किसानों के लिए 'नो लोन'! लोकसभा में निर्मला सीतारमण क्यों नहीं कर रही खुलकर बात?

Nirmala Sitaraman
Farmers Loan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:58 AM
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Farmers Loan : लोकसभा में किसानों को लोन न मिलने के मामले पर सवाल उठाए गए थे खासकर सिबिल स्कोर के कारण लोन न मिलने की स्थिति पर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सीधे तौर पर यह नहीं बताया कि क्या सरकार को इस समस्या का पता है या नहीं और क्या इसकी जांच की गई है। इसके बजाय निर्मला सीतारमण ने यह बताया कि, सरकार किसानों को कर्ज देने के लिए कई उपाय कर रही है और बगैर बंधक के कर्ज की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है।

सिबिल स्कोर के मुद्दे पर बैंकों को दिया गया अधिकार

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने 2019 में सभी बैंकों को यह निर्देश दिया था कि वे किसानों को तीन लाख रुपये तक का कर्ज बिना किसी प्रोसेसिंग या सेवा शुल्क के दें। इसके अलावा, 2024 में एक और आदेश जारी किया गया, जिसमें बगैर बंधक के कर्ज की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। हालांकि, सिबिल स्कोर के मुद्दे पर बैंकों को यह अधिकार दिया गया है कि वे कर्ज देने के निर्णय में ग्राहकों के पुराने कर्ज की जानकारी के आधार पर फैसला लें।

खराब सिबिल स्कोर की वजह से किसानों को नहीं मिल रहा था कर्ज

पिछले साल महाराष्ट्र में भी यह मुद्दा उठ चुका था, जहां किसानों को खराब सिबिल स्कोर के कारण कर्ज नहीं मिल रहा था। उस समय महाराष्ट्र सरकार ने बैंकों को चेतावनी दी थी कि अगर वे कर्ज देने से इनकार करेंगे, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अब सवाल यह है कि सरकार इस सिबिल स्कोर के मुद्दे का समाधान कब तक निकालेगी और किसानों को लोन मिलने में आ रही इन दिक्कतों को कैसे दूर किया जाएगा।

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रिश्वतखोरी का भंडाफोड़: NHAI के GM घूस लेते गिरफ्तार, करोड़ों बरामद!

Gda 4
CBI :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:08 PM
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CBI : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के महाप्रबंधक (GM) रामप्रीत पासवान को 15 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। वह पटना रीजनल ऑफिस में कार्यरत थे। इस छापेमारी में CBI ने 1.18 करोड़ रुपये नकद भी बरामद किए हैं। सीबीआई (CBI) लंबे समय से NHAI में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

सीबीआई (CBI) की छापेमारी में बड़ा खुलासा

बता दें कि सीबीआई (CBI)  ने रामप्रीत पासवान के ठिकानों पर छापा मारकर भारी मात्रा में नकदी बरामद की है। यह छापेमारी NHAI में भ्रष्टाचार को उजागर करने की एक और कड़ी है। सीबीआई (CBI) पहले भी NHAI अधिकारियों की रिश्वतखोरी के खिलाफ लगातार अभियान चलाती रही है।

पिछले साल भी हुआ था NHAI अधिकारियों पर शिकंजा

पिछले साल जून में सीबीआई  ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में तैनात NHAI के महाप्रबंधक पुरुषोत्तम लाल चौधरी को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस मामले में कुल 6 अन्य आरोपी भी पकड़े गए थे, जिनमें NHAI के सलाहकार शरद वर्मा, रेजिडेंट इंजीनियर प्रेम कुमार सिन्हा और PNC इंफ्राटेक कंपनी के चार कर्मचारी शामिल थे।

MP के घूसकांड में भी फंसे थे अधिकारी

7 आरोपियों समेत 10 संदिग्धों के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने  FIR दर्ज की थी। इन पर आरोप था कि PNC इंफ्राटेक लिमिटेड के डायरेक्टर योगेश जैन और टीआर राव, NHAI के अधिकारियों को रिश्वत देकर अपने प्रोजेक्ट्स में फायदा पहुंचा रहे थे। मार्च 2023 में भी CBI ने मध्य प्रदेश में एक अन्य रिश्वतकांड में NHAI के 6 अधिकारियों समेत प्राइवेट कंपनियों के डायरेक्टर्स को गिरफ्तार किया था। इस छापेमारी में 1.1 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे।

गिरफ्तारी और जब्ती की पुष्टि

इस मामले में गिरफ्तार अधिकारियों की पहचान NHAI के महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक अरविंद काले तथा मध्य प्रदेश के हरदा जिले में कार्यरत उप महाप्रबंधक (DGM) बृजेश साहू के रूप में हुई थी। सीबीआई (CBI) लगातार NHAI में फैले भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है। पटना में हुई ताजा कार्रवाई ने एक बार फिर दिखाया है कि सरकारी महकमों में घूसखोरी अभी भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है।  सीबीआई की यह कार्रवाई भविष्य में अन्य भ्रष्ट अधिकारियों पर भी शिकंजा कसने का संकेत देती है।CBI :

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CAG रिपोर्ट : DTC में कुप्रबंधन, घाटा और करोड़ों का नुकसान!

Gda 2
DTC Buses :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:31 AM
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DTC Buses : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को विधानसभा सत्र में दिल्ली परिवहन निगम डीटीसी (DTC buses)  के कार्यों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह सदन में पेश की जाने वाली तीसरी CAG रिपोर्ट है, जिसमें डीटीसी (DTC buses) के कामकाज की पूरी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में डीटीसी (DTC buses) के ऑडिट में कई गंभीर खामियां सामने आई हैं, जो इस निगम की लगातार बिगड़ती वित्तीय स्थिति को दर्शाती हैं। CAG रिपोर्ट के अनुसार, DTC पिछले कई वर्षों से भारी नुकसान में चल रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस व्यापार योजना या भविष्य की रणनीति तैयार नहीं की गई। इसके अलावा, वित्तीय और परिचालन लक्ष्यों को तय करने के लिए सरकार के साथ कोई समझौता ज्ञापन (MoU) भी नहीं किया गया। रिपोर्ट के इन खुलासों के बाद अब इस मुद्दे पर सदन में हंगामे के आसार हैं।

 डीटीसी (DTC buses) की बसों की संख्या घटी, लेकिन वित्तीय सहायता उपलब्ध थी

CAG रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015-16 में DTC के पास 4,344 बसें थीं, जो 2022-23 तक घटकर 3,937 रह गईं। हालांकि, सरकार से आर्थिक सहायता उपलब्ध होने के बावजूद निगम केवल 300 इलेक्ट्रिक बसें ही खरीद सका। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बसों की आपूर्ति में देरी के कारण 29.86 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूल नहीं किया गया।

 डीटीसी (DTC buses) का बढ़ता घाटा: आंकड़े चौंकाने वाले

CAG रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में DTC का कुल घाटा 25,300 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 में बढ़कर 60,750 करोड़ रुपये हो गया।
  • 2015-22 के दौरान DTC को ₹14,198.86 करोड़ का परिचालन घाटा हुआ।
  • 2015-22 के बीच 668.60 करोड़ रुपये का संभावित राजस्व नुकसान हुआ।
  • DTC की बसें निर्धारित 189-200 किमी के बजाय प्रतिदिन केवल 180-201 किमी ही चलीं।

पुरानी बसों की समस्या

डीटीसी (DTC buses) की पुरानी बसें लगातार एक बड़ी समस्या बनी हुई हैं।
  • 2015-16 में केवल 0.13% बसें ओवरएज (पुरानी) थीं, लेकिन 2023 तक यह बढ़कर 44.96% हो गया।
  • मार्च 2022 तक डीटीसी के पास 656 ओवरएज बसें थीं, जिससे ब्रेकडाउन की घटनाएं बढ़ीं।
  • DTC के बेड़े की तुलना में DIMTS की क्लस्टर बसें बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।

 डीटीसी (DTC buses) के राजस्व में भारी गिरावट

रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 के बाद से बस किराए में कोई वृद्धि नहीं हुई, जिससे निगम की आय प्रभावित हुई।
  • डीटीसी ने विज्ञापन अनुबंधों में देरी की, जिससे संभावित राजस्व का नुकसान हुआ।
  • सरकार से 225.31 करोड़ रुपये की वसूली अभी तक लंबित है।

तकनीकी परियोजनाओं की विफलता

डीटीसी (DTC buses) की कई तकनीकी परियोजनाएं भी निष्प्रभावी साबित हुई हैं।
  • 2017 में लागू की गई स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली (AFCS) 2020 से निष्क्रिय है।
  • 2021 में 52.45 करोड़ रुपये खर्च कर बसों में लगाए गए CCTV कैमरे अब तक पूरी तरह चालू नहीं हुए।

प्रबंधन और आंतरिक नियंत्रण की कमी

CAG रिपोर्ट के अनुसार, डीटीसी में प्रबंधन और आंतरिक नियंत्रण की भारी कमी है।
  • स्टाफ नियोजन की कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई।
  • निर्णय लेने में देरी और वित्तीय प्रबंधन में लापरवाही देखने को मिली।
  • विभागों के बीच समन्वय की कमी रही, जिससे संचालन प्रभावित हुआ।DTC Buses :

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