Site icon चेतना मंच

New Delhi : राजनीतिक दबाव के कारण कोवैक्सीन को ‘जल्द’ मंजूरी देने संबंधी खबरों को सरकार ने ‘भ्रामक’ बताया

Covaxin

Covaxin

 

New Delhi : नयी दिल्ली, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राजनीतिक दबाव के कारण नियामकों द्वारा कोविड-19 के टीके ‘कोवैक्सीन’ को जल्दी मंजूरी दिए जाने संबंधी खबरों को ‘भ्रामक’ और ‘झूठा’ बताकर बृहस्पतिवार को सिरे से खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि आपात स्थिति में कोविड-19 टीके के उपयोग की मंजूरी देते हुए तय वैज्ञानिक मानकों और नियमों का पालन किया गया। मंत्रालय ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 के स्वदेशी टीके ‘कोवैक्सीन’ का निर्माण करने वाले भारत बायोटेक को राजनीतिक दबाव के कारण ‘‘कुछ प्रक्रियाओं को छोड़ना पड़ा’’ और क्लीनिकल परीक्षण में ‘तेजी’ लानी पड़ी।

Advertising
Ads by Digiday

खबरों में यह भी दावा किया गया है कि टीके के लिए किए गए तीन चरणों के क्लीनिकल परीक्षण में तमाम अनियमितताएं थीं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘मीडिया में आयी यह खबरें पूरी तरह भ्रामक, झूठ और गलत तथ्यों पर आधारित हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि भारत सरकार और राष्ट्रीय नियामक जैसे.. सीडीएससीओ ने आपात स्थिति में कोविड-19 टीके के उपयोग को मंजूरी देने में सभी तय वैज्ञानिक मानकों और नियमों का पालन किया है।’’

केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की एक और दो जनवरी, 2021 को बैठक हुई थी और चर्चा के बाद भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके के ‘नियंत्रित आपात उपयोग’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
जनवरी, 2021 में ‘कोवैक्सीन’ के नियंत्रित आपात उपयोग की अनुमति देने से पहले विषय विशेषज्ञ समिति ने टीके की सुरक्षा और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया था और जनहित में आपात स्थिति में टीके के उपयोग की अनुमति दी थी। एसईसी ने विशेष रूप से कोरोना वायरस के नये स्वरूपों से होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए अधिक विकल्प मुहैया कराने के लक्ष्य से क्लीनिकल परीक्षण मोड में टीके के आपात उपयोग को मंजूरी दी थी।

मंत्रालय ने कहा कि एसईसी ने भारत बायोटेक द्वारा दिए गए वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर और इस संबंध में तय प्रक्रिया का पालन करते हुए टीके के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण को मंजूरी दी थी। वहीं, कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण में जिन ‘अवैज्ञानिक बदलावों’ का खबरों में दावा किया जा रहा है, वे भारत बायोटेक द्वारा सीडीएससीओ को सूचनाएं देने के बाद सीडीएससीओ की प्रक्रिया का पालन करते हुए और डीजीसीआई की मंजूरी से किए गए। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत बायोटेक द्वारा मुहैया कराए गए अतिरिक्त आंकड़ों और सीडीएससीओ के एसईसी द्वारा अंतरिम प्रभावकारिता और सुरक्षा के विश्लेषणों के आधार पर ‘क्लीनिकल ट्रायल मोड’ में कोविड-19 रोधी टीके के उपयोग की शर्त 11 मार्च, 2021 को हटा दी गई।

सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय नियामक ने कोवैक्सीन सहित अन्य कोविड-19 रोधी टीकों की आपात स्थिति में विभिन्न शर्तों और पाबंदियों के साथ उपयोग की अनुमति दी थी। सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति में पलमुनोलॉजी (श्वसनरोग), इम्युनोलॉजी (रोग प्रतिरोधक), माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी, पिड्रियाट्रिक्स (शिशु रोग), इंटरनल मेडिसिन आदि विषय के विशेषज्ञ होते हैं।

Exit mobile version