दिल्ली में पहली बार एसएचओ की नियुक्ति परीक्षा के आधार पर होगा




प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेताओं में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, टीएससी सांसद अबू ताहिर, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी बसीर, सीपीआई महासचिव सय्यद अजीज पाशा और सीपीआईएमएल के सांसद राजा राम सिंह भी शामिल थे। AIMPLB के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने किसानों के कानूनों का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बिल को भी हम उसी तरह वापस करवा सकते हैं जैसे किसानों ने अपनी मांगों को मनवाया था। इलियास ने कहा, "हमारा संघर्ष अभी शुरू हुआ है, और हम इसे कानून बनने से रोकेंगे। अगर सरकार हमारी बात नहीं सुन सकती, तो ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।"
AIMPLB के उपाध्यक्ष उबेदुल्लाह आजमी ने कहा कि वक्फ(Waqf Board) की सुरक्षा भारतीय संविधान द्वारा दी गई जिम्मेदारी है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को वक्फ (Waqf Board)की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने वक्फ भूमि पर कब्जा करने के लिए कानून बना दिया। आजमी ने संविधान और वक्फ की रक्षा के लिए हर संभव संघर्ष की चेतावनी दी। साथ ही, उन्होंने मस्जिदों पर तिरपाल डालने के मामले को भी उठाया और इसे सरकार की नफरत फैलाने वाली नीति बताया।
आजमी ने कहा, "हमें इस देश के लिए कुर्बानियां दी हैं और हम अपनी जड़ों से जुड़े हैं। हम वक्फ(Waqf Board) की सुरक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।"Waqf Board:
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेताओं में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, टीएससी सांसद अबू ताहिर, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी बसीर, सीपीआई महासचिव सय्यद अजीज पाशा और सीपीआईएमएल के सांसद राजा राम सिंह भी शामिल थे। AIMPLB के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने किसानों के कानूनों का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बिल को भी हम उसी तरह वापस करवा सकते हैं जैसे किसानों ने अपनी मांगों को मनवाया था। इलियास ने कहा, "हमारा संघर्ष अभी शुरू हुआ है, और हम इसे कानून बनने से रोकेंगे। अगर सरकार हमारी बात नहीं सुन सकती, तो ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।"
AIMPLB के उपाध्यक्ष उबेदुल्लाह आजमी ने कहा कि वक्फ(Waqf Board) की सुरक्षा भारतीय संविधान द्वारा दी गई जिम्मेदारी है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को वक्फ (Waqf Board)की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने वक्फ भूमि पर कब्जा करने के लिए कानून बना दिया। आजमी ने संविधान और वक्फ की रक्षा के लिए हर संभव संघर्ष की चेतावनी दी। साथ ही, उन्होंने मस्जिदों पर तिरपाल डालने के मामले को भी उठाया और इसे सरकार की नफरत फैलाने वाली नीति बताया।
आजमी ने कहा, "हमें इस देश के लिए कुर्बानियां दी हैं और हम अपनी जड़ों से जुड़े हैं। हम वक्फ(Waqf Board) की सुरक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।"Waqf Board:
