LOKSABHA NEWS: नई दिल्ली। सरकार ने बताया कि विदेशों में लगभग 12 लाख भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं जिनमें शिक्षा संबंधी सभी पाठ्यक्रम शामिल हैं, हालांकि चिकित्सा पाठ्यक्रम करने वाले भारतीय छात्रों का विशिष्ट आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लोकसभा में एंटो एंटनी, कृपाल बालाजी तुमाने और भावना गवली के प्रश्नों के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने यह जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, विदेशों में लगभग 12 लाख भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं जिनमें शिक्षा संबंधी सभी पाठ्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि, विदेशों में मेडिकल पाठ्यक्रम करने वाले भारतीय छात्रों का विशिष्ट डेटा उपलब्ध नहीं है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिये वर्ष 2017 में 4,54,010 छात्र विदेश गए, वर्ष 2018 में 5,18,015 छात्र, वर्ष 2019 में 5,86,337 छात्र, वर्ष 2020 में 2,59,655 छात्र, वर्ष 2021 में 4,44,553 छात्र और वर्ष 2022 में 7,50,365 छात्र विदेश अध्ययन करने गए।
मंत्री ने बताया कि भारतीय मिशन विभिन्न देशों में भारतीय छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न मंत्रालयों, स्थानीय प्रशासन, विश्वविद्यालयों/संस्थानों सहित संबंधित प्राधिकारियों के साथ नियमित सम्पर्क में हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एक योजना तैयार की है जिसके तहत कोविड-19, रूस-यूक्रेन संघर्ष के आदि के कारण विदेशी चिकित्सा संस्थानों में पढ़ाई छोड़ने वाले भारतीय छात्रों के मुद्दे पर ध्यान दिया गया है।
पवार ने कहा कि ऐसे भारतीय छात्र जो स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और बाद में पढ़ाई पूरी कर ली और जिन्हें 30 जून 2022 को या उससे पहले संबंधित संस्थान द्वारा पाठ्यक्रम/डिग्री पूरा करने का प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया है, उन्हें विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा में बैठने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर ऐसे विदेशी चिकित्सा स्नातकों को क्लिनिकल प्रशिक्षण की भरपायी करने के लिये दो वर्ष की अवधि के लिये अनिवार्य क्रमिक मेडिकल इंटर्नशिप से गुजरना जरूरी होगा।
मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त सूचना के अनुसार, यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों को सुचारू रूप से प्रतिलिपि और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिये यूक्रेन के सभी संबंधित विश्वविद्यालयों से सम्पर्क किया है। इससे संबंधित मुद्दों का हल करने के लिये छात्रों की सहायता करने हेतु दूतावास की वेबसाइट पर विवरण उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, अकादमिक हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत कुल 3,964 भारतीय मेडिकल छात्रों को प्रवेश मिला है। इसके अलावा 170 छात्रों ने अकादमिक मोबिलिटी कार्यक्रम के तहत खुद को नामांकित किया है।
ज्ञात हो कि अकादमिक मोबिलिटी कार्यक्रम विभिन्न देशों में अन्य विश्वविद्यालयों में एक अस्थायी स्थानांतरण है जबकि अकादमिक हस्तांतरण कार्यक्रम एक ही देश या एक अलग देश में पूरी तरह से एक नए मेडिकल कालेज में स्थायी स्थानांतरण है।