फरीदाबाद में अवैध कब्जों पर ताबड़तोड़ वार, नेताओं-अफसरों का बसेरा भी जमींदोज




Haryana Election 2024 : हरियाणा के चुनाव में फरीदाबाद (Faridabad) जिले पर सबसे नजर है। फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा की 6 सीटों में से 3 विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा तथा कांग्रेस पार्टी का खेल बिगाड़ रहे हैं। फरीदाबाद की तिगांव सीट पर तो निर्दलीय प्रत्याशी ललित नागर की जीत पूरी तरह से पक्की मानी जा रही है। वहीं फरीदाबाद की बल्लभगढ़, पर्थला तथा एनआईटी विधानसभा सीटों पर भी निर्दलीय प्रत्याशी भारी पड़ रहे हैं।
हरियाणा का फरीदाबाद (Faridabad) लोकसभा क्षेत्र दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश से लगा हुआ क्षेत्र है। हरियाणा के साथ ही साथ दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के नागरिकों की नजर फरीदाबाद की विधानसभा सीटों पर लगी हुई है। उत्तर प्रदेश के अनेक नेता भी हरियाणा में फरीदाबाद की विधानसभा सीटों पर वोट मांग रहे हैं। विश्लेषकों की मानें तो फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की 6 सीटों में से 2 सीटों पर तो भाजपा तथा कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। फरीदाबाद की तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भारी पड़ रहे हैं। एक सीट पर इनेलो ने त्रिकोणीय मुकाबला बना रखा है।
फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र की तिगांव विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई है। तिगांव सीट पर कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता ललित नागर को पूरे विधानसभा सीट के नागरिकों ने पंचायत करके पंचायती प्रत्याशी घोषित किया हुआ है। तिगांव विधानसभा सीट का सर्वे करने वालों का दावा है कि तिगांव सीट पर ललित नागर के पक्ष में लहर चल रही है। आपको बता दें कि 2019 के चुनाव में मुकाबला भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर और कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर के बीच हुआ था। राजेश नागर ने ललित नागर को 33841 मतों के अंतर से हराया था। इस बार भी इन दोनों के बीच ही लड़ाई आमने-सामने होने की उम्मीद थी, पर कांग्रेस ने ललित का टिकट काट कर युवा चेहरे रोहित को टिकट थमा दिया। रोहित नागर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। कहा जाता है कि रोहित नागर को क्षेत्र में कोई पहचान ही नहीं है।
फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र की पर्थला विधानसभा सीट पर भी निर्दलीय प्रत्याशी का बोलबाला नजर आ रहा है। पृथला विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और जाट बहुल है, साथ में राजपूत, ब्राह्मण, मुस्लिम मतदाताओं के साथ ओबीसी व एससी वर्ग के मतदाता भी हैं। यहां पर 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत और कांग्रेस प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। नयनपाल रावत ने तेवतिया को 16424 मतों के अंतर से हराया था। नयनपाल ने विधायक बनकर भाजपा सरकार को पूरे पांच वर्ष समर्थन दिया। वह भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उन्हें टिकट देने की बजाय पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा को दे दिया। टिकट न मिलने के नयनपाल ने फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है। यहां नयनपाल भाजपा तथा कांग्रेस पर भारी नजर आ रहे हैं।
इसी सीट पर यहां कांग्रेस ने जाट समुदाय से प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया को, भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय से टेकचंद शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। निवर्तमान विधायक व निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत राजपूत समाज से हैं, साथ में इनेलो-बसपा गठबंधन प्रत्याशी सुरेंद्र वशिष्ठ भी ब्राह्मण समुदाय से हैं।
एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी मतदाता बराबर पड़ते हैं। यहां पर 2019 में हुए मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना को 3242 मतों से हराया था। नगेंद्र भड़ाना इस बार भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उनकी बजाय टिकट अपने कार्यकर्ता सतीश फागना को दे दिया। वहीं, टिकट न मिलने पर नगेंद्र भड़ाना फिर से इनेलो के हो लिए और अब इनेलो-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर निवर्तमान विधायक कांग्रेस के नीरज शर्मा, भाजपा प्रत्याशी सतीश फागना और इनेलो प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बनता हुआ दिखाई दे रहा है।
बडख़ल विधानसभा (Badkhal Assembly Constituency) क्षेत्र में 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी सीमा त्रिखा के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। इस मुकाबले में सीमा त्रिखा ने विजय प्रताप सिंह को 2545 मतों से जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर धनेश अदलखा को बनाया है।
यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी धनेश अदलखा के बीच सीधा मुकाबला होता हुआ दिखाई दे रहा है। विजय प्रताप सिंह ने पिछला मुकाबला मात्र ढाई हजार मतों के अंतर से ही गंवाया था। भाजपा ने यहां धनेश अदलखा को उतार कर सत्ता विरोधी लहर को कम करने की कोशिश की है। धनेश और विजय प्रताप में आमने-सामने की जबरदस्त टक्कर होगी।
बल्लभगढ़ विधानसभा (Ballabhgarh Assembly) क्षेत्र से 2019 के मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आनंद कौशिक को 41713 मतों के अंतर से हराया था। यह प्रदेश में तीसरी सबसे बड़े अंतर की जीत थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार मूलचंद शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। दो बार की विधायक रही शारदा राठौर यहां से कांग्रेस का टिकट मांग रही थी। पार्टी ने उन्हें टिकट देने की बजाय युवा चेहरे के रूप में पूर्व विधायक योगेश शर्मा की बेटी पराग शर्मा को टिकट दिया है। शारदा राठौर ने चुनावी मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है। इस सीट पर शारदा राठौर भारी पड़ती हुई नजर आ रही हैं।
फरीदाबाद विधानसभा (Faridabad Assembly) क्षेत्र में 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी लखन सिंगला को 21713 मतों के अंतर से हराया था। यहां पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता को बदल कर पूर्व मंत्री विपुल गोयल को बनाया है। कांग्रेस ने इस बार भी लखन सिंगला को ही टिकट दिया है। इस चुनाव में विपुल गोयल और लखन सिंगला के बीच सीधी टक्कर होती हुई दिखाई दे रही है। दोनों ही वैश्य समुदाय से हैं। ऐसे में जो वैश्यों के साथ-साथ पंजाबी वर्ग और स्लम क्षेत्र व कालोनियों में सेंध लगाने में कामयाब रहेगा, वही विजय हासिल करेगा। Haryana Election 2024
Haryana Election 2024 : हरियाणा के चुनाव में फरीदाबाद (Faridabad) जिले पर सबसे नजर है। फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा की 6 सीटों में से 3 विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा तथा कांग्रेस पार्टी का खेल बिगाड़ रहे हैं। फरीदाबाद की तिगांव सीट पर तो निर्दलीय प्रत्याशी ललित नागर की जीत पूरी तरह से पक्की मानी जा रही है। वहीं फरीदाबाद की बल्लभगढ़, पर्थला तथा एनआईटी विधानसभा सीटों पर भी निर्दलीय प्रत्याशी भारी पड़ रहे हैं।
हरियाणा का फरीदाबाद (Faridabad) लोकसभा क्षेत्र दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश से लगा हुआ क्षेत्र है। हरियाणा के साथ ही साथ दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के नागरिकों की नजर फरीदाबाद की विधानसभा सीटों पर लगी हुई है। उत्तर प्रदेश के अनेक नेता भी हरियाणा में फरीदाबाद की विधानसभा सीटों पर वोट मांग रहे हैं। विश्लेषकों की मानें तो फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की 6 सीटों में से 2 सीटों पर तो भाजपा तथा कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। फरीदाबाद की तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भारी पड़ रहे हैं। एक सीट पर इनेलो ने त्रिकोणीय मुकाबला बना रखा है।
फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र की तिगांव विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई है। तिगांव सीट पर कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता ललित नागर को पूरे विधानसभा सीट के नागरिकों ने पंचायत करके पंचायती प्रत्याशी घोषित किया हुआ है। तिगांव विधानसभा सीट का सर्वे करने वालों का दावा है कि तिगांव सीट पर ललित नागर के पक्ष में लहर चल रही है। आपको बता दें कि 2019 के चुनाव में मुकाबला भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर और कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर के बीच हुआ था। राजेश नागर ने ललित नागर को 33841 मतों के अंतर से हराया था। इस बार भी इन दोनों के बीच ही लड़ाई आमने-सामने होने की उम्मीद थी, पर कांग्रेस ने ललित का टिकट काट कर युवा चेहरे रोहित को टिकट थमा दिया। रोहित नागर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। कहा जाता है कि रोहित नागर को क्षेत्र में कोई पहचान ही नहीं है।
फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र की पर्थला विधानसभा सीट पर भी निर्दलीय प्रत्याशी का बोलबाला नजर आ रहा है। पृथला विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और जाट बहुल है, साथ में राजपूत, ब्राह्मण, मुस्लिम मतदाताओं के साथ ओबीसी व एससी वर्ग के मतदाता भी हैं। यहां पर 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत और कांग्रेस प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। नयनपाल रावत ने तेवतिया को 16424 मतों के अंतर से हराया था। नयनपाल ने विधायक बनकर भाजपा सरकार को पूरे पांच वर्ष समर्थन दिया। वह भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उन्हें टिकट देने की बजाय पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा को दे दिया। टिकट न मिलने के नयनपाल ने फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है। यहां नयनपाल भाजपा तथा कांग्रेस पर भारी नजर आ रहे हैं।
इसी सीट पर यहां कांग्रेस ने जाट समुदाय से प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया को, भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय से टेकचंद शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। निवर्तमान विधायक व निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत राजपूत समाज से हैं, साथ में इनेलो-बसपा गठबंधन प्रत्याशी सुरेंद्र वशिष्ठ भी ब्राह्मण समुदाय से हैं।
एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी मतदाता बराबर पड़ते हैं। यहां पर 2019 में हुए मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना को 3242 मतों से हराया था। नगेंद्र भड़ाना इस बार भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उनकी बजाय टिकट अपने कार्यकर्ता सतीश फागना को दे दिया। वहीं, टिकट न मिलने पर नगेंद्र भड़ाना फिर से इनेलो के हो लिए और अब इनेलो-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर निवर्तमान विधायक कांग्रेस के नीरज शर्मा, भाजपा प्रत्याशी सतीश फागना और इनेलो प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बनता हुआ दिखाई दे रहा है।
बडख़ल विधानसभा (Badkhal Assembly Constituency) क्षेत्र में 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी सीमा त्रिखा के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। इस मुकाबले में सीमा त्रिखा ने विजय प्रताप सिंह को 2545 मतों से जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर धनेश अदलखा को बनाया है।
यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी धनेश अदलखा के बीच सीधा मुकाबला होता हुआ दिखाई दे रहा है। विजय प्रताप सिंह ने पिछला मुकाबला मात्र ढाई हजार मतों के अंतर से ही गंवाया था। भाजपा ने यहां धनेश अदलखा को उतार कर सत्ता विरोधी लहर को कम करने की कोशिश की है। धनेश और विजय प्रताप में आमने-सामने की जबरदस्त टक्कर होगी।
बल्लभगढ़ विधानसभा (Ballabhgarh Assembly) क्षेत्र से 2019 के मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आनंद कौशिक को 41713 मतों के अंतर से हराया था। यह प्रदेश में तीसरी सबसे बड़े अंतर की जीत थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार मूलचंद शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। दो बार की विधायक रही शारदा राठौर यहां से कांग्रेस का टिकट मांग रही थी। पार्टी ने उन्हें टिकट देने की बजाय युवा चेहरे के रूप में पूर्व विधायक योगेश शर्मा की बेटी पराग शर्मा को टिकट दिया है। शारदा राठौर ने चुनावी मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है। इस सीट पर शारदा राठौर भारी पड़ती हुई नजर आ रही हैं।
फरीदाबाद विधानसभा (Faridabad Assembly) क्षेत्र में 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी लखन सिंगला को 21713 मतों के अंतर से हराया था। यहां पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता को बदल कर पूर्व मंत्री विपुल गोयल को बनाया है। कांग्रेस ने इस बार भी लखन सिंगला को ही टिकट दिया है। इस चुनाव में विपुल गोयल और लखन सिंगला के बीच सीधी टक्कर होती हुई दिखाई दे रही है। दोनों ही वैश्य समुदाय से हैं। ऐसे में जो वैश्यों के साथ-साथ पंजाबी वर्ग और स्लम क्षेत्र व कालोनियों में सेंध लगाने में कामयाब रहेगा, वही विजय हासिल करेगा। Haryana Election 2024
