Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में बड़ा हत्याकांड, छात्रा की हत्या के बाद छात्र ने खुद को मारी गोली

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Noida News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:58 PM
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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा। थाना दादरी क्षेत्र के शिवनादर विश्वविद्यालय में बड़े हत्याकांड की खबर सामने आ रही है। विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने विश्वविद्यालय में ही पढऩे वाली छात्रा की गोली मारकर हत्या कर दी। छात्रा की हत्या के बाद छात्र ने खुद को भी गोली मार ली है।    

Greater Noida News :

शिवनादर विश्वविद्यालय में आज दोपहर बाद अमरोहा के रहने वाले एक छात्र ने अपनी साथी छात्रा की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद छात्र ने खुद को भी गोली से उड़ा दिया। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में थाना दादरी पुलिस मौके पर पहुंच गयी है। जानकारी के मुताबिक, छात्र और छात्रा के बीच दोस्ती थी । एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि शिवनादर यूनिवर्सिटी में बीए सोसलॉजी के थर्ड ईयर के छात्र अनुज पुत्र लोकेश सिंह निवासी ग्राम सोंगढ़ माफी थाना मंडी धानौरा जनपद अमरोहा  तथा बीए सोसालॉजी थर्ड ईयर छात्रा के बीच दोस्ती थी। दोनों कॉलेज के हॉस्टल में ही रहते थे। आज दोहपर दोनों हॉस्टल से डाईनिंग हॉल में आए। दोनों में आपस में बातचीत हुई। इसके बाद अचानक अनुज ने पिस्टल से लडक़ी के सीने में दो गोली मार दी। घायल लडक़ी को यूनिवर्सिटी के एम्बुलेंस से यथार्थ हॉस्पीटल लेकर पहुंचे जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गोली मारने के बाद अनुज हॉस्टल के कमरा नं0-328 में गया जहां उसने अपनी कनपटी पर पिस्टल लगाकर गोली मार ली। विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की तैयारी चल रही थी, उसी दौरान विश्वविद्यालय परिसर के अंदर ही घटना को अंजाम दिया गया है।दोनों मृतक छात्रों के परिजनों को सूचित किया जा रहा है ।

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Noida Big Breaking News : नोएडा के इंजीनियर का कमाल, कश्मीर में पैदा होने वाली केसर कमरे में उगाई

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Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 May 2023 08:35 PM
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अरुण सिन्हा  Noida Big Breaking News :  नोएडा। नोएडा शहर के सेक्टर-25 में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर रमेश गेरा कश्मीर की वादियों में पैदा होने वाली बेशकीमती औषधि केसर की पैदावार नोएडा के एक छोटे से कमरे में कर रहे हैं। चेतना मंच डॉट कॉम(www.chetnamanch.com)पर श्री गेरा  की इस उपलिब्ध का समाचार प्रकाशित होने के बाद वे सुर्खियों में आ गए हैं। (यहां लिंक को क्लिक करके पढ़ें उनकी उपलब्धियों की खबर)

Noida News : कश्मीर की वादियों में नहीं बल्कि यहाँ कमरे में उगता है केसर…

छोटे से कमरे में केसर की खेती करने का करिश्मा करने वाले इंजीनियर रमेश गेरा से चेतना मंच ने लम्बी बातचीत की है। इस बातचीत में श्री गेरा ने कहा कि भारत में केसर की मांग 60 मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। जबकि कश्मीर में महज 21 मीट्रिक टन केसर ही पैदा होती है। हर साल 40 मीट्रिक टन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए भारत ईरान से केसर आयात करता है। लेकिन आयातित केसर काफी महंगा पड़ता है। यदि भारत सरकार उनकी तकनीक का प्रयोग करके केसर की पैदावार करे तो वह ईरान के मुकाबले न सिर्फ काफी सस्ती पडेेगी बल्कि केसर उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर भी बन सकता है। रमेश गेरा ने सेक्टर-63 में केसर उगाने की एक प्रयोगशाला स्थापित की है। उन्होंने यहां 10 मीटर लम्बे तथा 10 मीटर चौड़े कमरे में कृतिक जलवायु के जरिए हाईड्रोपोनिक तकनीक से केसर पैदा करके एक करिश्मा कर दिखाया है। Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room ढाई लाख रूपये किलो बिकती है केसर सेक्टर-25 में रहने वाले सेवानिवृत्त इंजीनियर रमेश गेरा ने चेतना मंच को बताया कि उनकी लैब में पैदा हुई केसर नोएडा में ही आयुर्वेद दवाओं के निर्माता 2.5 लाख प्रति किलो की दर से खरीद कर ले जाते हैं। वहीं हल्दीराम कंपनी भी उनसे केसर लेती है। उनके द्वारा पैदा किये केसर को कश्मीर की शेरे-ए-पंजाब विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने भी शुद्ध केसर का प्रमाण-पत्र दिया है।   कमरे में कैसे करते हैं केसर पैदा कश्मीर जैसी जलवायु को नोएडा में पैदा करके वे कैसे केसर की पैदावार करते हैं ? इसके जवाब में श्री गेरा ने बताया कि वे कमरे को ग्रीन हाउस में तब्दील करते हैं। इसके लिए मशीनों व उपकरण के जरिए कमरे का तापमान न्यूनतम 5 डिग्री तक करते हैं। वहीं आद्रता का स्तर 85-90 तक रखते हैं। चूंकि केसर की खेती के लिए प्रकाश की न्यूनतम आवश्यकता होती है। इसलिए कमरे में प्रकाश की व्यवस्था 200-600 लक्स तक रखते हैं। Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room उन्होंने बताया कि वे मिटटी रहित हाईड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिए केसर की पैदावार करते हैं। कमरे में उन्होंने कई लेयर के मचान बनाये हैं। यहां पर वे कश्मीर से केसर के बल्व (सीडस) लाकर लगाते हैं। 3-4 माह में केसर पूरी तरह तैयार हो जाता है। बाद में वे केसर के बल्व को ग्रोबैग में मिटटी में रख देते हैं जिससे दोबारा बीज तैयार हो सके। नवंबर से जुलाई तक सीडस तैयार हो जाता है। इसके बाद अगस्त से नवंबर तक वे फिर हाईड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिए केसर पैदा करते हैं। उन्होंने बताया कि चूंकि उनका मुख्य पेशा विपरीत जलवायु में केसर पैदा करने के लिए ट्रेनिंग देना है। वे व्यवसायिक व आर्थिक लाभ के लिए यह काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए वे न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों के लोगों को वे अपनी तकनीक की ट्रेनिंग देते हैं। कैसे करें असली केसर की पहचान रमेश गेरा ने बताया कि कश्मीर में जो अधिकांश केसर बाजारों में बिकती है उसमें 90 फीसदी मिलावटी होता है। उसकी पहचान के लिए कांच के ग्लास में एक चुटकी केसर डालें यदि पानी लाल या केसरिया रंग का हो जाए तो केसर मिलावटी है। यदि ये पीला या गोल्डन रंग छोड़े तो समझें केसर असली है। [caption id="attachment_89835" align="aligncenter" width="877"]Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room Noida Big Breaking News: Noida's engineer's wonder, saffron produced in Kashmir grown in the room[/caption]

Noida News : शहर में घूमता आईना

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Noida News : शहर में घूमता आईना

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Noida News: Mirror roaming in the city
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 May 2023 08:12 PM
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अंजना भागी Noida News :  नोएडा। नोएडा शहर के सेक्टरों की समस्याओं को शासन व प्रशासन तक पहुंचाने के मकसद से आज हम पहुंचे हैं सेक्टर-14 में। यह चेतना मंच  का विशेष अभियान है। इस अभियान का नाम है शहर में घूमता आईना। यह आईना सब कुछ साफ-साफ देखता है और दिखाता भी है। नोएडा शहर के सेक्टरों में रहने वाले नागरिकों की प्रत्येक समस्या को यहां उठाया जाता है।

Noida News :

क्या है सेक्टर-14 की विशेषता नोएडा का सेक्टर-14 देश की राजधानी दिल्ली से लगा हुआ आवासीय सेक्टर है। जब आप दिल्ली की तरफ से नोएडा में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले आपको सेक्टर-14ए नजर आता है। सेक्टर-14ए में केवल सरकारी अधिकारी रहते हैं। सेक्टर-14ए की ठीक बगल में बसा हुआ है सेक्टर-14 यह सेक्टर महंगी संपत्ति वाले सेक्टरों में आता है क्योंकि यह नोएडा में अच्छी सुरक्षा वाला चारदीवारी सेक्टर है। सेक्टर की सड़कें अच्छी तरह से बनी हुई हैं और वातावरण पूरी तरह से ऑक्सीजिनेटिड है। चिकित्सा सुविधा भी आस-पास है। लगभग दो वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में बसे हुए सैक्टर-14 में 112 एमआईजी फ्लैट, 180 एचआईजी फ्लैट तथा 200 वर्गमीटर, 300 वर्गमीटर और 450 वर्गमीटर के प्लॉट हैं। इस सेक्टर में कुल मिलाकर 358 घर और लगभग 1800 की आबादी है। इस सैक्टर के अंदर जाने के लिए चार गेट हैं चारों पर पूरी तरह सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इस सैक्टर के हर कोने पर नजर रखने के लिए 40 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। इन कैमरों के बैकअप के लिए इन्वरटर भी लगा हुआ है। यदि इस सैक्टर को लोकेशन के हिसाब से देखा जाये तो एक तरफ फैला नयाबांस दूसरी तरफ अशोकनगर है। लेकिन गेट के अंदर दाखिल होते ही चारों ओर नैचुरल कूलिंग बिखेरते हुए विशाल वृक्ष हैं। सेक्टर में किसी भी प्रकार की चोरी या उठाईगीरी नहीं होती है। घर के कामों के लिए आने वाली सहायिकाओं के लिए खास परिचय-पत्र (पास) बने हुए हैं और उनकी एंट्री भी सिर्फ एक गेट से होती है। यदि सैक्टर से बाहर कुछ सामान जाना है तो उसे ले जाने वालों के लिए भी पास सिस्टम है और एक गेट नंबर भी तय है। बिजली की वायरिंग अंडरग्राउंड है। इसलिए पेड़ों की कोई छँटाई नहीं। 24 घंटे ऑक्सिजन देने वाले वृक्षों की भरमार है। रख-रखाव बेहतरीन है नोएडा प्राधिकरण किसी भी सैक्टर की मैंटेनेंस के लिए जो भी कार्य करता है। वे यहां भी करता है। यहाँ की आरडब्लूए ने अपना भी पूरा सिस्टम बना रखा है। पूरा सेलरीड सिस्टम जिसमें पूरे स्वस्थ गार्ड्स, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर पार्कों की खूबसूरती के लिए माली, सैक्टर की अपनी कोंपोस्टिंग मशीन जिससे 100 प्रतिशत खाद इस सैक्टर के लोग ही खरीद लेते हैं। यानि पूरा सैक्टर ही पूरी तरह मैंन्टेंड। नोएडा प्राधिकरण जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर देखता है। वहीं इस सैक्टर की आरडब्लूए यहाँ के रेसिडेंट्स को कम फिक्र वाला जीवन मुहैया करवाती है। उसमें भी सबसे महत्वपूर्ण है कि इन कार्यों को करवाने का खर्च भी आरडब्लूए अपने ही रिसोरसेस से निकालती है। पूरा कॉर्पोरेट स्टाइल। इतना ही नहीं यह सैक्टर पूरा 100 प्रतिशत प्लास्टिक फ्री सैक्टर है। सैक्टर में आने वाले रेहड़ी वालों को भी पास दिये गये हैं। उन्हें प्लास्टिक की थैली में सामान देना मना है। फिर भी यदि वे प्लास्टिक इस्तेमाल करते हैं तो पहली बार में उन्हें वार्निंग दी जाती है। दूसरी बार में 500 रुपया फ़ाइन। यदि तीसरी बार देखा गया तो पास छीन लिया जाता है। [caption id="attachment_89822" align="aligncenter" width="963"]Noida News: Mirror roaming in the city Noida News: Mirror roaming in the city[/caption] सेक्टर-14 का सामुदायिक भवन पूरा इस सैक्टर का समुदाय ही इस्तेमाल कर रहा है। इस भवन में सेक्टर के बाहर की शादियाँ नहीं होती। सामुदायिक भवन की पहली मंजिल पर जिम, दूसरी मंजिल पर बैडमिंटन कोर्ट। (सिंथेटिक फलोरिंग वाला)। ओपन एरिया में एक तरफ अत्यंत खूबसूरत पार्क, दो हिस्सों में एक में टेनिस कोर्ट (सिंथेटिक फलोरिंग वाला)। दूसरे हिस्से में बॉस्केट बॉल एंड बॉलीबाल कोर्ट है। सामुदायिक भवन की एंट्रैन्स पर ही आरडब्लूए का ऑफिस ओर लाईब्ररी है जहां बैठकर बच्चे पढाई तथा अन्य कई ऐक्टिविटीज सीखते हैं। यानि के यहाँ रहने वालों के मानसिक और फि़जि़कल हर तरह की सेहत का ध्यान यहाँ की आरडब्लूए कर रही है। नोएडा प्राधिकरण फोगिंग, स्प्रे करके जाता है। लेकिन सैक्टर की अपनी मशीनें भी फॉगिंग तथा स्प्रे आवश्यकता अनुसार करती हैं। [caption id="attachment_89823" align="aligncenter" width="630"]Noida News: Mirror roaming in the city Noida News: Mirror roaming in the city[/caption] फिर भी है समस्याएं सेक्टर-14 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अनिल कुमार त्यागी बताते हैं कि यंू तो उनका सेक्टर एक आदर्श सेक्टर है। फिर भी कुछ स्थाई समस्याएं मौजूद हैं। उनकी सबसे बड़ी समस्या सेक्टर के एक किनारे से बहने वाला दिल्ली का गंदा नाला है। इस नाले से होकर दिल्ली की ढ़ेर सारी गंदगी यहां से गुजरती है उस गंदगी के कारण नाले की तरफ वाले घरों में रहने वाले नागरिकों को बदबू झेलनी पड़ती है। सेक्टर के नागरिकों ने इस समस्या से निजात पाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं, किन्तु यह समस्या अभी भी बनी हुई है। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी बताते हैं कि इसी वर्ष-2023 के जनवरी में फोनरवा (फैडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए) ने नोएडा प्राधिकरण के साथ एक बैठक की थी। बैठक में हमने अपनी कुछ मांगें प्राधिकरण के सामने रखी थीं। जैसे कि सेक्टर में एक बहुत बड़ा पार्क है जिसमें पुराना पम्प हाउस लगा हुआ था उसे हटाकर वहां कुछ आकर्षक हट्स......... बना दी जाएं। पुराना सैक्टर है इसलिए पानी की पाइप लाइन भी पुरानी हो गई है उसे अब बदल दिया जाए। सैक्टर के गेट नंबर-1 और नंबर-2 पर टाइल्स लगा दी जाएं। आरडब्ल्यूए का परिचय सैक्टर-14 की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अनिल कुमार त्यागी, उपाध्यक्ष सुधीर नंदराजोग, महासचिव शमामा अनीस, कोषाध्यक्ष अर्चना सिंघल, सह सचिव जसविंदर गंभीर तथा कार्यकारिणी में संगीता महेंद्रु, सुशील अग्रवाल, पवन चड्ढा, रघु टंडन, रोज़ा बसंती, सुरेखा गुप्ता, अल्का अग्रवाल, शिवेंद्र द्विवेदी, के.के. माथुर, रवि कौल, मुकेश गुप्ता, मेघा डोगरा, बसंत सोनी व वंदना जैन शामिल हैं।

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