Greater Noida: (चेतना मंच)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आज सैकड़ों की संख्या में किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों में प्राधिकरण के अधिकारियों के बर्ताव को लेकर भारी नाराजगी है। खासकर बीते दिनों हुई बोर्ड बैठक में किसानों के मुआवजे में की गई वृद्घि से किसान बेहद नाराज हैं। किसानों ने प्राधिकरण पर भोले-भाले किसानों के साथ छल करने का आरोप लगाया है। किसानों द्वारा 23 अप्रैल को किसान जागरूकता के लिए अलग-अलग गांवों में मोटरसाइकिल रैली निकाली गई थी।
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किसान विरोधी नीतियों के विरोध में किया जा रहा प्रदर्शन
किसानों के 10 फीसदी आबादी प्लाट आबादियों की लीजबैक, मुआवजा वृद्धि रोजगार एवं अन्य मांगों को लेकर प्राधिकरण पर महापड़ाव डाला जा रहा है। किसान सभा एवं क्षेत्र के अन्य सभी किसान संगठन एवं विपक्षी राजनीतिक पार्टियां प्राधिकरण की तानाशाही पूर्ण और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान सभा की 50 गांव की कमेटियां आज किसान महापड़ाव में महिलाओं बच्चों पुरुषों सहित प्राधिकरण पर अपनी समस्याओं के हल होने तक महापड़ाव डालेगी।
जहां 4 गुना वृद्धि होनी थी वहां दोगुना से भी कम हुई है
नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू हुए 9 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। अंतिम बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नए कानून के लागू होने के बाद वर्ष 2014 में मुआवजा वृद्धि की थी। जिस समय नया कानून लागू हुआ था उस वक्त प्राधिकरण में 1560 रूपए प्रति वर्ग मीटर का मुआवजा था, नए कानून के अनुसार प्राधिकरण को सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा जो 1560 रूपए से गुणा करने पर 6200 बैठता है घोषित करना था परंतु प्राधिकरण ने किसानों के साथ छल करते हुए मुआवजा राशि में मात्र 940 रूपए की वृद्धि कर 2500 प्रति वर्ग मीटर ही किया था इस तरह मुआवजा वृद्धि जहां चार गुना होनी थी वहां दोगुना से भी कम हुई।
गांवों में कॉलोनाइजर द्वारा इस दर में खरीदी जा रही जमीन
किसानों का कहना है कि प्राधिकरण ने नोटिफाइड 202 गांवों में ग्राम पंचायत खत्म करवा दी। जिससे कि प्राधिकरण को सर्किल रेट का 2 गुना मुआवजा ही देना पड़े। इतना ही नहीं प्राधिकरण ने साजिश करते हुए पिछले 9 वर्षों में गांवों की जमीनों के सर्किल रेट नहीं बढऩे दिए। इस तरह किसान 2 गुना 4 गुना तो छोडि़ए बाजार भाव से भी वंचित कर दिए गए। क्षेत्र के गांवों में कॉलोनाइजरों द्वारा 6000 से लेकर 15000 रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीनों की खरीद हो रही है। इस तरह बाजार भाव 6000 रूपये से कम नहीं है। नए कानून के अनुसार गांवों में 4 गुना मुआवजा 24000 रूपये प्रति वर्ग मीटर बैठता है जिसकी मांग किसान सभा द्वारा लंबे समय से की जा रही है।
13 हजार किसान 10 पर्सेंट आबादी प्लॉट से हैं वंचित
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि प्राधिकरण वादाखिलाफी करते हुए 10 फीसदी आबादी प्लाट देने से मुकर गया है। क्षेत्र के 13000 किसान परिवार 10 फीसदी आबादी प्लाट से वंचित हैं। इसी तरह बिना बताए 254 प्रकरणों में आबादियों की लीज बैक रद्द कर दी गई है। इतना ही नहीं नए भूमि अधिग्रहण कानून का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है और मुआवजा राशि मनमाने ढंग से अत्यंत कम दर पर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता अब रहे यही प्रदर्शन करते रहेंगे। Greater Noida
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