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PM नरेन्द्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट बनवा रही है रितु माहेश्वरी, प्रोजेक्ट ग्रेटर नोएडा में ले रहा है आकार

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Greater Noida : PM नरेन्द्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट इन दिनों ग्रेटर नोएडा में बड़ा आकार ले रहा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए नोएडा शहर, ग्रेटर नोएडा शहर, यमुना सिटी एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे शहरों के उद्योगों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। दरअसल यहां के उद्योगों का माल मुंबई अथवा गुजरात तक पहुंचने में हफ्ते भर का समय लग जाता है। साथ ही माल ढुलाई का खर्च भी अधिक आता है। इस नए प्रोजेक्ट शुरू होते ही उद्योगों का माल 24 घंटे में मुंबई व गुजरात तक पहुंच जाएगा।

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क्या है परियोजना ?

PM नरेन्द्र मोदी की अनेक योजनाओं में एक प्रमुख योजना का नाम दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर है। इस कॉरिडोर के मार्ग का सबसे अहम पड़ाव ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टक हब बन रहा है। यहां से पूरे देश में उद्योगों का कच्चा माल व तैयार प्रोजेक्ट पहुंचाए जाएंगे। अब इस हब को दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जोड़ा जा रहा है। इसे जोडऩे के काम पर 858 करोड़ रूपए खर्च होंगे।

एक कदम और बढ़ी योजना

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी व डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (IITGNL) की प्रबंध निदेश्का श्रीमती रितु माहेश्वरी ने बताया कि डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशीप ग्रेेटर नोएडा लिमिटेड (IITGNL) की मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब (MMHL) परियोजना अपने मूर्त रूप में आने की तरफ एक कदम और बढ़ी है। इस परियोजना के अंतर्गत वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर के न्यू दादरी स्टेशन से एमएमएलएच तक करीब 3 किलोमीटर लाइन की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को डीएफसीसीआईएल (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) ने भी मंजूरी दे दी है। इस रेल लाइन का निर्माण कार्य डीएफसीसीआईएल के द्वारा ही करवाया जायेगा। करीब 858 करोड़ रुपये की इस परियोजना को बनाने के लिए डीएफसीसीआईएल शीघ्र ही टेंडर जारी करने जा रहा है।

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माल ढुलाई की राह होगी आसान

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मद्देनजर उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के साथ पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। वर्तमान में मुंबई, गुजरात आदि जगहों पर उद्योगों का माल जाने में चार से पांच दिन लगता है। एमएमएलएच परियोजना शुरू होने के बाद माल 24 घंटों से कम समय में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे। वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का पहला स्टेशन “न्यू दादरी” ग्रेटर नोएडा में ही स्थित है। इस स्टेशन से एमएमएलएच को जोड़ने के लिए करीब 3 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण होना है। करीब 823 एकड़ में प्रस्तावित इस रेल लाइन को बनाने की कुल लागत करीब 858 करोड़ रुपये है। इसे बनाने की जिम्मेदारी डीएफसीसीआईएल को दी गई है।

परियोजना की डीपीआर को मिली मंजूरी

आईआईटीजीएनएल ने इस परियोजना की डीपीआर को पहले ही अप्रूव कर दी है। अब डीएफसीसीआईएल ने भी इस परियोजना की डीपीआर को मंजूरी दे दी है। अब डीएफसीसीआईएल इसे बनाने वाली कंपनी का चयन करने के लिए टेंडर जल्द जारी करने जा रहा है। चयनित कंपनी ही इस रेलवे लाइन को बनाएगी। एमएमएलएच के रेल यार्ड में 16 प्लेटफॉर्म होंगे, जिनसे उद्योगों का माल आसानी से मालगाडिय़ों में लोड हो सकेगा और अपने गंतव्य तक कम समय में पहुंच सकेगा। वहीं, रेलवे लाइन के साथ ही लॉजिस्टिक हब को अमली जामा पहनाने वाली कंपनी का चयन करने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से जल्द ही बिड निकाली जाएगी। करीब 2500 करोड़ रुपये की लॉजिस्टिक हब परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई भी लगभग पूरी हो चुकी है।

श्रीमती रितु माहेश्वरी ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की। लॉजिस्टिक हब को आसपास के प्रमुख मार्गों से रोड कनेक्टीविटी देने पर काम शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। Greater Noida

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