फरीदाबाद में अवैध कब्जों पर ताबड़तोड़ वार, नेताओं-अफसरों का बसेरा भी जमींदोज

Faridabad Bulldozar Action
Faridabad News
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 09:58 PM
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Faridabad News : अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण पर प्रशासन का डंडा लगातार सातवें दिन भी चलता रहा। शुक्रवार को वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने मिलकर एक और बड़ा ऑपरेशन चलाया, जिसमें कई अवैध फार्महाउस और निर्माणों को ध्वस्त किया गया। इनमें कुछ फार्महाउस सेवानिवृत्त अधिकारियों और एक प्रमुख राजनेता के करीबी से जुड़े बताए जा रहे हैं जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। यह ध्वस्तीकरण अभियान सुबह 11 बजे से शुरू होकर शाम करीब 6 बजे तक चला। अभियान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रशासन के मुताबिक गुरुवार को छूटे हुए अवैध निर्माणों को शुक्रवार को खत्म कर दिया गया।

ड्रोन से हुई थी अवैध निर्माणों की पहचान

वन विभाग ने बताया कि अरावली क्षेत्र में ड्रोन सर्वे के माध्यम से अवैध निर्माणों की पहचान की गई थी। इसके बाद क्रमवार अभियान चलाकर अब तक 60 से अधिक निर्माणों को जमींदोज किया जा चुका है। अनंगपुर, बड़खल, अनखीर, मेवला महाराजपुर, पाली, सिलाखड़ी, मांगर, सिरोही, भांखरी और गोठड़ा मोहत्ताबाद सहित करीब दर्जनभर गांवों की जमीन पर बने अवैध ढांचों को निशाना बनाया जा रहा है।

कारोबारी के फार्महाउस पर पूरी दिन चली कार्रवाई

गौशाला रोड स्थित एक बड़े कारोबारी के 5 एकड़ में फैले फार्महाउस को गिराने में पूरा दिन लग गया। यह फार्महाउस इतना विशाल है कि कार्रवाई अगले दिन भी जारी रहेगी। वहीं, पास में बने अन्य फार्महाउसों का आधा हिस्सा ही शुक्रवार को गिराया जा सका क्योंकि अंदर रखा सामान हटाया जा रहा था जिससे काम धीमा हुआ।

विरोध में उतरे ग्रामीण

शुक्रवार को जब टीम अनंगपुर गांव की ओर बढ़ी तो करीब 100 ग्रामीण विरोध में इकट्ठा हो गए। पुलिस अधिकारियों को उन्हें समझाना पड़ा कि कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हो रही है, और इसमें रुकावट डालना उचित नहीं होगा। समझाइश के बाद ग्रामीण लौट गए, लेकिन उस क्षेत्र में कार्रवाई फिलहाल टाल दी गई है। आने वाले दिनों में यहां भी बुलडोजर चलने की संभावना है।

6,000 से अधिक निर्माण अवैध घोषित

वन विभाग के अनुसार, अरावली क्षेत्र में करीब 6,000 से अधिक अवैध निर्माण हैं। इनमें सबसे ज़्यादा कब्जे अनंगपुर की राजस्व भूमि पर हैं, जबकि अनखीर, बड़खल और मेवला महाराजपुर में भी बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि यह निर्माण सिस्टम की मिलीभगत से वर्षों से फलते-फूलते रहे लेकिन अब इन्हें हटाने की कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। Faridabad News

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फरीदाबाद में तीन निर्दलीय भाजपा तथा कांग्रेस पर भारी

फरीदाबाद में तीन निर्दलीय भाजपा तथा कांग्रेस पर भारी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:26 AM
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Haryana Election 2024 : हरियाणा के चुनाव में फरीदाबाद (Faridabad) जिले पर सबसे नजर है। फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा की 6 सीटों में से 3 विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा तथा कांग्रेस पार्टी का खेल बिगाड़ रहे हैं। फरीदाबाद की तिगांव सीट पर तो निर्दलीय प्रत्याशी ललित नागर की जीत पूरी तरह से पक्की मानी जा रही है। वहीं फरीदाबाद की बल्लभगढ़, पर्थला तथा एनआईटी विधानसभा सीटों पर भी निर्दलीय प्रत्याशी भारी पड़ रहे हैं।

फरीदाबाद के चुनाव पर सबकी नजर

हरियाणा का फरीदाबाद (Faridabad) लोकसभा क्षेत्र दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश से लगा हुआ क्षेत्र है। हरियाणा के साथ ही साथ दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के नागरिकों की नजर फरीदाबाद की विधानसभा सीटों पर लगी हुई है। उत्तर प्रदेश के अनेक नेता भी हरियाणा में फरीदाबाद की विधानसभा सीटों पर वोट मांग रहे हैं। विश्लेषकों की मानें तो फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की 6 सीटों में से 2 सीटों पर तो भाजपा तथा कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। फरीदाबाद की तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भारी पड़ रहे हैं। एक सीट पर इनेलो ने त्रिकोणीय मुकाबला बना रखा है।

तिगांव सीट पर ललित नागर भारी

फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र की तिगांव विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई है। तिगांव सीट पर कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता ललित नागर को पूरे विधानसभा सीट के नागरिकों ने पंचायत करके पंचायती प्रत्याशी घोषित किया हुआ है। तिगांव विधानसभा सीट का सर्वे करने वालों का दावा है कि तिगांव सीट पर ललित नागर के पक्ष में लहर चल रही है। आपको बता दें कि 2019 के चुनाव में मुकाबला भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर और कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर के बीच हुआ था। राजेश नागर ने ललित नागर को 33841 मतों के अंतर से हराया था। इस बार भी इन दोनों के बीच ही लड़ाई आमने-सामने होने की उम्मीद थी, पर कांग्रेस ने ललित का टिकट काट कर युवा चेहरे रोहित को टिकट थमा दिया। रोहित नागर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। कहा जाता है कि रोहित नागर को क्षेत्र में कोई पहचान ही नहीं है।

पर्थला पर निर्दलीय भारी

फरीदाबाद लोकसभा (Faridabad Lok Sabha constituency) क्षेत्र की पर्थला विधानसभा सीट पर भी निर्दलीय प्रत्याशी का बोलबाला नजर आ रहा है। पृथला विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और जाट बहुल है, साथ में राजपूत, ब्राह्मण, मुस्लिम मतदाताओं के साथ ओबीसी व एससी वर्ग के मतदाता भी हैं। यहां पर 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत और कांग्रेस प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। नयनपाल रावत ने तेवतिया को 16424 मतों के अंतर से हराया था। नयनपाल ने विधायक बनकर भाजपा सरकार को पूरे पांच वर्ष समर्थन दिया। वह भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उन्हें टिकट देने की बजाय पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा को दे दिया। टिकट न मिलने के नयनपाल ने फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है। यहां नयनपाल भाजपा तथा कांग्रेस पर भारी नजर आ रहे हैं।

Haryana Election 2024 :

इसी सीट पर यहां कांग्रेस ने जाट समुदाय से प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया को, भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय से टेकचंद शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। निवर्तमान विधायक व निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत राजपूत समाज से हैं, साथ में इनेलो-बसपा गठबंधन प्रत्याशी सुरेंद्र वशिष्ठ भी ब्राह्मण समुदाय से हैं।

एनआईटी फरीदाबाद क्षेत्र में भी त्रिकोणीय मुकाबला

एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी मतदाता बराबर पड़ते हैं। यहां पर 2019 में हुए मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना को 3242 मतों से हराया था। नगेंद्र भड़ाना इस बार भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उनकी बजाय टिकट अपने कार्यकर्ता सतीश फागना को दे दिया। वहीं, टिकट न मिलने पर नगेंद्र भड़ाना फिर से इनेलो के हो लिए और अब इनेलो-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर निवर्तमान विधायक कांग्रेस के नीरज शर्मा, भाजपा प्रत्याशी सतीश फागना और इनेलो प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बनता हुआ दिखाई दे रहा है।

बडख़ल में आमने-सामने की टक्कर

बडख़ल विधानसभा (Badkhal Assembly Constituency) क्षेत्र में 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी सीमा त्रिखा के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। इस मुकाबले में सीमा त्रिखा ने विजय प्रताप सिंह को 2545 मतों से जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर धनेश अदलखा को बनाया है।

Haryana Election 2024 :

यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी धनेश अदलखा के बीच सीधा मुकाबला होता हुआ दिखाई दे रहा है। विजय प्रताप सिंह ने पिछला मुकाबला मात्र ढाई हजार मतों के अंतर से ही गंवाया था। भाजपा ने यहां धनेश अदलखा को उतार कर सत्ता विरोधी लहर को कम करने की कोशिश की है। धनेश और विजय प्रताप में आमने-सामने की जबरदस्त टक्कर होगी।

बल्लभगढ़ में भी निर्दलीय भारी

बल्लभगढ़ विधानसभा (Ballabhgarh Assembly) क्षेत्र से 2019 के मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आनंद कौशिक को 41713 मतों के अंतर से हराया था। यह प्रदेश में तीसरी सबसे बड़े अंतर की जीत थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार मूलचंद शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। दो बार की विधायक रही शारदा राठौर यहां से कांग्रेस का टिकट मांग रही थी। पार्टी ने उन्हें टिकट देने की बजाय युवा चेहरे के रूप में पूर्व विधायक योगेश शर्मा की बेटी पराग शर्मा को टिकट दिया है। शारदा राठौर ने चुनावी मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है। इस सीट पर शारदा राठौर भारी पड़ती हुई नजर आ रही हैं।

फरीदाबाद में आमने-सामने की लड़ाई

फरीदाबाद विधानसभा (Faridabad Assembly) क्षेत्र में 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी लखन सिंगला को 21713 मतों के अंतर से हराया था। यहां पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता को बदल कर पूर्व मंत्री विपुल गोयल को बनाया है। कांग्रेस ने इस बार भी लखन सिंगला को ही टिकट दिया है। इस चुनाव में विपुल गोयल और लखन सिंगला के बीच सीधी टक्कर होती हुई दिखाई दे रही है। दोनों ही वैश्य समुदाय से हैं। ऐसे में जो वैश्यों के साथ-साथ पंजाबी वर्ग और स्लम क्षेत्र व कालोनियों में सेंध लगाने में कामयाब रहेगा, वही विजय हासिल करेगा। Haryana Election 2024

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सूरजकुण्ड में मेला देखने वालों का पहले ही दिन लगा ताँता, जानिए मेले की पूरी डिटेल

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Surajkund Mela 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Feb 2024 03:31 PM
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Surajkund Mela 2024 : भारतीय हैंडलूम और टूरिज्म की परंपरा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली से सटे फरीदाबाद में हरियाणा पर्यटन द्वारा आयोजित वार्षिक मेला सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला शुक्रवार यानी 2 फरवरी को शुरू हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फीता काटकर किया। 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में गुजरात थीम राज्य है। जो क्षेत्र के विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत का प्रदर्शन कर रहा है।

Surajkund Mela 2024

37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उद्घाटन किया। मेले में पहुंची राष्ट्रपति ने कहा कि आज सूरजकुंड मेला अनेक देशों के हस्तशिल्पियों का महाकुंभ बन गया है। यह हमारी सांस्कृतिक विविधता और परंपरा के साथ-साथ नवीनता का उत्सव है, जो कला और शिल्प सीमाओं को तोड़कर समझ के पुल बनाता हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया उद्घाटन

सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पर्यटन मंत्री कुंवरपाल मौजूद रहे। मेले के 16 दिनों के दौरान 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की उम्मीद है, जो शिल्पकारों और हथकरघा व्यापारियों के लिए आर्थिक दृष्टि से एक बहुत बड़ा मंच साबित होगा। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेला परिसर में हरियाणा के अपना घर पवेलियन का दौरा किया और हरियाणवी संस्कृति की झलक बिखेर रहे शिल्पकारों से रूबरू हुईं। उन्होंने कलाकृतियों के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही मेले के थीम स्टेट गुजरात राज्य के स्टॉलों का अवलोकन करते हुए शिल्पकारों से भी संवाद किया। उन्होंने कहा कि तंजानिया इस वर्ष के मेले का भागीदार देश है। पिछले वर्ष अक्तूबर में तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन से चर्चा के दौरान दोनों देशों की सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक विस्तारित करने के महत्व पर सहमति बनी थी।

पहले दिन ही दिखी भीड़

आपको बता दे कि हरियाणा हरियाणा पर्यटन द्वारा आयोजित सूरजकुंड मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सूरजकुंड मेले में पहुंचे लोगों ने लगभग 50 देशों के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के बारे में जानकारी लेने के बाद खरीदें है। मेले पहले दिन ही लोगों की भीड़ देखने को मिली है।

क्या है सूरजकुंड मेले का महत्व?

सूरजकुंड का अर्थ है 'सूर्य की झील', इसका अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व है। मेले का नाम सूरजकुंड झील के नाम पर पड़ा, जो 10वीं शताब्दी में तोमर वंश के राजा सूरज पाल द्वारा निर्मित एक प्राचीन जलाशय था। हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला की शुरुआत की, जो हर साल फरवरी के महीने में लगता है। यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह से दर्शकों को आकर्षित करता है।

सूरजकुंड मेले में जाने का समय

सूरजकुंड मेले में एंट्री करने का समय सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक निर्धारित किया गया है। अगर आप मेला घूमना चाहते हैं तो 18 फरवरी तक सुबह 10 बजे से शाम सात बजे के बीच मेले में एंट्री कर सकते हैं। इसके बाद एंट्री बंद हो जाएगी।

कहां से मिलेगा टिकट

सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले के टिकट प्रमुख ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफार्मों और आयोजन स्थल पर आसानी से उपलब्ध हैं। टिकट के लिए लोगों को परेशान होने की जरुरत नहीं है। सूरजकंड मेले के टिकट मेला गेट पर भी आसानी से मिल जाएगा।

इतनी है टिकट की कीमत

कार्य दिवस के दौरान यानी सोमवार से शुक्रवार तक, सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले की टिकट की कीमत ₹120 है। सप्ताहांत यानी शनिवार और रविवार को टिकट की कीमत ₹180 है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज के छात्र सप्ताह के दिनों में प्रवेश टिकटों पर 50% छूट का लाभ उठा सकते हैं। बशर्ते वे टिकट खरीदते समय एक वैध आईडी कार्ड पेश करें। आपको बता दें कि सूरजकंड मेले में वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और सैनिक भी प्रवेश टिकटों पर 50% छूट का लाभ उठाने के पात्र हैं।

खरीद सकेंगे 50 देशों के उत्पाद

हरियाणा सरकार के पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए 1987 में पहली बार सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह उत्सव देश में गौरव और प्रमुखता का स्थान ले चुका है। सिन्हा ने कहा कि इस वर्ष लगभग 50 देश इस सूरजकुंड मेले में हिस्सा ले रहे है। Surajkund Mela 2024

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