Saturday, 20 April 2024

Noida News : भाटी गैंग के कारनामों से खुली पुलिस कमिश्नरी की पोल, कायम है माफियाराज

– राजकुमार चौधरी Noida/Dehradun : नोएडा/देहरादून । उत्तराखंड पुलिस ने रणदीप भाटी गैंग के तीन शूटरों को गिरफ्तार कर जो…

Noida News : भाटी गैंग के कारनामों से खुली पुलिस कमिश्नरी की पोल, कायम है माफियाराज

– राजकुमार चौधरी

Noida/Dehradun : नोएडा/देहरादून । उत्तराखंड पुलिस ने रणदीप भाटी गैंग के तीन शूटरों को गिरफ्तार कर जो खुलासा किया है उससे इस बात की तस्दीक हो गई है कि गौतमबुद्धनगर में माफिया का सिंडिकेट अपनी जड़ें जमाए हुए है। उसने अपने काम करने के तरीकों में कुछ फेरबदल कर अपने मंसूबों को अंाजम देना जारी रखा है। यानि यहां माफिया राज निरंतर चल रहा है।

ज्ञात रहे कि जनपद गौतमबुद्धनगर तीन दशक से माफियाओं की गिरफ्त में रहा है। यमुना और हिंडन के बीच बसा यह जिला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगों की पहली पसंद रहा है। महेन्द्र फौजी, सतबीर, गुर्जर, नरेश भाटी यहां की सरजमी पर अपना दबदबा कायम रखने के लिए अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते थे। एक दौर ऐसा भी रहा जब सुंदर भाटी नामक बाहुबली का यहां एकछत्र राज रहा। कंपनियों से उगाही, ट्रांसपोर्ट के कारोबार से लेकर ठेकेदारी के अलावा स्क्रैप की खरीद-फरोख्त में वर्चस्व को लेकर समय-समय पर यहां वारदातों को अंजाम दिया जाता  रहा है। शायद यही वजह रही होगी कि प्रदेश में जो भी सरकार रही उसकी छवि को बनाने और बिगाडऩे के लिए इसी इलाके को चुना जाता रहा है। इसकी एक बड़ी वजह इस इलाके का देश की राजधानी दिल्ली से सटा होना भी रहा है। सूत्र बताते हैं कि यहां आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद ये गैंग पनाह के लिए हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड को अपनी शरण स्थली के तौर पर उपयोग करता रहा है।

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अब बात करते हैं मौजूदा हालातों की। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता संचित शर्मा उर्फ सिंगा पंडित पर हुए हमले के बाद उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ के कप्तान आयुष अग्रवाल ने मीडिया के सामने जो खुलासा किया है। उससे एक बात तय हो गयी है कि गौतमबुद्धनगर में माफिया का सिंडिकेट प्रभावी है। एसटीएफ के एसएसपी ने पत्रकारों को बताया कि संचित शर्मा पर हमला करने के आरोपी हरपाल निवासी गुजरमाजरी रेवाडी (हरियाणा) गौरव कुमार चंदीला निवासी भटौला  खेडी पुल (फरीदाबाद) गौरव कुमार बंसल निवासी भगौट जिला बागपत उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है। ये वहां किसी वारदात को अंजाम देना चाहते थे। इससे पहले इन्हें उत्तराखंड की एसटीएफ टीम ने धर दबोचा। पूछताछ में इन तीनों ने बताया कि संचित शर्मा उर्फ सिंगा पंडित पर इन्होंने रणदीप भाटी के कहने पर हमला किया है। इसकी मुख्य वजह एक ठेका रहा है। एक कंपनी में रणदीप भाटी के गुर्गे का ठेका था। लेकिन इस ठेके पर संचित शर्मा ने नजर डाल दी। यही बात रणदीप को नागवार गुजरी और हमला हो गया।

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खास बात यह है कि इन तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट ने भी बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को जानकारी दी। पुलिस ने अपने प्रेस नोट में बताया है कि संचित शर्मा पर हुए हमले के एक और आरोपी अश्वनी उर्फ रिंकू पुत्र सूरजपाल निवासी नंगली सकरावली नजफगढ़ (दिल्ली) को परी चौक से गिरफ्तार किया हैं इस बहुचर्चित मामले को अंजाम देने वाला अश्वनी रणदीप गैंग के श्ूाटर के तौर पर भाड़े पर हत्या करने का काम कर रहा है। पुलिस के इस खुलासे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि गौतमबुद्धनगर जिले में शुरू की गई पुलिस कमिश्नरी वाली व्यवस्था इस जिले में माफिया के सिंडिकेट की कमर नहीं तोड़ पाई है। इसे नेस्तनाबूत करने के लिए पुलिस के तेज तर्रार अफसरों को अधिक प्रयास करने होंगे। ऐसे कोई गंभीर प्रयास यहां नजर नहीं आ रहे हैं।

33 महीने बनाम सिंडिकेट

13 जनवरी 2022 को गौतमबुद्धनगर, कानपुर, लखनऊ और बनारस को कमिश्नरेट का दर्जा दिया गया। इन चारों महानगरों में रहने वाले बासिंदों को बेहतर पुलिसिंग मिले यही मकसद इसके पीछे था। एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर मानते हैं कि कमिश्नरेट बनने के बाद पुलिस के बड़े अफसरों का जनता से सीधे जुडाव रहता है। पुलिस के जमीनी स्तर पर काम करने वले कोतवाल या चौकी इंचार्जों पर दबाव होना स्वभाविक है। कमिश्नरेट को स्थापित हुए 33 महीने का समय बीत चुका है। इस दौरान यहां पुलिस और माफियाओं के बीच सौ से अधिक मुठभेड़ हो चुकी हैं। दर्जनों बार किसानों के आंदोलन हो चुके हैं। यहां के पहले कप्तान रहे और वरिष्ठ आईपीएस  लव कुमार और एडीसीपी नोएडा रहे रणविजय सिंह को उनकी कार्यशैली के लिए जनता के बीच हमेशा याद किया जाएगा। कानून के जानकारों का कहना है कि पुलिस से जनता की अपेक्षाएं अधिक होती हैं। चूंकि इसका सीधा जुड़ाव आम आदमी से होता है। इसलिए यदि कोई अफसर या पुलिसकर्मी जनता की संवेदनाओं को नहीं समझ पाता है तो फिर बदनामी होनी भी स्वभाविक है। इन दिनों बढ़ते हुए अपराधों से नोएडा की पूरे देश में किरकिरी हो रही है।

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