नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की धनशोधन के मामले में दाखिल जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन में संलिप्त चार कंपनियों के संबंध जैन से होने के आरोप में पिछले साल 30 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था। इस समय वह तिहाड़ जेल में हैं।
Money Laundering Case
Telecommunication : दुनिया अपनाएगी टेक्नोलॉजी हमारी, अब 6जी की तैयारी
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने ईडी और ‘आप’ नेता की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सत्येंद्र जैन ने इससे पहले अदालत से कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है। वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद उन्हें कैद में रखने की जरूरत नहीं है। ‘आप’ नेता ने पिछले साल 17 नवंबर को निचली अदालत द्वारा दिए फैसले को चुनौती दी। निचली अदालत ने प्रथमदृष्टया जैन के अपराध में संलिप्तता के संकेत मिलने के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था।
Money Laundering Case
Ramzan 2023 रोजेदारों के लिए जारी हुई हेल्पलाइन, मुफ्ती व उलमा-ए-इकराम देंगे सवालों के जवाब
जैन के अलावा निचली अदालत ने सह अभियुक्तों वैभव जैन और अंकित जैन की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा कि जैन ने जानबूझकर अपराध को छिपाया और प्रथमदृष्टया धनशोधन के मामले में दोषी प्रतीत होते हैं। उच्च न्यायालय ने वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत अर्जी पर भी फैसला सुरक्षित कर लिया है। तीनों की जमानत का ईडी ने अदालत के समक्ष विरोध किया।
देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।