Noida News : दलालों के चंगुल से मुक्त नहीं हुआ एआरटीओ विभाग
Sonia Khanna
जगदीश शर्मा
नोएडा। सेक्टर-32 स्थित एआरटीओ कार्यालय में तमाम सख्ती के बावजूद दलालों पर नकेल नहीं कस पा रही है। वाहन के पंजीयन से लेकर कोई भी कार्य बिना दलालों के नहीं हो पाता है। यहां तक फर्जीवाड़ा करने में भी एआरटीओ विभाग में सक्रिय दलालों की मुख्य भूमिका होती है।
दादरी पुलिस द्वारा पिछले दिनों एक ऐसा गिरोह पकड़ा गया जो फर्जी कागजात पर लोन लेकर गाडिय़ां खरीदता था और एआरटीओ विभाग में सक्रिय दलालों से मिलीभगत कर उन्हें बेच देेते थे। इस मामले में शामिल दलाल वाहनों के पंजीयन से लेकर एनओसी दिलाने का कार्य करते थे। फिलहाल यह दलाल फरार हैं। दादरी पुलिस के इस खुलासे ने साफ कर दिया है कि एआरटीओ विभाग में सक्रिय दलालों की विभाग में कितनी पकड़ है। जबकि आम आदमी को अपना सामान्य काम कराने के लिए भी अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। जब उनका समय से काम नहीं होता तो उन्हें दलालों का सहारा लेना पड़ता है।
विभाग के बाहर कुर्सी-मेज डाले बैठे हुए इन दलालों को हटाना विभाग के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि विभाग के कई अधिकारियों व कर्मचारियों की इन दलालों से सांठगांठ है। शाम को विभाग के कुछ अधिकारी इन्हीं दलालों से दिन भर का हिसाब लेते हैं कि किस दलाल ने पूरे दिन में कितनी फाइल पास करवाई हैं।
एआरटीओ विभाग में सक्रिय दलालों की पूरी खबर अधिकारियों को है। क्योंकि दलालों द्वारा डील की गई फाइलों पर कुछ अधिकारी कोड नम्बर तक डालते हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी ही फाइल पर कुछ न कुछ आपत्ति लगाकर लोगों को दलालों के पास भेजने को मजबूर करते हैं और दलाल चंद मिनटों में फाइल का काम कराकर ऊंची कीमत वसूल लेते हैं। जिसमें विभाग के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों का भी हिस्सा होता है।