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नोएडा न्यूज़ : पांच सितंबर पर सबकी नजर - चेतना मंच Warning: Undefined array key 1 in /home/chetnamanch/public_html/wp-content/themes/chetnamanch/functions.php on line 1518
किसान नेता राकेश टिकैत ने ‘चेतना मंचÓ के प्रधान संपादक रामपाल रघुवंशी के साथ साक्षात्कार में जिस विस्फोटक दिन का ऐलान किया था, वो 5 सितम्बर आने ही वाला है।
टिकैत ने रघुवंशी से कहा था कि 5 सितम्बर को मुजफ्फरनगर में ‘संयुक्त किसान मोर्चाÓ कोई ‘बड़ा और कड़ाÓ फैसला लेगा।
अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद, और उससे बहुत बड़े पैमाने पर, आज किसान महापंचायत के जरिये जमीनी स्तर पर लोग संगठित हो रहे हैं।
एक कृषक परिवार से होने के नाते मेरी उत्सुकता है कि 5 सितम्बर को क्या उद्घोषणा होगी।
जाहिर है, मेरी सहानुभूति किसानों के साथ है। मैंने अपनी 43 साल कि पत्रकारिता में देखा है कि किसानों को लाभकारी मूल्य न मिल पाने का नतीजा पूरे देश की अर्थ-व्यवस्था को भुगतना पड़ता है। अगर किसानों के पास श्चह्वह्म्ष्द्धड्डह्यद्बठ्ठद्द श्चश2द्गह्म् होगी तो साबुन, कपडा, साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, पंखा, फ्रिज, टीवी और मोबाइल जैसी वस्तुओं की बिक्री बढ़ेगी। यानी इंडस्ट्रियल सेक्टर को ऑक्सीजन मिलेगी। ये है सबका साथ सबका विकास। और यही हासिल नहीं हो पा रहा है। वास्तविकता ये है कि आज देश में केवल 8 प्रतिशत किसानों को समुचित रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा मिल पा रहा है। जगह-जगह से ये शिकायत आती हैं कि स्नशशस्र ष्टशह्म्श्चशह्म्ड्डह्लद्बशठ्ठ ह्रद्घ ढ्ढठ्ठस्रद्बड्ड ने या तो प्रोक्यूर्मेंट सेण्टर खोला नहीं, या खोलने में इतनी देर कर दी कि किसानों की सांस उखाडऩे लगी और उन्होंने मजबूरी में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर अपना उत्पाद लोकल आढ़तियों को बेच दिया।
न्यूनतम समर्थन मूल्य वास्तव में लाभकारी मूल्य से कम है। अगर सरकार किसानों को दिया ये आश्वासन भी पूरा नहीं कर पाती तो किसान किसका आसरा करे? आज आहत होकर किसान 5 सितम्बर की ओर देख रहे हैं। मैं भी ये जानने के लिए लालायित हूँ कि वो ‘बड़ा और कड़ाÓ फैसला क्या होगा?