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Greater Noida News : भ्रष्टाचार की ‘बरगद’ हैं गौतमबुद्ध नगर की तीनों अथॉरिटी : कर्मबीर नागर

Karamveer Nagar

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Greater Noida : ग्रेटर नोएडा। ‘जिस ट्विन टावर को गिराकर कर सरकार इसे भ्रष्टाचार पर बहुत बड़ी जीत समझकर अपनी पीठ थपथपा रही है, उन्हें बता दूं ये जुड़वा इमारत तो उस भ्रष्टाचार रूपी बरगद की टहनियां भी नहीं उसकी मात्र पत्तियों के बराबर हैं।’ यह कहना है बिसरख के पूर्व ब्लाक प्रमुख कर्मबीर नागर का। उन्होंने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में स्थित तीनों प्राधिकरण भ्रष्टाचार रूपी बरगद हैं, जिनकी जडे़ं ही भ्रष्टाचार पर टिकी हैं।

कर्मबीर नागर ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर के किसानों की जमीनें अर्जेंसी क्लॉज लगाकर जबरदस्ती छीन लीं गईं। बहाना बनाया गया कि जमीनें औद्योगिक विकास के लिए ली जा रहीं हैं। यहां पर उद्योग लगेंगे, लोगों को रोजगार मिलेंगे, लेकिन वो सारी भूमि उद्योग लगाने के बजाय बिल्डरों को फ्लैट बनाने के लिए दे दी गईं। किसानों से 200-300 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से ली गईं। बिल्डरों को 10 से 15 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर के रेट से दी गईं और बिल्डरों ने 40 से 50 हजार रुपये की दर से बेच दीं। यानि प्राधिकरण के चपरासी से लेकर सरकार में बैठीं मुख्यमंत्री तक कद और पद के हिसाब से खूब कमीशन बंटा, दोनों हाथों से खुलकर लूट हुई। जिस किसान की जमीन ली गई, उसे उतना भी नहीं मिला, जितना प्राधिकरण के चपरासी को मिला। श्री नागर का कहना है कि किसान चुपचाप शोषण सहते रहे। कुछ जागरुक किसानों ने कहा, ये तो गलत हो रहा है और वो हाईकोर्ट चले गये।

पूर्व ब्लाक प्रमुख ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्राधिकरण द्वारा खरीदी गई 39 गांवों की जमीनों के अधिग्रहण को रद्द कर दिया और किसानों की जमीनें वापस करने का आदेश दिया। फिर प्राधिकरण के अफसरो ने एक तरकीब अपनाई और किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा देकर शांत करा दिया। किसान तो खैर शांत हो गए, लेकिन क्या उन अधिकारियों और नेताओं का अपराध भी माफ हो गया, जिन्होंने ये बंदरबाट किया था? आखिर आज तक उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

इस प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण के 26 अधिकारियों के खिलाफ चार अक्टूबर 2021 को एफआईआर दर्ज की गई थी, किंतु वे सभी खुले में घूम रहे हैं। घोटालों और भ्रष्टाचार से अरबों रुपये कमाकर पहले की तरह विलासितापूर्ण जिंदगी बिता रहे हैं। क्योंकि उन्हें मालूम है कि उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के स्तर पर शायद ही किसी भ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई हुई हो। हां, एक दो मामलों में केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने जरूर कार्रवाई की है। ट्विन टावर ध्वस्त होना कोई जश्न मनाने का मौका नहीं है, अपितु बहुत ही शर्मनाक घटना है, जिसमें देश का हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है।

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