Noida News : आयकर विभाग के कानूनों में सुधार करे वित्त मंत्री : कुच्छल

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मीडिया को जारी बयान में व्यापार प्रतिनिधि मंडल द्वारा केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मांग की गई है कि आयकर की धारा 87 ए की छूट 5,00,000/- रूपये आमदनी वाले करदाताओं को दी जाती है, यह छूट सभी करदाताओं को दी जाये। साथ ही शेयर तथा म्यूचुवल फण्ड को एक साल बाद बेचे जाने पर होने वाले प्राफिट पर 10 प्रतिशत कर को हटा दिया जाना चाहिए। अध्यक्ष नरेश कुच्छल व चेयरमैन राम अवतार सिंह ने कहा, धारा 80- सी के तहत मिलने वाली छूट 1,50,000 रूपये लगभग पिछले 15-20 वर्षों से चली आ रही है, इसे बढ़ाकर 3,00,000/- रूपये की जाये और शेयर से प्राप्त होने वाले डिविडेंड पर से टैक्स हटाया जाये। मेडिकल बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली छूट 25,000/- रूपये से बढ़ाकर 50,000/- रूपये की जाये। मेडिकल बीमा न लेने वाले आयकरदाताओं को बीमारी की दशा में बीमारी पर खर्च किये गये दवा व आपरेशन हेतु एक लाख रूपये तक की छूट दी जाये। आयकरदाताओं को कनाडा, अमेरिका व अन्य देशों की तरह स्वास्थ एवं शिक्षा की| उन्होंने कहा है कि आयकर एवं केन्द्र सरकार के अन्य किसी भी विभाग में पैनाल्टी और ब्याज को राजस्व का हथियार न बनाया जाये पेनाल्टी ब्याज मामूली निर्धारित किया जाये और आयकर, टीडीएस एवं अन्य विभागों के कानूनों में व्यापारी को सजा देने का कानून समाप्त किया जाये केवल जुर्माना लगाया जाये।अगली खबर पढ़ें
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मीडिया को जारी बयान में व्यापार प्रतिनिधि मंडल द्वारा केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मांग की गई है कि आयकर की धारा 87 ए की छूट 5,00,000/- रूपये आमदनी वाले करदाताओं को दी जाती है, यह छूट सभी करदाताओं को दी जाये। साथ ही शेयर तथा म्यूचुवल फण्ड को एक साल बाद बेचे जाने पर होने वाले प्राफिट पर 10 प्रतिशत कर को हटा दिया जाना चाहिए। अध्यक्ष नरेश कुच्छल व चेयरमैन राम अवतार सिंह ने कहा, धारा 80- सी के तहत मिलने वाली छूट 1,50,000 रूपये लगभग पिछले 15-20 वर्षों से चली आ रही है, इसे बढ़ाकर 3,00,000/- रूपये की जाये और शेयर से प्राप्त होने वाले डिविडेंड पर से टैक्स हटाया जाये। मेडिकल बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली छूट 25,000/- रूपये से बढ़ाकर 50,000/- रूपये की जाये। मेडिकल बीमा न लेने वाले आयकरदाताओं को बीमारी की दशा में बीमारी पर खर्च किये गये दवा व आपरेशन हेतु एक लाख रूपये तक की छूट दी जाये। आयकरदाताओं को कनाडा, अमेरिका व अन्य देशों की तरह स्वास्थ एवं शिक्षा की| उन्होंने कहा है कि आयकर एवं केन्द्र सरकार के अन्य किसी भी विभाग में पैनाल्टी और ब्याज को राजस्व का हथियार न बनाया जाये पेनाल्टी ब्याज मामूली निर्धारित किया जाये और आयकर, टीडीएस एवं अन्य विभागों के कानूनों में व्यापारी को सजा देने का कानून समाप्त किया जाये केवल जुर्माना लगाया जाये।संबंधित खबरें
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