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Noida News : नोएडा पुलिस के बेड़े में शामिल होंगे 55 नये वाहन

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55 new vehicles will be included in the fleet of Noida Police

Noida : नोएडा। प्राधिकरण द्वारा एनओसी जारी करने के पूर्व बिल्डर को अपने खर्च पर भवनों की स्ट्रक्चरल ऑडिट करानी होगी। वह भी प्राधिकरण द्वारा नामित एजेंसी से। नोएडा में कुल 116 प्रोजेक्ट है। इसमें से 43 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके है। जिसमे 36710 यूनिट है। वहीं 63 निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में 92300 यूनिट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। 87 हजार की ओसी जारी की जा चुकी है। से पॉलिसी तीन मेजर डिफेक्ट पर आधारित है। पहली इमारत के फाउंडेशन में क्रेक और डैमेज, दूसरी फ्लोर व कॉमन एरिया में क्रेक और डैमेज और तीसरा दीवारों में क्रेक और डेमेज।

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प्राधिकरण ओसी जारी करने से पहले बिल्डर अपने खर्चे पर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराएगा। ये आडिट उसे प्राधिकरण की ओर से इम्पैनल्ड किए गए आईआईटी और एनआईटी से ही कराना होगा। यदि स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद 25 प्रतिशत फ्लैट बायर्स की ओर से स्ट्रक्चर डिफेक्ट की शिकायत की जाती है तो प्राधिकरण की ओर से गठित समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा कि डिफेक्ट मेजर है या माइनर। इसके बाद अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन एक्ट में स्ट्रक्चर डिफेक्ट को दूर किए जाने की जिम्मेदारी दो साल तक बिल्डर की होगी। वहीं रेरा अधिनियम के तहत पांच साल तक स्ट्रक्चर डिफेक्ट को दूर करने की जिम्मेदारी बिल्डर की और पांच साल बाद एओए की होगी। इस अवधि की गणना अधिभोग प्रमाण पत्र जारी होने के बाद की जाएगी।

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यदि स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो पांच साल के अंदर स्ट्रक्चर डिफेक्ट को बिल्डर की ओर से दूर किया जाएगा। दो से पांच साल की अवधि के प्रकरण में प्राधिकरण एजेंसी से ऑडिट करवाकर कमियों को दूर करने के लिए रेरा प्राधिकरण को कहेगा। इसके अलावा पांच साल से अधिक होने पर ये जिम्मेदारी एओए की होगी।

नोएडा प्राधिकरण की 207वीं बोर्ड बैठक सेक्टर-6 मुख्य प्रशासनिक खंड के कार्यालय में हुई। बैठक में 12 एजेंडे रखे गए। इसमें से छह एजेंडो को स्वीकृत किया गया। बैठक औद्योगिक विकास आयुक्त उप्र एवं चेयरमैन नोएडा अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सीईओ रितु माहेश्वरी, एसीईओ यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण मोनिका रानी के अलावा बोर्ड के सदस्य मौजूद रहे।

अव्यावहारिक बोली लगाने वालों की जब्त होगी ईएमडी :

प्राधिकरण की ओर से विभिन्न श्रेणी की योजनाओं के लिए ई ऑक्शन किया गया। जिसमे लोगों ने अव्यावहारिक बोली लगाई। साथ ही धनराशि जमा करने में असमर्थता व्यक्त की। ऐसा दोबारा किसी योजना में न हो इसके लिए ऐसे आवेदन कर्ताओं की 100 प्रतिशत ईएमएडी/ रजिस्ट्रेशन राशि जब्त कर ली जाएगी। तय समयसीमा में ही प्लाट सरेंडर किए जाएंगे। जिसमे प्रत्येक प्रकरण में न्यनूतम 30 प्रतिशत धनराश की कटौती की जाएगी।

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