Greater Noida News : आज शाम सीएम करेंगे प्रदेश के पहले डाटा सेंटर का शुभारंभ

Yogi ji
CM will inaugurate the state's first data center this evening
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 Oct 2022 06:34 PM
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Greater Noida : ग्रेटर नोएडा। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम को करीब 4.30 बजे प्रदेश के पहले डाटा सेंटर पार्क का उद्घाटन करेंगे। करीब 5 हजार करोड़ रूपये की लागत से हीरानंदानी समूह ने 3 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में इस डाटा सेंटर को विकसित किया हैं। यह दीगर बात है कि यह डाटा सेंटर निर्धारित अवधि से तीन माह बाद तैयार हुआ है। इस डेटा सेंटर की पहली बिल्डिंग को 'योटा डी-10 नाम दिया गया है। डिजिटल युग में सोशल नेटवर्किंग कंपनियां अपने सारे यूजर का डाटा, सारी इनफार्मेशन अपने बनाये डाटा सेंटर में ही रखते हैं। इन डाटा सेंटर पर हजारों की संख्या में ढेरो सर्वर होते हैं। इन सर्वर की इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्पीड भी गीगाबाइट या टेराबाइट में होती है। जैसे जब भी यूजर जीमेल खोलते हैं या अमेजन की वेबसाइट पर कोई आर्डर करते हैं या फिर फेसबुक पर किसी फोटो को लाइक करते हैं तो ये सब डाटा, डाटा सेंटर पर जाकर स्टोर हो जाता है और ये सब काम इतना गति से होता है की आपको इनके मीलों दूर रखे होने का जरा भी पता नहीं लग पता है। डेटा सेंटर के योटा डी-1 ब्लाक जुलाई 2022 में शुरू होना था लेकिन ये 31 अक्टूबर को शुरू होगा। ग्राउंड के साथ सात फ्लोर का इसे बनाया गया है। 3 लाख स्क्यावर फिट में बिल्डअप एरिया है। इसकी क्षमता 5000 सर्वर रैक की है। कुल पावर 42 मेगावाट जिसमे आईटीलोड 29 मेगावाट का है। डेटा सेंटर पर डेटाबेस की मॉनिटरिंग, वेब मानिटरिंग, बैकअप और रिस्टोर सुविधाएं मिलेंगी।  हालांकि इस डेटा सेंटर को निजी तौर पर यूज होगा या किसी कंपनी को दिया जाएगा इसे गोपनीय रखा जाता है।
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क्या खत्म हो पाएगा भाजपा में ब्राह्मणों का वनवास?

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The exile of Brahmins in BJP will end!
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 Oct 2022 06:20 PM
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- रमाकांत पांडेय Greater Noida : ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पद पर क्या इस बार ब्राह्मणों का वनवास खत्म हो पाएगा? इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में चर्चाओं तथा कयासों का दौर तेज हो गया है।

Political News :

बता दें कि जिले में तकरीबन 14 वर्षों से जिलाध्यक्ष पद पर किसी ब्राह्मण की ताजपोशी नहीं हुई है। पार्टी के सूत्रों की मानें तो श्रीचंद शर्मा के बाद किसी भी ब्राह्मण को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। श्रीचंद शर्मा वर्ष 2004 से 2007 तक पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद 2007 से 2010 तक सत्येंद्र सिंह सिसोदिया, 2010 से 2013 तक रकम सिंह भाटी, 2013 से 2016 तक ठाकुर हरि सिंह तथा 2016 से अब तक इस पद पर विजय भाटी डटे हुए हैं। इस वर्ष जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्ति होनी है। कार्यकर्ताओं की मानें तो इस बार जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी फिर किसी ब्राह्मण को दिए जाने की चर्चा है।

Political News :

इस बार जिलाध्यक्ष पद पर ब्राह्मणों की दावेदारी सबसे अधिक मजबूत मानी जा रही है। हालांकि अध्यक्ष पद के लिए गुर्जर, ठाकुर व अन्य बिरादरी के कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने आकाओं की परिक्रमा शुरू कर दी है। वहीं, ब्राह्मण बिरादरी से भी कुछ लोगों ने इस बार अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। लेकिन, इस बार हाईकमान किस बिरादरी के नेता की जिलाध्यक्ष पद पर ताजपोशी करता है, यह देखना काफी दिलचस्प होगा।
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Noida News : लौह पुरुष ने पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने में अहम भूमिका निभाई : देवेंद्र अवाना

Sardar patel
Iron Man played an important role in uniting the whole country: Devendra Awana
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 Oct 2022 05:40 PM
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Noida : नोएडा। सेक्टर-11 स्थित भारतीय सोशलिस्ट मंच के प्रदेश कार्यालय पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं आचार्य नरेन्द्र देव की जयंती श्रद्धा के साथ मनाई गई। सदस्यों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। विलक्षण प्रतिभा और व्यक्तित्व के स्वामी आचार्य नरेन्द्र देव उच्च कोटि के निष्ठावान अध्यापक और महान शिक्षाविद् थे। काशी विद्यापीठ के आचार्य बनने के बाद से यह उपाधि उनके नाम का ही अंग बन गई। देश को स्वतंत्र कराने का जुनून उन्हें स्वतंत्रता आन्दोलन में खींच लाया और भारत की आर्थिक दशा व गरीबों की दुर्दशा ने उन्हें समाजवादी बना दिया।

Noida News :

भारतीय सोशलिस्ट मंच के प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र सिंह अवाना ने कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पेशे से वकील सरदार पटेल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें खासतौर पर खेड़ा सत्याग्रह के लिए जाना जाता है। मंच के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र गुर्जर ने कहा कि आजादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में जन्मे थे। तकरीबन 562 रियासतों में बंटे भारत को एक राष्ट्र बनाने के लिए सरदार पटेल ने काफी पसीना बहाया। उन्होंने जूनागढ़ और हैदराबाद जैसे विवादित रियासत को भी अपनी चतुराई और कूटनीतिक कौशल से भारत में मिला दिया था। इसी वजह से महात्मा गांधी ने उन्हें लौहपुरुष की उपाधि प्रदान की थी। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में किसान झबेरभाई और धर्मपरायण माता लाड़बाई के परिवार में जन्मे सरदार वल्लभ भाई पटेल बचपन से ही साहसी थे।

Noida News :

प्रदेश उपाध्यक्ष रामवीर यादव ने कहा कि लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया। आप सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद यामीन, पप्पू, गौरव मुखिया, गुलशन चावला, सुनील, अजीत आदि उपस्थित रहे।