Srikant Tyagi Case : श्रीकांत त्यागी प्रकरण (Srikant Tyagi Case ) में वैश्य समाज व व्यापारी वर्ग अखिलेश यादव पर हुआ आग बबूला
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 09:52 AM
Noida : नोएडा। सभ्य समाज की एक प्रतिष्ठित महिला के साथ बदतमीजी करने वाले श्रीकांत त्यागी के प्रकरण में एक बार फिर पूरा वैश्य समाज आगबबूला है। वैश्य समाज व व्यापारी वर्ग का सीधा आरोप है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस प्रकरण में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय वैश्य फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के एनसीआर के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
सुनील गुप्ता ने इस बाबत एक खुला पत्र जारी किया है। इसमें में ‘पूछता है वैश्य समाज’ हैसटैग से अखिलेश यादव पर आरोप लगाया गया है कि जो अखिलेश यादव पहले बनिया समाज को गाली देने की निंदा कर रहे थे, वे ही अब यू-टर्न लेते हुए गुंडागर्दी का पर्याय बन चुके श्रीकांत त्यागी के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
अपने खुले पत्र में सुनील गुप्ता ने लिखा है कि श्रीकान्त त्यागी ने सार्वजनिक रूप से वैश्य समाज की बेटी को बेहद गन्दी गालियां देते हुए समस्त बनिया समाज को भी अपशब्द कहे। खुद अखिलेश यादव ने भी बोला था कि बनिया समाज का नाम लेकर अभद्रता की और अब अखिलेश यादव एकदम यू-टर्न मार गए। श्रीकान्त की पत्नी बिना किसी सबूत के खुद ही मनगढं़त आरोप लगा रही है, ताकि उसके पति के आपराधिक इतिहास पर पर्दा डाला जा सके। उसके लिए तो अखिलेश यादव ने प्रतिनिधिमण्डल बना दिया। दूसरी ओर, श्रीकांत त्यागी ने वैश्य समाज की जिस बेटी के साथ सरेआम जातिसूचक शब्द कहकर बेहद गंदी गालियां देने के साथ ही हाथापाई भी की, जिसका वीडियो भी सबूत के तौर पर मौजूद है, उस बिटिया से मिलने या उसके पास प्रतिनिधिमण्डल भेजने की जरूरत महसूस नहीं हुई अखिलेश यादव को?
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30 Nov 2025 09:52 AM
Noida : नोएडा। सभ्य समाज की एक प्रतिष्ठित महिला के साथ बदतमीजी करने वाले श्रीकांत त्यागी के प्रकरण में एक बार फिर पूरा वैश्य समाज आगबबूला है। वैश्य समाज व व्यापारी वर्ग का सीधा आरोप है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस प्रकरण में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय वैश्य फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के एनसीआर के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
सुनील गुप्ता ने इस बाबत एक खुला पत्र जारी किया है। इसमें में ‘पूछता है वैश्य समाज’ हैसटैग से अखिलेश यादव पर आरोप लगाया गया है कि जो अखिलेश यादव पहले बनिया समाज को गाली देने की निंदा कर रहे थे, वे ही अब यू-टर्न लेते हुए गुंडागर्दी का पर्याय बन चुके श्रीकांत त्यागी के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
अपने खुले पत्र में सुनील गुप्ता ने लिखा है कि श्रीकान्त त्यागी ने सार्वजनिक रूप से वैश्य समाज की बेटी को बेहद गन्दी गालियां देते हुए समस्त बनिया समाज को भी अपशब्द कहे। खुद अखिलेश यादव ने भी बोला था कि बनिया समाज का नाम लेकर अभद्रता की और अब अखिलेश यादव एकदम यू-टर्न मार गए। श्रीकान्त की पत्नी बिना किसी सबूत के खुद ही मनगढं़त आरोप लगा रही है, ताकि उसके पति के आपराधिक इतिहास पर पर्दा डाला जा सके। उसके लिए तो अखिलेश यादव ने प्रतिनिधिमण्डल बना दिया। दूसरी ओर, श्रीकांत त्यागी ने वैश्य समाज की जिस बेटी के साथ सरेआम जातिसूचक शब्द कहकर बेहद गंदी गालियां देने के साथ ही हाथापाई भी की, जिसका वीडियो भी सबूत के तौर पर मौजूद है, उस बिटिया से मिलने या उसके पास प्रतिनिधिमण्डल भेजने की जरूरत महसूस नहीं हुई अखिलेश यादव को?
Twin Tower Demolition : दो दिनों बाद शुरू होगा ट्विन टावर के मलबे का निस्तारण
भारत
चेतना मंच
31 Aug 2022 04:45 PM
Noida : नोएडा। सेक्टर-93ए में ध्वस्त हुए ट्विन टावर (Twin tower ) के मलबे का निस्तारण दो दिनों बाद शुरू होगा। यह निस्तारण सेक्टर-80 सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में होगा। ये प्लांट रैमकी कंपनी चला रही है। नोएडा का रोजाना का करीब 250 से 300 मीट्रिक टन मलबे का निस्तारण यहीं किया जाता है। यहां पर करीब 28 हजार मीट्रिक टन मलबे का निस्तारण किया जाएगा।
प्राधिकरण के ओएसडी डाक्टर अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि सुपरटेक और एडीफिस के बीच जो अनुबंध हुआ है, उसके तहत ट्विन टावर का मलबा सीएंडी वेस्ट मैनेजमेंट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एडीफिस की होगी। इसके लिए जो शुल्क लगेगा, वह एडिफिस कंपनी देगी। इसके अलावा सीएंडडी वेस्ट प्लांट में जो भी मलबा निस्तारित होगा, उसका प्रति घनमीटर के हिसाब से खर्चे का वहन सुपरटेक करेगा। बता दें कि सीएंडडी वेस्ट प्लांट में दो प्रोसेसिंग फीस है। पहला यदि मलबा कंपनी खुद उठाती है तो प्रोसेसिंग शुल्क 500 रुपये प्रति घनमीटर और यदि एडिफिस मलबा पहुंचाती है तो सुपरटेक को सिर्फ 156 रुपये प्रति घनमीटर प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा।
दो शिफ्टों में होगा काम:
प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक आरके शर्मा ने बताया कि प्लांट की क्षमता तो 800 मीट्रिक टन की है। लेकिन, नोएडा में मलबा निकलने के हिसाब से निस्तारित कराया जाता है। अब दो शिफ्टों में काम किया जाएगा, जिसके लिए मैन पॉवर को बढ़ाया जा सकता है। इस मलबे से टाइल्स, क्लिंकर, ईंट और अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे।
रोजाना ट्विन टावर की साइट से 250 मीट्रिक टन मलबा डंपर के जरिए साइट पर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 20 डंपर लगाए गए हैं। प्रति डंपर क्षमता 10 से 12 मीट्रिक टन की है। एनजीटी के नियमों का पालन करते हुए इस मलबे को ग्रीन शीट और उस पर पानी डालकर ले जाया जाएगा। ताकि धूल नहीं उड़े।
मलबे को सरिया से अलग करने का काम दोपहर में किया जाएगा। एडिफिस के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि दोपहर में सोसाइटी में लोग कम होते हैं। सरिया निकालने में शोर होगा। इसलिए ऐसे समय को चुना गया है, जिससे लोगों को परेशानी न हो। सरिया को अलग किया जाएगा और उसे अनुबंधति कंपनी को भेजा जाएगा। करीब 4 से 5 हजार मीट्रिक टन सरिया निकलेगा।
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31 Aug 2022 04:45 PM
Noida : नोएडा। सेक्टर-93ए में ध्वस्त हुए ट्विन टावर (Twin tower ) के मलबे का निस्तारण दो दिनों बाद शुरू होगा। यह निस्तारण सेक्टर-80 सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में होगा। ये प्लांट रैमकी कंपनी चला रही है। नोएडा का रोजाना का करीब 250 से 300 मीट्रिक टन मलबे का निस्तारण यहीं किया जाता है। यहां पर करीब 28 हजार मीट्रिक टन मलबे का निस्तारण किया जाएगा।
प्राधिकरण के ओएसडी डाक्टर अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि सुपरटेक और एडीफिस के बीच जो अनुबंध हुआ है, उसके तहत ट्विन टावर का मलबा सीएंडी वेस्ट मैनेजमेंट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एडीफिस की होगी। इसके लिए जो शुल्क लगेगा, वह एडिफिस कंपनी देगी। इसके अलावा सीएंडडी वेस्ट प्लांट में जो भी मलबा निस्तारित होगा, उसका प्रति घनमीटर के हिसाब से खर्चे का वहन सुपरटेक करेगा। बता दें कि सीएंडडी वेस्ट प्लांट में दो प्रोसेसिंग फीस है। पहला यदि मलबा कंपनी खुद उठाती है तो प्रोसेसिंग शुल्क 500 रुपये प्रति घनमीटर और यदि एडिफिस मलबा पहुंचाती है तो सुपरटेक को सिर्फ 156 रुपये प्रति घनमीटर प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा।
दो शिफ्टों में होगा काम:
प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक आरके शर्मा ने बताया कि प्लांट की क्षमता तो 800 मीट्रिक टन की है। लेकिन, नोएडा में मलबा निकलने के हिसाब से निस्तारित कराया जाता है। अब दो शिफ्टों में काम किया जाएगा, जिसके लिए मैन पॉवर को बढ़ाया जा सकता है। इस मलबे से टाइल्स, क्लिंकर, ईंट और अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे।
रोजाना ट्विन टावर की साइट से 250 मीट्रिक टन मलबा डंपर के जरिए साइट पर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 20 डंपर लगाए गए हैं। प्रति डंपर क्षमता 10 से 12 मीट्रिक टन की है। एनजीटी के नियमों का पालन करते हुए इस मलबे को ग्रीन शीट और उस पर पानी डालकर ले जाया जाएगा। ताकि धूल नहीं उड़े।
मलबे को सरिया से अलग करने का काम दोपहर में किया जाएगा। एडिफिस के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि दोपहर में सोसाइटी में लोग कम होते हैं। सरिया निकालने में शोर होगा। इसलिए ऐसे समय को चुना गया है, जिससे लोगों को परेशानी न हो। सरिया को अलग किया जाएगा और उसे अनुबंधति कंपनी को भेजा जाएगा। करीब 4 से 5 हजार मीट्रिक टन सरिया निकलेगा।
Digital Rape : कलियुगी बुड्ढे को मिला आजीवन कारावास 65 साल की उम्र में कर दिया था रेप
भारत
चेतना मंच
31 Aug 2022 03:48 PM
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में पहली बार डिजिटल रेप के मामले में किसी को सजा सुनाई गई है। साढ़े तीन साल की बच्ची से डिजिटल रेप (Digital rape )करने वाले 65 साल के अकबर अली को जिला न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वर्ष 2019 में नोएडा में अकबर ने एक बच्ची को टॉफी आदि का लालच देकर दरिंदगी की थी। अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने अकबर को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
अभियोजन अधिकारी नीटू विश्नोई ने बताया कि 21 जनवरी 2019 में सेक्टर-39 थाने में अकबर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि उसने पड़ोस में रहने वाली एक बच्ची को घर से बाहर खेलते समय लालच देकर बुला लिया। आरोपी ने बच्ची से डिजिटल रेप किया। बच्ची के शोर मचाने पर आरोपी वहां से भाग गया। बच्ची के रोने से परिजनों को बुजुर्ग के दरिंदगी करने की जानकारी हो गई। परिजन की शिकायत पर पुलिस ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा और 17 अप्रैल 2019 को आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान आठ गवाहों ने बयान दर्ज कराए। गवाहों व साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अकबर को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी।
डिजिटल शब्द डिजिट्स शब्द से बना है। डिजिट शब्द का अर्थ है उंगली या अंगूठा। निर्भया केस के बाद कानून में परिवर्तन किया गया। इसमें बच्चियों से हाथ या पैर की उंगली व अंगूठा से भी दरिंदगी को दुष्कर्म माना गया। इसे डिजिटल रेप कहा जाता है। इसी वर्ष नोएडा में 80 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल रेप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, ग्रेनो वेस्ट के प्ले स्कूल में भी कुछ माह पहले बच्ची की शिकायत पर बिसरख कोतवाली में डिजिटल रेप का केस दर्ज किया गया था, लेकिन अभियोजन अधिकारी का कहना है कि जिले में डिजिटल रेप के मामले में नए कानून के अंतर्गत उम्रकैद की सजा पहली बार हुई है। पूर्व में इस तरह के मामले में पुलिस छेड़छाड़ की धारा लगाती थी।
भारत
चेतना मंच
31 Aug 2022 03:48 PM
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में पहली बार डिजिटल रेप के मामले में किसी को सजा सुनाई गई है। साढ़े तीन साल की बच्ची से डिजिटल रेप (Digital rape )करने वाले 65 साल के अकबर अली को जिला न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वर्ष 2019 में नोएडा में अकबर ने एक बच्ची को टॉफी आदि का लालच देकर दरिंदगी की थी। अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने अकबर को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
अभियोजन अधिकारी नीटू विश्नोई ने बताया कि 21 जनवरी 2019 में सेक्टर-39 थाने में अकबर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि उसने पड़ोस में रहने वाली एक बच्ची को घर से बाहर खेलते समय लालच देकर बुला लिया। आरोपी ने बच्ची से डिजिटल रेप किया। बच्ची के शोर मचाने पर आरोपी वहां से भाग गया। बच्ची के रोने से परिजनों को बुजुर्ग के दरिंदगी करने की जानकारी हो गई। परिजन की शिकायत पर पुलिस ने बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा और 17 अप्रैल 2019 को आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान आठ गवाहों ने बयान दर्ज कराए। गवाहों व साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अकबर को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी।
डिजिटल शब्द डिजिट्स शब्द से बना है। डिजिट शब्द का अर्थ है उंगली या अंगूठा। निर्भया केस के बाद कानून में परिवर्तन किया गया। इसमें बच्चियों से हाथ या पैर की उंगली व अंगूठा से भी दरिंदगी को दुष्कर्म माना गया। इसे डिजिटल रेप कहा जाता है। इसी वर्ष नोएडा में 80 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल रेप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, ग्रेनो वेस्ट के प्ले स्कूल में भी कुछ माह पहले बच्ची की शिकायत पर बिसरख कोतवाली में डिजिटल रेप का केस दर्ज किया गया था, लेकिन अभियोजन अधिकारी का कहना है कि जिले में डिजिटल रेप के मामले में नए कानून के अंतर्गत उम्रकैद की सजा पहली बार हुई है। पूर्व में इस तरह के मामले में पुलिस छेड़छाड़ की धारा लगाती थी।