Noida : नोएडा । बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009(Right to Child Education Act 2009) को अमली जामा पहनाने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहे जितने भी कड़े निर्देश जारी करें लेकिन धरातल पर उनके आदेश हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं। गौतमबुद्धनगर जनपद में खुले आम इन आदेशों का उल्लंघन हो रहा है। इसके बावजूद भी स्कूलों के खिलाफ प्रशासन कोई भी कड़ी कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। कार्रवाई के नाम पर महज नोटिस भेजकर औपचारिकता पूरी की जा रही है।
ऐसा ही मामला गांव सुल्तानपुर निवासी भाजपा नेता अभय त्यागी के साथ देखने को मिला। उन्होंने अपने पुत्र सार्थक त्यागी का कक्षा-1 में दाखिला दिलाने के साथ आरटीआई-2009/37376/ 2022/2023 के तहत आवेदन किया था। प्रशासन द्वारा जारी में स्टेप बाई स्टेप स्कूल में दाखिले के लिए सार्थक को नामित भी कर लिया गया। उन्होंने स्कूल में दाखिले के लिए आवेदन भी किया। लेकिन 11 अप्रैल से अभी तक वे स्कूल के चक्कर लगा रहे हैं। उनके बेटे सार्थक का दाखिला नहीं हुआ। इस बीच न तो उनको स्कूल के प्रिंसिपल से मिलने दिया गया और न ही कोई संतोषजनक जवाब दिया जा रहा है। अलबत्ता स्टेप बाई स्टेप प्रबंधन की ओर से एक आरडब्यूए अध्यक्ष सुजीत पांडे ने जरूर अभय त्यागी से दाखिला को लेकर बात की। पहले तो श्री पांडे ने व्यक्तिगत मिलने को कहा बाद में उन्होंने फोन भी उठाना बंद कर दिया। स्कूल प्रबंधन ने आरडब्ल्यूए अध्यक्ष को किस हैसियत से दाखिले के मामले में डील करने की जिम्मेदारी दी। वह समझ से परे है।
बेटे का दाखिला न होने पर अभय त्यागी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी से भी 26 अप्रैल को लिखित शिकायत की तथा उनसे बात की। उन्होंने मामले पर विचार करने का आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
बता दें कि स्टेप बाई स्टेप वही स्कूल है जिसने एक वर्ष पूर्व एक मामले में नगर मजिस्ट्रेट तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी को एक घंटे तक स्कूल परिसर में घुसने नहीं दिया था फिर भी प्रशासन स्कूल प्रबंधन पर कोई कार्यवाही नहीं कर सका।
बता दें कि अभय त्यागी की तरह ऐसे सैकड़ों अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी का दंश झेल रहे हैं। लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा नजर आ रहा है। अभी तक किसी भी स्कूल के खिलाफ मुख्यमंत्री के आदेश का उल्लंघन करने पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
क्या कहती है बीएसए ऐश्वर्र्य लक्ष्मी
नोएडा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ऐश्वर्र्य लक्ष्मी का कहना है कि ऐसी कई शिकायतें मिल रही है वह इस मामले में अब तक 70 स्कूलों को नोटिस भेज चुकी हैं। 30 अप्रैल तक यदि स्कूलों ने कोई कार्रवाई नहीं की तो इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए सीबीएसई बोर्ड को पत्र लिखा जाएगा। इस बाबत जिलाधिकारी से भी बातचीत हुई है।