Noida News: नया गांव में 2 दिन पूर्व 7 वर्षीय बच्ची के साथ डिजिटल रेप की वारदात को अंजाम देने के आरोपी युवक को थाना फेस 2 पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
Khatron Ke Khiladi 13: स्टंट शूट के दौरान ऐश्वर्या शर्मा हुई घायल, देखें तस्वीरें
Noida News: पकड़े गए आरोपी के पास से एक चाकू भी बरामद हुआ है।
Noida News: एडीसीपी डॉ राजीव दीक्षित ने बताया कि गत 17 मई को नया गांव निवासी एक व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था कि किसी अज्ञात युवक ने उनकी 7 वर्षीय बेटी के साथ डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया है। पीड़ित की शिकायत पर अज्ञात युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर फेस 2 बस स्टैंड के पास से शुभम पुत्र स्वर्गीय दयाराम निवासी गांव मैलानी जिला लखीमपुर खीरी को गिरफ्तार किया। इसके पास से चाकू भी बरामद हुआ। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह बच्ची को टॉफी का लालच देकर अपने साथ ले गया था और मकान के अंदर ले जाकर उसके साथ डिजिटल रेप किया था। पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को न्यायालय में पेश किया है जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
थाना क्षेत्र के नया गांव में रहने वाले एक व्यक्ति की (7 वर्षीय) बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। इस दौरान एक युवक उसे टॉफी दिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गया। युवक बच्ची को सुनसान जगह ले गया जहां उसके साथ उसने डिजिटल रेप किया। बच्ची के चिल्लाने पर युवक मौके से भाग निकला। सुनसान जगह पर बच्ची को रोता देखकर आस-पड़ोस के लोगों ने उससे परिजनों के बारे में जानकारी ली और उन्हें सूचना दी।
क्या है Digital Rape:
डिजिटल रेप का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यौन उत्पीड़न इंटरनेट के माध्यम से किया गया हो। डिजिटल रेप शब्द दो शब्दों को जोड़कर बना है जो डिजिट और रेप है। इंग्लिश के डिजिट का मतलब हिंदी में अंक होता है तो वहीं अंग्रेजी के शब्दकोश में डिजिट उंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली इन शरीर के अंगो को भी डिजिट कहा जाता है। अगर कोई शख्स महिला की बिना सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट्स को अपनी अंगुलियों या अंगूठे से छेड़ता है तो ये डिजिटल रेप कहलाता है, यानी जो शख्स अपने डिजिट का इस्तेमाल करके यौन उत्पीड़न करे तो ये डिजिटल रेप कहा जाता है। विदेशों की तरह भारत में इसके लिए कानून बना है। साल 2013 से पहले भारत में छेड़खानी या डिजिटल रेप को लेकर कोई कानून नहीं था. लेकिन निर्भया केस के बाद साल 2013 में इस शब्द को मान्यता मिली. बाद में डिजिटल रेप को Pocso एक्ट के अंदर शामिल किया गया। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि डिजिटल रेप की वारदातें बच्चों को साथ होती हैं। ऐसे में बच्चों के हाव भाव पर नजर रखने की जरुरत है।