाने पर एनएचएआई को दोगुनी दर से टोल एकत्र करने का अधिकार देता है।

Fastag Vehicles :

उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 18 अप्रैल तय की। याचिकाकर्ता रविंदर त्यागी ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) संशोधन नियम, 2020 के एक प्रावधान को रद्द करने का अनुरोध किया है। फास्टैग एक ऐसा उपकरण है जिसमें टोल भुगतान करने के लिए ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आईएफआईडी टैग) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। फास्टैग (आरएफआईडी) वाहन के विंडस्क्रीन पर चिपका होता है और ग्राहक को टोल भुगतान सीधे उस खाते से करने में सक्षम बनाता है जो इससे जुड़ा हुआ है। याचिका में कहा गया है कि ये नियम और परिपत्र सभी टोल लेन को 100 प्रतिशत फास्टैग लेन में बदल देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जिन यात्रियों के पास फास्टैग नहीं है, उन्हें टोल राशि का दोगुना भुगतान करना पड़ता है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि नकद में दोगुना टोल चुकाने की मजबूरी के कारण उसे अपनी कार में फास्टैग लगवाना पड़ा। उन्होंने कहा कि फास्टैग लगाने से पहले उन्होंने दोगुनी दर से टोल टैक्स चुकाया था। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने एनएचएआई और मंत्रालय को एक अभ्यावेदन दिया था लेकिन वह जवाब से संतुष्ट नहीं था जिसके बाद उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

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Delhi MCD Election : आप पार्टी ने मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए नामों का ऐलान किया, जानिए किसे दी जिम्मेदारी

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userचेतना मंच
calendar23 Dec 2022 09:47 PM
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देश की राजधानी दिल्ली में Delhi MCD Election के लिए आम आदमी पार्टी के द्वारा मेयर और डिप्टी मेयर के पद के लिये चुने गए व्यक्तियों के नामों का ऐलान कर दिया गया है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने शैली ओबेरॉय को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है और वहीं आले मोहम्मद इक़बाल को डिप्टी मेयर के पद के लिए चुना है। पीएसी की मीटिंग में Delhi MCD Election के लिये मेयर पद और डिप्टी मेयर पद के नामों को चुना गया और इन नामों पर आप पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने मोहर लगाते हुए यह खबर साझा की। यह बैठक शुक्रवार को आयोजित हुई थी जिसमें मेयर और डिप्टी मेयर पद के नामों के अलावा चार स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के नाम भी चुने गए हैं। ये नाम कुछ इस प्रकार से हैं - करावल नगर से पार्षद आमिल मलिक, हरि नगर से पार्षद रमिंदर कौर, सीमापुरी से पार्षद मोहिनी जीनवाल, जंगपुरा से पार्षद सारिका चौधरी।

कौन हैं मेयर पद के लिए चुनी गयीं शैली ओबेरॉय?

Delhi MCD Election के लिए मेयर पद की चुनी गयीं उमीदवार शैली ओबेरॉय 39 वर्ष की हैं और वे दिल्ली के ईस्ट पटेल नगर से पार्षद हैं। इसके साथ साथ वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत भी हैं। उनकी शिक्षा पर अगर नजर डालें तो उन्होंने IGNOU के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से फिलॉसफी में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करी है। वे कॉमर्स एसोसिएशन की लाइफ टाइम सदस्य भी हैं। Delhi MCD Election के मेयर पद का चुनाव 6 जनवरी 2023 में होगा जिसके लिए उमीदवार 27 दिसंबर 2022 तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। राजयपाल वी के सक्सेना के द्वारा इस संदर्भ में नगर निगम की बैठक को बुलाने की मंजूरी भी दे दी गयी है।
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Mehrauli Archaeological Park : महरौली पुरातत्व पार्क में कोई धार्मिक ढांचा नहीं हटाया जाएगा : डीडीए ने अदालत से कहा

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Mehrauli Archaeological Park: No religious structure will be removed in Mehrauli Archaeological Park: DDA told the court
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userचेतना मंच
calendar23 Dec 2022 09:45 PM
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Mehrauli Archaeological Park : दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह महरौली पुरातत्व पार्क के अंदर या आसपास स्थित किसी मस्जिद या कब्रिस्तान को ध्वस्त नहीं कर रहा। डीडीए के वकील ने अदालत के सामने बयान दिया कि प्राधिकरण केवल आवासीय और वाणिज्यिक भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाना चाहता है। डीडीए के वकील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई अंतरिम राहत के बिंदु पर कोई और आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है।

Mehrauli Archaeological Park :

उच्च न्यायालय दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें इस तरह की ध्वस्तीकरण प्रक्रिया पर अंतरिम राहत की मांग की गई है। दिल्ली वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष ने अदालत से विध्वंस पर रोक लगाने का आग्रह किया क्योंकि उस क्षेत्र में बोर्ड की संपत्तियों को लेकर विवाद था जहां उनके सीमांकन की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई थी। डीडीए की तरफ से पेश हुईं अधिवक्ता शोभना तकियार ने कहा कि सीमांकन हो चुका है और प्राधिकरण चाहता है कि कुछ अनधिकृत निर्माण हटाए जाएं। उन्होंने कहा कि पार्क में किसी भी धार्मिक ढांचे को “छुआ” नहीं गया था, केवल आवासीय और वाणिज्यिक अतिक्रमण हटाया जा रहा था। उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल 2023 तय की है।