New Technology :
सैय्यद अबू साद
New Technology : चेतना मंच स्पेशल। हमारे देश के किसान फसल उगाने के लिए अथक मेहनत करते हैं। कोई हल से खेत जोतता है, तो कोई ट्रैक्टर से, तो कोई पैसे बचाने के लिए खुद ही मेहनत करके जुताई, बुवाई व सिंचाई का काम करता है। देश में खेती-किसानी को आसान बनाने के लिए वैज्ञानिक नई-नई तकनीक और मशीनें इजाद कर रहे हैं, जिससे किसान की घंटों की जाने वाली मेहनत को कम किया जा सके और उनकी लागत भी कम आए। लेकिन छात्रा सुहानी चौहान ने किसानों के लिए जो तकनीक विकसित की है, उसका हर कोई दीवाना हो गया है। उन्होंने ऐसे एग्रो व्हीकल का निर्माण किया है, जो सौर ऊर्जा से संचालित होता है और इसके जरिए किसान अब बिना बिजली के खेतों की जुताई, बुवाई और सिंचाई कर सकेंगे।
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कम लागत में होगी कृषि
एमिटी इंटरनेशनल स्कूल पुष्प विहार (दिल्ली) की 11वीं कक्षा की छात्रा सुहानी ने पोर्टेबल उपकरणों के साथ सौर ऊर्जा से चलने वाला यह एग्रो व्हीकल एसओ-एपीटी विकसित किया है। इससे किसान खेतों की जुताई, बीज की बुवाई, दवा का छिड़काव और सिंचाई कर सकते हैं। देश में लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं और यह एग्रो व्हीकल उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में सहायक होगा। वाहन के टॉप पर स्थापित फोटो वोल्टाइक पैनल प्रकाश किरणों को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते है, जो वाहन को संचालित करता है, इसलिए वाहन के संचालन में कोई ईंधन की खपत नहीं होती है और यह स्थाई और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करता है।
विशेष सुविधाएं से लैस व्हीकल
एसओ-एपीटी शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ कृषि उपयोग के लिए एक बहुक्रियाशील और सौर ऊर्जा संचालित वाहन है, जो किसानों के लिए लाभकारी है और इसका उपयोग चारा काटने की मशीन, केन्द्रापसारक पंप, रोशनी और मोबाइल चार्जिंग को संचालित करने के लिए किया जा सकता है। 60 किमी की दूरी को कवर करने की क्षमता के साथ, पूरी तरह से चार्ज बैटरी, 400 किलोग्राम की भार वहन क्षमता और कम व उच्च गति विनियमन जैसे विशेष सुविधाओं के साथ वाहन का उपयोग बीज बुवाई, छिड़काव, सिंचाई, खेत खोदने के लिए किया जा सकता है। वाहन की बैटरी को केवल 5-6 वर्षों के बाद बदलने की आवश्यकता होती है, जिससे यह लंबे समय तक चलती है।
बेहद सस्ता होगा रखरखाव
इसके अतिरिक्त विभिन्न कृषि जरूरतों को पूरा करने की क्षमता इसकी उपयोगिता को उच्च बनाती है। सुहानी का दावा है की पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होने के कारण, वाहन की दैनिक परिचालन लागत लगभग शून्य हो जाती है। कम पुर्जों के कारण रखरखाव लागत भी नगण्य है। यह वाहन कम कीमत पर उपलब्ध होगा और किसानों के लिए किफायती होगा।
किसानों के लिए कुछ अनूठा बनाना चाहती थी
सुहानी चौहान ने बताया कि एक शोध उन्मुख और वैज्ञानिक स्वभाव होने के कारण मैं कुछ अनूठा बनाना चाहती थी जो देश के कृषकों के विकास में योगदान दे सके। मैंने अपने देश में किसानों की परेशानियों को समझा और इसी ने मुझे इस अनोखे कृषि वाहन का अविष्कार करने के लिए प्रेरित किया। लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं और यह वाहन उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में सहायक होगा। जुताई के अलावा जिसमें अधिक मात्रा में ऊर्जा और शक्ति की आवश्यकता होती है, वाहन कृषि के सभी कार्य करता है। हाल ही प्रगति मैदान में आयोजित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 के दौरान एसओ-एपीटी का प्रदर्शन किया गया था।