Greater Noida तुस्याना भूमि घोटाले के मुख्य मास्टर माइंड कैलाश भाटी के विद्वान अधिवक्ता अदालत के सामने अपने घोटालेबाज मुवक्किल के लिए खूब गिड़गिड़ाए। उन्होंने गिड़गिड़ाकर कहा कि मॉय लॉर्ड हमारा मुवक्किल तुस्याना प्रकरण में बेकसूर है। अदालत ने कोर्ट में पेश सबूतों को आधार मानकर घोटालेबाज के वकील की कोई दलील नहीं सुनी और जमानत याचिका रदद कर दी।
Greater Noida
सब जानते हैं कि ग्रेटर नोएडा के तुस्याना में 175 बीघे बंजर (सरकारी जमीन) की खुल्लम-खुल्ला बंदरबांट हुई है। इस जमीन का 142 करोड़ मुआवजा भू-माफिया तो हड़प ही गए। साथ ही इस जमीन के बदले 6 प्रतिशत आबादी की जमीन के नाम पर ग्रेटर नोएडा की प्राइम लोकेशन पर बेशकीमती जमीन हड़प कर मॉल भी बना डाला। इस प्रकरण में घोटाले का मुख्य मास्टर माइंड कैलाश भाटी व उसके दो गुर्गे भी जेल में हैं। कैलाश भाटी की जमानत अर्जी गौतमबुद्धनगर के अपर जिला जज डा0 अनिल कुमार सिंह ने खारिज कर दी है। (पढ़ें पूरी खबर)
जमानत याचिका सुनने के लिए अपर जिला जज ने लम्बा समय लगाया। इस दौरान घोटालेबाज कैलाश भाटी के विद्वान अधिवक्ता अदालत के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए। उन्होंने अदालत से कहा कि हमारे मुवक्किल ने कोई अपराध नहीं किया है। इस मामले की एफआईआर में हमारे मुवक्किल का कहीं जिक्र नहीं है। इतना ही नहीं कैलाश भाटी के अधिवक्ता ने पूरा मामला उस वक्त ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात रहे मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमारमण की तरफ भी धकेलने की कोशिश की।
अधिवक्ता ने कहा कि कैलाश ने केवल उच्च अधिकारी यानी सीईओ के आदेश का पालन किया था। उसने अपनी तरफ से कुछ भी गलत नहीं किया है। अदालत ने इस प्रकरण (मुकदमें) की फाइल पर मौजूदा पुख्ता सबूतों का हवाला देते हुए आरोपी कैलाश भाटी के वकील की एक भी दलील को सही नहीं माना और जमानत याचिका खारिज कर दी। चेतना मंच शीघ्र ही आपको इस घोटाले की एक-एक कड़ी के विषय में विस्तार से समझाएगा।
National News: संसद सत्र शुरू होने से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक
देश दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।