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एमिटी के संस्थापक अध्यक्ष एवं शिक्षाविद् डा. अशोक कुमार चौहान ‘प्रतिष्ठित अकादमिक पुरस्कार’ से सम्मानित

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Noida News / नई दिल्ली (चेतना मंच)। एमिटी एजुकेशनल एंड रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट के संस्थापक अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद डा. अशोक कुमार चौहान को नई दिल्ली के होटल द ललित में डीआरडीओं द्वारा आयोजित इंडिया डिफेंस कानक्लेव 2023 में रक्षा प्रौद्योगिकियों में युवाओं को बढ़ावा देने और कौशल प्रदान करने के लिए ‘प्रतिष्ठित अकादमिक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। डा. चौहान को यह सम्मान भारत सरकार के केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा प्रदान किया गया।

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भारत सरकार के केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इंडिया डिफेंस कानक्लेव 2023 का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत ने पिछले 9 वर्षो में असीमित ‘अंतरिक्ष’ को पार कर लिया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कई नीतिगत पहल की है। रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों को नीतिगत अंतरालों को पाटकर अपने तेज और स्वदेशी विकास के लिए सक्षम वातावरण प्राप्त हुआ है। भारत क्वांटम प्रौद्योगिकियों में विशिष्ट देशों में शामिल हो गया है। हमारे युवा अपनी अभूतर्पूव क्षमता और निजी औद्योगिकी उद्यम की ताकत आने वाले समय में वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का नेतृत्व करेंगे।

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एमिटी एजुकेशनल एंड रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट के संस्थापक अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद डा. अशोक कुमार चौहान ने सम्मानित किये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान प्राप्त करना बेहद खुशी देने वाला है। एमिटी सदैव युवाओं में विज्ञान सहित रक्षा प्रौद्योगिकियों के प्रोत्साहन हेतु कार्य करता रहा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि वर्ष-2030 तक हमारे प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक महाशक्ति बन जाएगा और वर्ष-2047 तक जब भारत 100 साल की आजादी का जश्न मनाएगा तब यह विश्व का आर्थिक और बौद्धिक महाशक्ति होगा। हम युवाओं को देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार करते है जो देश को आत्मनिर्भर और महाशक्ति बनने में सहायक होगा।

इंडिया डिफेंस कानक्लेव 2023 के दौरान भारत रक्षा और एयरोस्पेस में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, रक्षा में साइबर सुरक्षा की भूमिका, रक्षा क्षेत्र मे आत्मनिर्भरता और सुधार, प्रौद्योगिकी और प्रणाली, रक्षा अनुसंधान एवं विकास मे नेतृत्व के लिए एंड टू एंड इकोसिस्टम जैसे विषयों पर पैनल सत्रों व परिचर्चा सत्रों का आयोजन किया गया।

एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा. डब्लू सेल्वामूर्ति ने पैनल चर्चा के दौरान ‘‘ अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के लिए मानव अवसंरचना संसाधन’’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए तीन प्रमुख संस्थान है डीआरडीओ, रक्षा उद्योग और शिक्षा जगत। भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनना चाहिए बल्कि पूरी विश्व को रक्षा उपकरणों की डिजाइनिंग निर्माण और आपूर्ति करके विश्व निर्माण हेतु अग्रणी रहना चाहिए। रक्षा प्रौद्योगिकी के लिए उत्कृष्टता केंद्र शैक्षिक संस्थानों द्वारा बनाए जाने चाहिए। देश में रक्षा क्षेत्र में विकास के लिए शिक्षाविदों, डीआरडीओ, और उद्योगों के बीच सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस इंडिया डिफेंस कानक्लेव 2023 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए भारत सरकार के रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व विकास देखा है। भारत एक मजबूत आर्थिक और ज्ञानशक्ति के रूप में आत्मनिर्भरता की राह पर चल रहा है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डा जी सतीश रेड्डी, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, डीआरडीओ चेयरमैन डा. समीर वी कामत, सहित राजदूत, वैज्ञानिक, अधिकारी व वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे।

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