Site icon चेतना मंच

Dadri News : अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है दादरी कस्बा, 20 वर्षों से है बदहाली

Greater Noida News

Dadri town is shedding tears over its plight, it has been in plight for 20 years

Dadri News : : दादरी  इस कस्बे का नाम अपने कई बार सुना और पढ़ा होगा। यह वही कस्बा है जिसे गुर्जर समाज की राजधानी भी कहा जाता है। यहां आज भी किराने की प्रसिद्ध मंडी मौजूद है। आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों के राशन पानी की व्यवस्था इसी कस्बे से होती है। इतनी विशेषताओं वाला यह कस्बा अपनी दुर्दशा पर रो रहा है। यहां के जो हालात 20 वर्ष पहले थे आज भी वही हैं, बल्कि कुछ मामलों में तो हालात और बदतर हुए हैं।

Dadri News :

दादरी के नागरिकों का आरोप है कि इस कस्बे में पैदा होने वाले अनेक नेता प्रदेश में बड़े-बड़े पदों पर आसीन हुए हैं। इस कस्बे के निवासी तेजपाल नागर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से इसी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। सत्तारूढ़ पार्टी का ही यहां की नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर कब्जा है। इस सब के बावजूद कस्बे में गंदगी के अंबार लगे हुए हैं, नालियां टूटी पड़ी हैं, सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, पानी की आपूर्ति राम भरोसे चलती है। अवैध निर्माण तो ऐसे होते हैं जैसे मानो यहां की सड़कें व गलियां अतिक्रमण करने वालों के लिए बाप की जागीर हैं। कस्बे के नागरिक साफ-साफ बताते हैं कि इस कस्बे में जन सुविधा के नाम पर केवल लूट-खसोट होती है। नागरिकों का साफ कहना है कि कस्बे में नेताओं की भरमार की ही तरह समस्याएं भी बेशुमार हैं।

Advertising
Ads by Digiday

इस कस्बे की समस्याओं के समाधान की चिंता किसी भी दल के नेता में नजर नहीं आती है। इस कस्बे में रहने वाले अश्वनी गोयल ने कस्बे की दुर्दशा को बयान करता हुआ एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया है (नीचे देखें पूरा वीडियो) इस वीडियो को अपलोड करके उन्होंने लिखा है कि ”यह गड्ढा दादरी रेलवे स्टेशन के फ्लाईओवर की शुरुआत में स्थित है आज सुबह की घटना है एक व्यक्ति अपना कुछ सामान लेकर जा रहा था ।

 

Dadri News :

व्यक्ति बचते बचाते अपने गंतव्य तक पहुंचना चाहता था किंतु बारिश के कारण उस बेचारे की यह गलती थी कि वह पानी के कारण गड्ढे को नहीं देख पाया जिसकी गहराई  जो लगभग डेढ  फुट गहरा होगा अंदाजा नहीं लगा पाया और अपने सामान समेत उसे उस गलती का खामियाजा के रूप में उस में डुबकी लगानी पड़ी। उसको यह नहीं पता था यह गड्ढा उस समय का है जब फ्लाईओवर तैयार होने जा रहा था।  मुझे याद है एक बार पूरे फ्लाइओवर की एक साइड  को 15 दिनों तक बंद रखा गया था इस गड्ढे की रिपेयर के लिए जिसके बाद सड़क के किनारे पर लगने वाली टाइल्स को बीच रोड में बिछा कर यह आकांक्षा की गई कि वह टाइल बड़े-बड़े ट्रकों गाडिय़ों और आने जाने वाले राहगीरों का वजन झेल पाएगी। देखते हैं और किन-किन लोगों को यह गड्ढा बुलाता है अपने में डुबकी लगाने के लिए जब तक सावधान रहिए सुरक्षित रहिए और गड्ढे में डुबकी लगाने के लिए तैयार  रहिए।

इसमें शासन प्रशासन नगरपालिका और सरकार की कोई गलती नहीं है, गलती उस व्यक्ति की है, जिसने गड्ढे को ध्यान से नहीं देखा और समझा नहीं।
आपका अपना
अश्वनी गोयल

Exit mobile version