नोएडा/ग्रेटर नोएडा/जेवर। अपने आसपास आप ने अनेक अस्पताल देखे होंगे। इनमें से कुछ अस्पताल तो सरकारी कायदे कानून पूरे करके बनाए जाते हैं, किन्तु ढ़ेर सारे अस्पताल ऐसे हैं जो सारे नियम कानून तोडक़र बस केवल धन कमाने के लिए बना लिए गए हैं। ऐसा ही एक अस्पताल जेवर कस्बे में है। यह अस्पताल पूरी तरह से अवैध ढंग से बनाया गया है। एक भी सरकारी कायदे कानून का इस अस्पताल में पालन नहीं किया जाता है। इस अस्पताल की पोल तब खुली जब इस अस्पताल में गए एक 6 वर्षीय मासूम बच्चे को अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े। अस्पताल के मालिकों की गलती से बच्चा जीवन भर के लिए दोनों हाथों से अपंग हो गया है।
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बेहद दर्दनाक घटना
आपको बता दें कि जेवर कस्बे में आरआर सर्विस रोड पर चौधरी मेडिकेयर अस्पताल स्थापित है। 23 जून को इस अस्पताल में दस्तमपुर गांव के रहने वाले सौरभ की पत्नी सीमा की डिलीवरी हुई थी। घर में नया मेहमान (बच्चा) आने से पूरे परिवार में खुशियां मनाई जा रही थीं। इसी खुशी में शरीक होने के लिए 6 वर्ष का बच्चा माधव चौहान अपने पिता योगेश के साथ अस्पताल गया था।
दरअसल सीमा माधव की बुआ हैं। वह बच्चा अपनी बुआ व नवजात शिशु को देखने गया था। बुआ व शिशु से मिलकर यह बच्चा माधव अस्पताल की बालकनी में खेल रहा था। उस बालकनी के ठीक ऊपर बिजली की 11 हजार वोल्टेज (हाईटेंशन) की लाइन जा रही है। अचानक मासूम माधव उस बिजली की लाइन की चपेट में आ गया। बिजली का करंट इतना भयंकर था कि मासूम बच्चे को दोनों हाथ तुरंत बस्ट (फट गए) हो गए। खुशी के माहौल में चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।
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एम्स में काटने पड़े बच्चे के दोनों हाथ
परिवार वाले अपने कुछ मित्रों की मदद से आनन-फानन में बच्चे को ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल सांईस (एम्स) में ले गए। मासूम माधव के पूरे शरीर में जहर फैलना शुरू हो गया था। उसकी जान बचाने के लिए एम्स के डाक्टरों को मासूम बच्चे माधव के दोनों हाथ काटने पड़े। अब यह बच्चा जीवन भर के लिए दोनों हाथों से अपंग हो गया है।
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पुलिस ने किया रफा-दफा
इस दर्दनाक हादसे ने एक भरे पूरे परिवार की सारी खुशियां छीन ली हैं। जिसने भी इस घटना के विषय में सुना है वहीं दु:खी हो रहा है। उधर जेवर थाने की पुलिस ने माधव के पिता योगेश से एक तहरीर लिखवाकर मात्र धारा-338 जैसी आईपीसी की एक साधारण सी धारा में मामला दर्ज करके खानापूर्ति कर ली है। आपको बता दें कि धारा-338 लापरवाही के कारण हुई दुर्घटना की धारा है। पुलिस को पता है कि इस धारा से अस्पताल के मालिक का कुछ भी बिगडऩे वाला नहीं है।
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बिजली लाइन के नीचे नहीं हो सकता है निर्माण
सब जानते हैं कि सरकार ने यह नियम बना रखा है कि 11 हजार वोल्टेज की विद्युत लाइन के नीचे या उसके निकट कोई भी निर्माण कार्य करना गैर कानूनी व अवैध कार्य है। चौधरी मेडिकयर अस्पताल वर्षों से 11 हजार वोल्टेज की विद्युत लाइन के नीचे ही बना हुआ है। इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद भी इस अवैध अस्पताल के विरूद्ध कोई कार्यवाही न होना सर्वत्र चर्चा का विषय बना हुआ है।
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