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Nithari Kand : निठारी कांड : जेल में बंद पंढेर को रिहाई के “परवाने” का इंतजार

Nithari Kand

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ग्रेटर नोएडा। देश के चर्चित निठारी कांड (Nithari Kand ) में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बरी किये गये मोहिंदर सिंह पंढेर  (Mohinder Singh Pandher) को लुक्सर जेल से अपनी रिहाई का इंतजार है। हाईकोर्ट ने पंढेर को दो मामलों में बरी किया है जिनमें से एक की रिहाई का परवाना जेल पहुंच चुका है।

2006 में हुआ था निठारी कांड

आपको बता दें कि नोएडा शहर में देश-दुनिया को दहला देने वाला निठारी कांड हुआ था। इस मामले में पुलिस ने मोहिंदर सिंह पंढेर (Mohinder Singh Pandher) और उसके नौकर सुरेन्द्र कोली  (Surendra Koli) को गिरफ्तार किया था। इस चर्चित कांड में गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में सुरेन्द्र कोली (Surendra Koli) को 14 मामलों में तथा मोहिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी। लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंढेर को दो मामलों में बरी कर दिया। जबकि उसके नौकर सुरेन्द्र कोली (Surendra Koli)  को भी 14 मामलों में बरी कर दिया। कोली अभी दो मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहा है। अदालत से बरी होने के बाद मोहिंदर सिंह पंढेर की रिहाई लुक्सर जेल से अभी तक नहीं हुई है।
लुक्सर जेल के सुपरिडेंट अरूण प्रताप सिंह ने बताया कि पंढेर की रिहाई के लिए एक परवाना बुधवार रात लुक्सर जेल पहुंच चुका है। जबकि एक अन्य मामले में अभी तक परवाना नहीं आया है। पंढेर के परिजनों ने अभी तक जेल प्रशासन से अभी तक संपर्क नहीं किया है। जिस मामले में पंढेर का परवाना जेल प्रशासन को मिला है उस मामले में पंढेर पर 4 हजार रू0 का जुर्माना भी लगाया गया है। इस जुर्माने को पंढेर के परिजनों ने न तो अदालत में और न ही जेल प्रशासन को जमा कराया है।
उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम तक दूसरे मामले में रिहाई का परवाना जेल प्रशासन के पास पहुंच जाएगा जिसके बाद मोहिंदर सिंह पंढेर (Mohinder Singh Pandher) की रिहाई संभव हो पाएगी।

निठारी पीडि़तों पर नजर

पंढेर और कोली को हाईकोर्ट (High Court) से बरी किए जाने के फैसले का निठारी के पीडि़त विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर ग्रेटर नोएडा में स्थित लुक्सर जेल के आसपास पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है। पुलिस को आशंका है कि पंढेर की रिहाई के दौरान निठारी कांड के पीडि़त परिजन जेल के बाहर आकर प्रदर्शन कर सकते हैं। इसको लेकर निठारी पीडि़तों पर जेल व पुलिस प्रशासन की नजर है।

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