Saturday, 20 April 2024

इमारत को ध्वस्त न किया जाए

नोएडा। एमएसएमई इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन नोएडा ने देश के राष्ट्रपति से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद…

इमारत को ध्वस्त न किया जाए

नोएडा। एमएसएमई इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन नोएडा ने देश के राष्ट्रपति से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेक्टर-93ए में सुपरटेक के एमराल्ड टॉवरों को ध्वस्त करना उचित नहीं होगा। इन दोनों टॉवरों को किसी ऑबजर्वर के अधीनस्त कर सरकारी संपत्ति घोषित कर दी जाए।

राष्ट्रपति को लिखे पत्र में एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाहटा ने कहा कि प्राधिकरण के भ्रष्टाचार के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने एमराल्ड टावरों को गिराने का आदेश दिया। एसआईटी का गठन किया गया। इसका सबसे बड़ा खमियाजा रियल स्टेट सेक्टर को भुगतना पड़ रहा है। नोएडा की छवि इतनी ज्यादा खराब हुई कि यहा वर्तमान में कोई भी रियल स्टेट कंपनी सेक्टर में बड़ा निवेश नहीं करना चाहती और भविष्य अंधकार में नजर आने लगा है !

2004 में प्राधिकरण ने सुपरटेक को भूखंड का आवंटन किया। 2014 तक दोनों टावरों का 37-37 मंजिला निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। इसको बनने में हजारों की संख्या में श्रमिकों ने श्रमदान किया। प्राधिकरण व बिल्डर की महत्वाकांक्षा ने इस योजना को भ्रष्टाचार का पुलिंदा बना दिया।

हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पक्ष में है और सम्मान भी करते हैं लेकिन इमारत को ध्वस्त करना हजारों श्रमिकों के द्बारा की गई मेहनत के साथ बेमानी होती सी दिखाई देने लग रही है और देश की सम्पत्ति ध्वस्त होती भी। इसलिए इमारत को ध्वस्त न कर इसे किसी आबजर्वर के अधिनस्त कर सरकारी सम्पत्ति घोषित कर दिया जाये। ताकि इसका निर्माण कार्य पूरा कराकर इसको उपयोग में लाया जा सके।

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